गोपालगंज: कुचायकोट प्रखंड के काला मटिहनिया गांव के पास बने गाइड बांध की मरम्मती में भारी पैमाने पर अनियमितता बरती जा रही है. यहां पर एक बोरी में 50 किलो बालू भरने के बजाय महज 22 से 28 किलो ही बालू भरकर बांध की मरम्मती का कार्य किया जा रहा है, जो प्रशासनिक और निर्माण कंपनी पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है. वहीं, इसके साथ ही काम में लापरवाही की वजह से बांध के जल्द क्षतिग्रस्त होने की आशंका भी बनी हुई है.
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बांध की मरम्मत में लापरवाही
दरअसल कुचायकोट प्रखंड के काला मटिहनिया गांव के पास गंडक के किनारे बने गाइड बांध की मरम्मत के लिए चार कंपनियों को लगाया गया है, लेकिन मातेश्वरी कंपनी की ओर से कराए गए कार्य में भारी पैमाने पर अनियमितता बरती जा रही है. विभागीय गाइडलाइन के अनुसार हर बोरी में 50 किलो बालू भरकर बांध को मजबूत करने की योजना है, लेकिन विभागीय योजना पर कंस्ट्रक्शन कंपनी मातेश्वरी पलीता लगाने में लगी है. यहां 50 किलो की जगह 22 से 28 किलो बालू ही बोरी में भरकर बांध को मजबूती प्रदान करने की कोशिश की जा रही है. जल संसाधन विभाग द्वारा इस कार्य को करने के लिए चार कम्पनी को जिम्मेदारी दी है.
बांध मरम्मती के लिए 1182.15066 राशि आवंटित
वहीं, मातेश्वरी कंस्ट्रक्शन को अहिरौली दान से बेतिया गोपालगंज दाया गाइड बांध की मरम्मत 4.67 किमी से 3.72 किमी. तक कटाव निरोधी कार्य और 2.15 से 2.75 काला मटिहानिया तक 3.00 से 3.3 किमी. पटेल नगर 3,80 से 4.00 किमी, 5. 49 से 5.67 किमी और 45 से 6. 55 किमी तक कमजोर भाग का मजबूतीकरण किया जा रहा है. इस कार्य के लिए 1182.15066 राशि आवंटित की गई है. इस कार्य को 15 मई 2021 तक हर हाल में पूरा करने की तिथि निर्धारित है, लेकिन बांध की मजबूती का कार्य रामभरोसे है.
'किसी भी तरह की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इस मामले की जांच कराकर जो भी दोषी होंगे उस पर कार्रवाई की जाएगी. मामला संज्ञान में आने के बाद हमने जेई को तत्काल आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं.'- प्रकाश दास, मुख्य अभियंता, बाढ़ नियंत्रण विभाग
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सरकारी दावे हो रहे फेल
बता दें कि बाढ़ से बचाव के लिए निर्मित गाइड बांध की मरम्मती का कार्य एक बार फिर से शुरू हो चुका है. जबकि पिछले साल भी लाखों करोड़ों की राशि से बांध मरम्मति के दावे किए गए थे. हर साल लाखों करोड़ों की राशि से बांध की मरम्मत की जा रही है और हर बार में बांध ताश के महल के तरह बिखर जाता है. पिछले साल भी आई विनाशकारी बाढ़ ने कई जगहों पर कटाव कर दिया था. जिससे स्थिति अत्यंत खराब हो गई थी कई लोग बेघर हो गए थे. वहीं, इस बार भी बांध की मजबूती के लिए किए जा रहे कार्य पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो रहा है.