ETV Bharat / state

Flood In Gopalganj: आश्रय स्थल में शरण ले चुके लोगों को नहीं मिल रहा दूध ना बिछावन

गोपालगंज (Gopalganj) में 21 गांव बाढ़ से पूरी तरह से प्रभावित हैं. कई लोगों ने सदर प्रखंड के जगीरी टोला पंचायत के राजोखर उत्क्रमित मध्यविद्यालय में कम्युनिटी किचन और आश्रय स्थल में शरण लिया है लेकिन वहां समुचित व्यवस्था नहीं है.

बाढ़ पीड़ित
बाढ़ पीड़ित
author img

By

Published : Jun 20, 2021, 8:59 PM IST

गोपालगंजः बिहार के गोपालगंज (Gopalganj) जिले को गोलाल सदर प्रखंड के 6 पंचायतों के 21 गांव बाढ़ से पूरी तरह प्रभावित हैं. इन प्रभावित पंचायत के कुछ लोग या तो अपने रिश्तेदारों के यहां शरण ले चुके हैं तो कुछ लोग किराये के मकान में रहने चले गए हैं.

वहीं, बिना आश्रय के लोगों के लिए गोपालगंज जिला प्रशासन (Gopalganj District Administration) द्वारा सदर प्रखंड के जगीरी टोला पंचायत के राजोखर उत्क्रमित मध्यविद्यालय में कम्युनिटी किचन (Community kitchen) और आश्रय स्थल बनाया गया है. जिसमें दो पंचायत जगीरी टोला और कटघरवा पंचायत के 60 बाढ़ पीड़ित शरण लिए हुए हैं.

यह भी पढ़ें- शाम को कार से आई बारात, रातभर में डूबा गांव, सुबह दुल्हन की नाव से विदाई

होती है तकलीफ, नहीं मिलता दूध
दरअसल, इन बाढ़ पीड़ितों के लिए दोनों टाइम सिर्फ भोजन और दवाइयों की व्यवस्था की गई है. इस संदर्भ में आश्रय स्थल में रह रहे बाढ़ पीड़ित जगीरी टोला के सोना देवी ने बताया कि सिर्फ दोनों टाइम चावल, दाल, सब्जी खिलाई जाती है.

वहीं जगीरी टोला निवासी चंदा देवी की मानें तो उसका 1 वर्ष का बच्चा है. उसे दूध नहीं मिल पा रहा है. सिर्फ दोनों टाइम चावल, दाल, सब्जी मिल रहा है. बाढ़ में बिछावन भीग जाने के कारण प्लास्टिक बिछा कर सोना पड़ रहा है.

आश्रय स्थल में रहनेवाले लोगों से बात करते सीओ
आश्रय स्थल में रहनेवाले लोगों से बात करते सीओ

मवेशियों के लिए चारा भी नहीं
खाप मकसूदपुर गांव निवासी राम इकबाल ने बताया कि घर में बाढ़ का पानी घुस जाने के कारण सारा सामान भीग गया. एकाएक पानी आने के कारण कुछ सामान निकाल नहींं सके. सभी बिछावन भी भीग गए.

प्रशासन की तरफ से ना ही बिछावन की व्यवस्था की गई है और ना ही बच्चों के लिए दूध की व्यवस्था है. मवेशियों के लिए चारे की भी व्यवस्था नहीं की गई. बिछावन नहीं मिलने के कारण पूरा परिवार प्लास्टिक बिछा कर सोने को विवश है.

यह भी पढ़ें- Saran Flood News: सैकड़ों घरों में घुसा बाढ़ का पानी, लोग पलायन को मजबूर

'रजोखर मध्यविद्यालय में कम्युनिटी किचन और आश्रय बनाया गया है. जिसमें दो पंचायत के 60 लोग रह रहे हैं. सभी बाढ़ पीड़ितों के लिए भोजन पानी, शौचालय, दवा, मवेशियों के लिए दवा की व्यवस्था की गई है. साथ ही जो बाढ़ पीड़ित आश्रय स्थल में नहीं रहते है उन्हें भी भोजन कराया जा रहा है.' -विजय कुमार, सदर सीओ

यह भी पढ़ें- खबर का असर: बाढ़ प्रभावित चकदहवा में सामुदायिक किचन की व्यवस्था, अधिकारियों ने भी लिया जायजा

तेजी से बढ़ रहा मॉनसून
इधर, बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) में सक्रिय चक्रवाती हवा और निम्न हवा के दबाव के क्षेत्र के साथ नमी की वजह से काफी तेजी से मानसून (Monsoon) आगे बढ़ रहा है. बिहार के साथ नेपाल के तराई क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है.

गंडक नदी के जलस्तर में भारी वृद्धि हुई है. इससे तराई क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. इसको लेकर सीएम नीतीश कुमार ने उच्चस्तरीय बैठक कर कई निर्देश दिए थे.

CM नीतीश कुमार के निर्देश:

  1. जल संसाधन विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग तथा प. चंपारण, पूर्वी चंपारण एवं गोपालगंज जिला पूरी तरह अलर्ट रहे.
  2. जल संसाधन विभाग अपने सभी अभियंताओं को खतरे वाली जगहों पर पूरी तरह अलर्ट रखें. ताकि तटबंधों की पूर्ण सुरक्षा की जा सके.
  3. एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की टीमों को भी पूरी तरह अलर्ट मोड में रखा जाए.

बाढ़ हर साल लेकर आती है तबाही
यहां बाढ़ हर साल तबाही लेकर आती है. प्रखंड के कई पंचायत बाढ़ की चपेट में आ जाते हैं. सड़कों पर 5 से फीट 10 फीट तक पानी भरा रहता है. कई गांव ऐसे भी हैं जहां पर बाढ़ के समय नाव ही एकमात्र सहारा होती है. बताया जाता है कि यहां हर साल नदी का कटाव होता है. ग्रामीणों का कहना है कि वे रात-रात भर जाग कर टॉर्च से नदी के तटबंध की निगरानी करते हैं. ताकि अगर अचानक से तेज कटाव होने लगे तो परिवार संग घर छोड़कर भाग सकें.

देखें पूरी रिपोर्ट

ऊंची जगहों पर शरण लेने को मजबूर लोग
बाढ़ से हर साल किसानों को भारी नुकसान होता है. नदी में कई घर डूब जाते हैं. लोगों को अपना घर छोड़कर ऊंचे स्थानों पर शरण लेना पड़ता है. ऐसे में उनके सामने एक तो बाढ़ की तबाही होती है तो दूसरी तरफ भुखमरी की भी समस्या उत्पन्न हो जाती है.

ये भी पढ़ें- Bihar Flood: नेपाल में हो रही भारी बारिश, बिहार में फिर से आ सकती है बड़ी तबाही, जानिए कैसे

ये भी पढ़ें- नेपाल ने छोड़ा 3 लाख 3 हजार 800 क्यूसेक पानी, सीएम ने की बैठक

ये भी पढ़ें- बेतिया में कटहा नदी पर बने पुल का एप्रोच पथ ध्वस्त, कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात

गोपालगंजः बिहार के गोपालगंज (Gopalganj) जिले को गोलाल सदर प्रखंड के 6 पंचायतों के 21 गांव बाढ़ से पूरी तरह प्रभावित हैं. इन प्रभावित पंचायत के कुछ लोग या तो अपने रिश्तेदारों के यहां शरण ले चुके हैं तो कुछ लोग किराये के मकान में रहने चले गए हैं.

वहीं, बिना आश्रय के लोगों के लिए गोपालगंज जिला प्रशासन (Gopalganj District Administration) द्वारा सदर प्रखंड के जगीरी टोला पंचायत के राजोखर उत्क्रमित मध्यविद्यालय में कम्युनिटी किचन (Community kitchen) और आश्रय स्थल बनाया गया है. जिसमें दो पंचायत जगीरी टोला और कटघरवा पंचायत के 60 बाढ़ पीड़ित शरण लिए हुए हैं.

यह भी पढ़ें- शाम को कार से आई बारात, रातभर में डूबा गांव, सुबह दुल्हन की नाव से विदाई

होती है तकलीफ, नहीं मिलता दूध
दरअसल, इन बाढ़ पीड़ितों के लिए दोनों टाइम सिर्फ भोजन और दवाइयों की व्यवस्था की गई है. इस संदर्भ में आश्रय स्थल में रह रहे बाढ़ पीड़ित जगीरी टोला के सोना देवी ने बताया कि सिर्फ दोनों टाइम चावल, दाल, सब्जी खिलाई जाती है.

वहीं जगीरी टोला निवासी चंदा देवी की मानें तो उसका 1 वर्ष का बच्चा है. उसे दूध नहीं मिल पा रहा है. सिर्फ दोनों टाइम चावल, दाल, सब्जी मिल रहा है. बाढ़ में बिछावन भीग जाने के कारण प्लास्टिक बिछा कर सोना पड़ रहा है.

आश्रय स्थल में रहनेवाले लोगों से बात करते सीओ
आश्रय स्थल में रहनेवाले लोगों से बात करते सीओ

मवेशियों के लिए चारा भी नहीं
खाप मकसूदपुर गांव निवासी राम इकबाल ने बताया कि घर में बाढ़ का पानी घुस जाने के कारण सारा सामान भीग गया. एकाएक पानी आने के कारण कुछ सामान निकाल नहींं सके. सभी बिछावन भी भीग गए.

प्रशासन की तरफ से ना ही बिछावन की व्यवस्था की गई है और ना ही बच्चों के लिए दूध की व्यवस्था है. मवेशियों के लिए चारे की भी व्यवस्था नहीं की गई. बिछावन नहीं मिलने के कारण पूरा परिवार प्लास्टिक बिछा कर सोने को विवश है.

यह भी पढ़ें- Saran Flood News: सैकड़ों घरों में घुसा बाढ़ का पानी, लोग पलायन को मजबूर

'रजोखर मध्यविद्यालय में कम्युनिटी किचन और आश्रय बनाया गया है. जिसमें दो पंचायत के 60 लोग रह रहे हैं. सभी बाढ़ पीड़ितों के लिए भोजन पानी, शौचालय, दवा, मवेशियों के लिए दवा की व्यवस्था की गई है. साथ ही जो बाढ़ पीड़ित आश्रय स्थल में नहीं रहते है उन्हें भी भोजन कराया जा रहा है.' -विजय कुमार, सदर सीओ

यह भी पढ़ें- खबर का असर: बाढ़ प्रभावित चकदहवा में सामुदायिक किचन की व्यवस्था, अधिकारियों ने भी लिया जायजा

तेजी से बढ़ रहा मॉनसून
इधर, बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) में सक्रिय चक्रवाती हवा और निम्न हवा के दबाव के क्षेत्र के साथ नमी की वजह से काफी तेजी से मानसून (Monsoon) आगे बढ़ रहा है. बिहार के साथ नेपाल के तराई क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है.

गंडक नदी के जलस्तर में भारी वृद्धि हुई है. इससे तराई क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. इसको लेकर सीएम नीतीश कुमार ने उच्चस्तरीय बैठक कर कई निर्देश दिए थे.

CM नीतीश कुमार के निर्देश:

  1. जल संसाधन विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग तथा प. चंपारण, पूर्वी चंपारण एवं गोपालगंज जिला पूरी तरह अलर्ट रहे.
  2. जल संसाधन विभाग अपने सभी अभियंताओं को खतरे वाली जगहों पर पूरी तरह अलर्ट रखें. ताकि तटबंधों की पूर्ण सुरक्षा की जा सके.
  3. एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की टीमों को भी पूरी तरह अलर्ट मोड में रखा जाए.

बाढ़ हर साल लेकर आती है तबाही
यहां बाढ़ हर साल तबाही लेकर आती है. प्रखंड के कई पंचायत बाढ़ की चपेट में आ जाते हैं. सड़कों पर 5 से फीट 10 फीट तक पानी भरा रहता है. कई गांव ऐसे भी हैं जहां पर बाढ़ के समय नाव ही एकमात्र सहारा होती है. बताया जाता है कि यहां हर साल नदी का कटाव होता है. ग्रामीणों का कहना है कि वे रात-रात भर जाग कर टॉर्च से नदी के तटबंध की निगरानी करते हैं. ताकि अगर अचानक से तेज कटाव होने लगे तो परिवार संग घर छोड़कर भाग सकें.

देखें पूरी रिपोर्ट

ऊंची जगहों पर शरण लेने को मजबूर लोग
बाढ़ से हर साल किसानों को भारी नुकसान होता है. नदी में कई घर डूब जाते हैं. लोगों को अपना घर छोड़कर ऊंचे स्थानों पर शरण लेना पड़ता है. ऐसे में उनके सामने एक तो बाढ़ की तबाही होती है तो दूसरी तरफ भुखमरी की भी समस्या उत्पन्न हो जाती है.

ये भी पढ़ें- Bihar Flood: नेपाल में हो रही भारी बारिश, बिहार में फिर से आ सकती है बड़ी तबाही, जानिए कैसे

ये भी पढ़ें- नेपाल ने छोड़ा 3 लाख 3 हजार 800 क्यूसेक पानी, सीएम ने की बैठक

ये भी पढ़ें- बेतिया में कटहा नदी पर बने पुल का एप्रोच पथ ध्वस्त, कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.