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गोपालगंज: बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा पोषण पुर्नवास केंद्र, 7 हजार बच्चे हो चुके हैं लाभान्वित - 2100 rupees given to parents as financial loss

पोषण पुनर्वास केंद्र में माताओं को भी बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है. वर्ष 2011 से चल रहे पोषण पुनर्वास केंद्र से अब तक गंभीर रूप से कुपोषित 7 हजार 30 बच्चे लाभान्वित हो चुके हैं.

पोषण पुर्नवास केंद्र
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Published : Sep 6, 2019, 10:46 AM IST

गोपालगंज: जिले के सदर अस्पताल में स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र कुपोषित बच्चों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. इस केंद्र में बच्चों को पौष्टिक आहार और स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ-साथ अभिभावकों को भी पौष्टिक आहार दिया जाता है. इसके साथ आर्थिक क्षति के रूप में 14 दिनों बाद 2100 रुपये भी परिजनों को दिये जाते हैं.

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14 दिनों तक होता है कुपोषित बच्चों का इलाज

20 बेड वाले इस केंद्र में बच्चों को आवश्यक पोषक तत्व उपलब्ध कराए जाते हैं. साथ ही माताओं को भी बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है. केंद्र में भर्ती बच्चों को खिलौने और रोजमर्रा के खाद्य पदार्थ में भी पोषक तत्वों की उपलब्धता के लिए विशेष जानकारी दी जाती है. सदर अस्पताल में वर्ष 2011 से चल रहे पोषण पुनर्वास केंद्र से अब तक गंभीर रूप से कुपोषित 7 हजार 30 बच्चे लाभान्वित हो चुके हैं.

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माताओं को भी बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए दिया जाता है प्रशिक्षण

14 दिनों तक होता है कुपोषित बच्चों का इलाज
यहां 6 महीने से 5 वर्ष तक के वैसे बच्चे को भर्ती किया जाता है जिनका वजन उम्र के अनुसार कम है. सारे बच्चे केंद्र के तैनात डॉक्टर द्वारा चेकअप के बाद भर्ती किए जाते हैं. बताया जाता है कि अगर यहां भर्ती कोई भी बच्चा 14 दिनों में कुपोषण से मुक्त नहीं हो पाता है तो वैसे बच्चों को एक माह और यहां रखा जाता है.

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पोषण पुर्नवास केंद्र

आर्थिक क्षति के रूप में दिये जाते हैं 2100 रुपये
इस केंद्र में 40 बच्चों को 14 दिनों के लिए भर्ती किया जाता है. 14 दिनों के बाद बच्चा स्वास्थ्य होने के बाद उसे डिस्चार्ज कर उसकी मां के अकांउट में 2100 रुपये आर्थिक क्षति के रूप में दिया जाता है. प्रतिदिन बच्चों का वजन किया जाता है. वजन के अनुसार उन्हें डाइट भी दिया जाता है. बच्चों को दूध, फल, हलवा, मेवा और जरूरी दवाईयां उपलब्ध कराई जाती हैं. माताओं के लिये भी नाश्ता और भोजन की व्यवस्था की जाती है.

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मुफ्त में दी जाती है दवाई

अब तक 7 हजार 30 बच्चों को मिला है लाभ
इस केंद्र में 2 डॉक्टर, एक एफडी, एक सीबीसी, दो रसोईया, एक स्वीपर और दो काउंसलर तैनात किए गए हैं. मामले की जानकारी देते हुए पोषण विशेषज्ञ अनिता पांडे ने बताया कि साल 2001 से अभी तक 7 हजार 30 बच्चे लाभान्वित हो चुके हैं. आंगनबाड़ी केंद्रों और आशा के माध्यम से केंद्र की गतिविधियों के बारे में लोगों तक जानकारी पहुंचाई जाती है.

पेश है रिपोर्ट

यहां एडिमा नामक बीमारी का भी होता है इलाज
उन्होंने बताया कि इसके अलावा यहां एडिमा नामक बीमारी का भी इलाज किया जाता है. एडिमा की पहचान यह है कि बच्चे के शरीर में सूजन हो जाता है. यह पैर से शुरू होता है और धीरे-धीरे शरीर के अन्य भागों में भी फैल जाता है. सूजन के स्थान पर दबाने से वहां देर तक गड्ढा बना रहता है.

गोपालगंज: जिले के सदर अस्पताल में स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र कुपोषित बच्चों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. इस केंद्र में बच्चों को पौष्टिक आहार और स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ-साथ अभिभावकों को भी पौष्टिक आहार दिया जाता है. इसके साथ आर्थिक क्षति के रूप में 14 दिनों बाद 2100 रुपये भी परिजनों को दिये जाते हैं.

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14 दिनों तक होता है कुपोषित बच्चों का इलाज

20 बेड वाले इस केंद्र में बच्चों को आवश्यक पोषक तत्व उपलब्ध कराए जाते हैं. साथ ही माताओं को भी बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है. केंद्र में भर्ती बच्चों को खिलौने और रोजमर्रा के खाद्य पदार्थ में भी पोषक तत्वों की उपलब्धता के लिए विशेष जानकारी दी जाती है. सदर अस्पताल में वर्ष 2011 से चल रहे पोषण पुनर्वास केंद्र से अब तक गंभीर रूप से कुपोषित 7 हजार 30 बच्चे लाभान्वित हो चुके हैं.

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माताओं को भी बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए दिया जाता है प्रशिक्षण

14 दिनों तक होता है कुपोषित बच्चों का इलाज
यहां 6 महीने से 5 वर्ष तक के वैसे बच्चे को भर्ती किया जाता है जिनका वजन उम्र के अनुसार कम है. सारे बच्चे केंद्र के तैनात डॉक्टर द्वारा चेकअप के बाद भर्ती किए जाते हैं. बताया जाता है कि अगर यहां भर्ती कोई भी बच्चा 14 दिनों में कुपोषण से मुक्त नहीं हो पाता है तो वैसे बच्चों को एक माह और यहां रखा जाता है.

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पोषण पुर्नवास केंद्र

आर्थिक क्षति के रूप में दिये जाते हैं 2100 रुपये
इस केंद्र में 40 बच्चों को 14 दिनों के लिए भर्ती किया जाता है. 14 दिनों के बाद बच्चा स्वास्थ्य होने के बाद उसे डिस्चार्ज कर उसकी मां के अकांउट में 2100 रुपये आर्थिक क्षति के रूप में दिया जाता है. प्रतिदिन बच्चों का वजन किया जाता है. वजन के अनुसार उन्हें डाइट भी दिया जाता है. बच्चों को दूध, फल, हलवा, मेवा और जरूरी दवाईयां उपलब्ध कराई जाती हैं. माताओं के लिये भी नाश्ता और भोजन की व्यवस्था की जाती है.

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मुफ्त में दी जाती है दवाई

अब तक 7 हजार 30 बच्चों को मिला है लाभ
इस केंद्र में 2 डॉक्टर, एक एफडी, एक सीबीसी, दो रसोईया, एक स्वीपर और दो काउंसलर तैनात किए गए हैं. मामले की जानकारी देते हुए पोषण विशेषज्ञ अनिता पांडे ने बताया कि साल 2001 से अभी तक 7 हजार 30 बच्चे लाभान्वित हो चुके हैं. आंगनबाड़ी केंद्रों और आशा के माध्यम से केंद्र की गतिविधियों के बारे में लोगों तक जानकारी पहुंचाई जाती है.

पेश है रिपोर्ट

यहां एडिमा नामक बीमारी का भी होता है इलाज
उन्होंने बताया कि इसके अलावा यहां एडिमा नामक बीमारी का भी इलाज किया जाता है. एडिमा की पहचान यह है कि बच्चे के शरीर में सूजन हो जाता है. यह पैर से शुरू होता है और धीरे-धीरे शरीर के अन्य भागों में भी फैल जाता है. सूजन के स्थान पर दबाने से वहां देर तक गड्ढा बना रहता है.

Intro:गोपालगंज सदर अस्पताल में स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र कुपोषित बच्चो के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इस केंद्र में बच्चों को पौष्टिक आहार स्वास्थ्य सुविधाएं के साथ उसके मां को भी पोष्टिक आहार के साथ आर्थिक क्षति के रूप से में 14 दिन बाद 21 सो रुपए भी दिया जाता है। 20 बेड़ो वाला इस केंद्र में बच्चों को आवश्यक पोषक तत्व उपलब्ध कराए जाते हैं। साथ ही माताओं को भी बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाता है। केंद्र में भर्ती बच्चों को खिलौने, रोजमर्रा के खाद्य पदार्थ में भी पोषक तत्वों की उपलब्धता के लिए विशेष जानकारी दी जाती है। सदर अस्पताल में वर्ष 2011 से चल रहे पोषण पुनर्वास केंद्र से अब तक गंभीर रूप से कुपोषित 7 हजार 30 बच्चे लाभान्वित हो चुके हैं। यहां छः माह से 5 वर्ष तक के वैसे बच्चे को भर्ती किया जाता है। जिनकी वजह उम्र के अनुसार कम है। साथ ही केंद्र के तैनात डॉक्टर द्वारा चेकअप के बाद भर्ती किए जाते हैं। बताया जाता है कि अगर यहां रखा गया कोई बच्चा 14 दिन में कुपोषण से मुक्त नहीं हो पाता है तो वैसे बच्चों को एक माह तब यहां रखा जाता है पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती बच्चों की स्वास्थ्य के प्रति दिन सदर अस्पताल के चिकित्सक द्वारा जांच किया जाता है




Body: इसके अलावा यहां एडिमा नामक बीमारी का भी इलाज किया जाता है अगर बच्चो में एडिमा नामक बीमारी है, तो उसे इलाज के लिए रखा जाता है। एडिमा की पहचान यह है कि बच्चे के शरीर में सूजन हो जाता है। यह पैर से शुरू होता है और धीरे-धीरे शरीर के अन्य भागों में भी फैल जाता है। सूजन के स्थान पर दबाने से वह देर तक गड्ढा बना रहता है। इस केंद्र में 40 बच्चो को 14 दिनों के लिए भर्ती किया जाता है। 14 दिनों के बाद बच्चा स्वास्थ्य होने के बाद उसे डिस्चार्ज कर उसके मा के अकांउट में 21 सौ रुपए आर्थिक क्षति के रूप में दिया जाता है। प्रतिदिन बच्चों का वजन किया जाता है। वजन के अनुसार उन्हें डाइट भी दिया जाता है। बच्चों को दूध फल, हलवा, मेवा व जरूरी दवाएं उपलब्ध कराई जा रही है। केंद्र के बच्चों को तीन तरह के डाइट दिए जाते। माताओं को भी नाश्ता व भोजन की व्यवस्था की जाती। बच्चों की मां ने बताया कि यहां बच्चों के साथ-साथ हमें भी खाना पीना मिलता है। इलाज भी करते हैं, हमारे बच्चे कमजोर थे लेकिन अब यहां पर आकर हमारे बच्चे सही हो गए।
आंगनबाड़ी केंद्रों व आशा के माध्यम से केंद्र की गतिविधियों के बारे में लोगों तक जानकारी पहुंचाई जाती है। अस्पताल से रेफर किए गए बच्चे को भी भर्ती कर बच्चों के माता-पिता सीधी भर्ती करा सकते। इस केंद्र में 2 डॉक्टर एक एफडी एक सीबीसी दो रसोईया एक स्वीपर दो काउंसलर तैनात किए गए हैं यह प्रतिमा 40 बच्चों का ही भर्ती लिया जाता है। इस संदर्भ में जब हमने पोषण विशेषण अनीता पांडे से बात की तो उन्होंने बताया कि 201से अभी तक हम लोग 7 हजार 30 बच्चे जिले के विभिन्न प्रखण् के लोगो द्वारा सम्भव की जाती है डॉक्टर साहब को दिखाते हैं जब तक पहुंचा ठीक नहीं होता है हम लोग बच्चा को अपने देखरेख में रखते हैं बच्चे अरे जो दवा देते हैं वह अन्य में


Conclusion:na
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