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'अनुसूचित जाति के बेटे को मंच पर नहीं मिला उचित सम्मान, इस्तीफा देकर लाज बचाएं रत्नेश सदा', भाजपा की अपील - Minister Ratnesh Sada

पटना में भीम संसद में मंत्री रत्नेश सदा का अपमान करने का मामला तुल पकड़ लिया है. भाजपा ने मंत्री से अपील की है कि संतोष मांझी की तरह उन्हें पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. जानें पूरा मामला.

भाजपा के मुख्य प्रवक्ता जनक राम
भाजपा के मुख्य प्रवक्ता जनक राम
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 29, 2023, 10:55 PM IST

भाजपा के मुख्य प्रवक्ता जनक राम

गोपालगंजः बिहार के पटना में भीम संसद के दौरान मंत्री रत्नेश सदा को मंच पर उचित सम्मान नहीं मिलने का मामला अब तुल पकड़ने लगा है. इस मामले में भाजपा एमएलसी सह भाजपा के मुख्य प्रवक्ता जनक राम ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री रत्नेश सदा को सलाह दी. कहा कि एक अनुसूचित जाति के बेटे को मंच पर उचित सम्मान ना मिलना दुर्भाग्य बात है. उन्हें तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए.

दलितों का अपमानः जनक राम ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि जिस तरह भीम संसद के नाम पर बिहार के कुछ लोगों को बुलाकर बाबा साहेब के अनुयायियों और बिहार सरकार के मंत्री रत्नेश सादा को अपमानित किया जाता है, उन्हें मंच पर बोलने नहीं दिया जाता है. मंत्री को अपने विचार रखने नहीं दिए. जनक राम ने कहा कि जिस तरह रत्नेश सादा अपने सरकार में मंत्री है और अनुसूचित जाति के बेटे हैं. उन्हें तत्काल मंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.

संतोष मांझी की तरह पद छोड़ दें रत्नेश सदाः जनक राम ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बेटे संतोष मांझी को वर्तमान सरकार पार्टी को विलय करने के लिए दबाव बनाया था तो संतोष मांझी ने तुरंत मंत्री पद से इस्तीफा देकर अनुसूचित जाति होने को सिद्ध कर दिया. ठीक उसी तरह रत्नेश सदा को इस्तीफा दे देना चाहिए.

'लालू-नीतीश दोनों एक ही नाव पर': प्रवक्ता ने बिना नाम लिए लालू यादव और सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला. कहा कि जिस तरह बड़ा भाई 15 साल बिहार पर शासन किया और छोटा भाई का शासन काल 17 साल होने जा रहा है. बड़े भाई के शासनकाल में दलित का बेटा रमई राम और बगहा के सांसद पूर्णमासी राम को अपमानित करने का काम किया गया था. उसी रास्ते पर चाचा भतीजा जीतन राम मांझी को अपमान कर रहे हैं. रत्न से सादा में थोड़ी भी नैतिकता बची है तो मंत्री पद से इस्तीफा देकर बाहर निकल जाएं.

"रत्नेश सदा जी को अपमानित किया गया और उन्हें बोलने नहीं दिया गया, यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है. हमारी रत्नेश सदा से मांग है कि अगर आपका सम्मान नहीं किया जाता है तो आप तत्काल मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर बाहर आ जाएं. जिस तरह से संतोष मांझी ने पार्टी का विलय न कर इस्तीफा दे दिया, उसी तरह रत्नेश सदा को इस्तीफा देना चाहिए." -जनक राम, मुख्य प्रवक्ता, भाजपा

क्या है मामलाः दरअसल, 26 नवंबर को बिहार के पटना में जदयू की ओर से भीम संसद का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में जदयू के तमाम मंत्री शामिल रहे, जिसमें रत्नेश सदा भी थे. आरोप है कि मंत्री अशोक चौधरी ने रत्नेश सदा का अपमान किया और उन्हें मंच पर बोलने का मौका नहीं दिया गया. इसको लेकर रत्नेश सदा का एक ऑडिया भी वायरल हो रहा है, जिसमें वे अशोक चौधरी का पुतला दहन करने की बात कर रहे हैं.

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भाजपा के मुख्य प्रवक्ता जनक राम

गोपालगंजः बिहार के पटना में भीम संसद के दौरान मंत्री रत्नेश सदा को मंच पर उचित सम्मान नहीं मिलने का मामला अब तुल पकड़ने लगा है. इस मामले में भाजपा एमएलसी सह भाजपा के मुख्य प्रवक्ता जनक राम ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री रत्नेश सदा को सलाह दी. कहा कि एक अनुसूचित जाति के बेटे को मंच पर उचित सम्मान ना मिलना दुर्भाग्य बात है. उन्हें तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए.

दलितों का अपमानः जनक राम ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि जिस तरह भीम संसद के नाम पर बिहार के कुछ लोगों को बुलाकर बाबा साहेब के अनुयायियों और बिहार सरकार के मंत्री रत्नेश सादा को अपमानित किया जाता है, उन्हें मंच पर बोलने नहीं दिया जाता है. मंत्री को अपने विचार रखने नहीं दिए. जनक राम ने कहा कि जिस तरह रत्नेश सादा अपने सरकार में मंत्री है और अनुसूचित जाति के बेटे हैं. उन्हें तत्काल मंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.

संतोष मांझी की तरह पद छोड़ दें रत्नेश सदाः जनक राम ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बेटे संतोष मांझी को वर्तमान सरकार पार्टी को विलय करने के लिए दबाव बनाया था तो संतोष मांझी ने तुरंत मंत्री पद से इस्तीफा देकर अनुसूचित जाति होने को सिद्ध कर दिया. ठीक उसी तरह रत्नेश सदा को इस्तीफा दे देना चाहिए.

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"रत्नेश सदा जी को अपमानित किया गया और उन्हें बोलने नहीं दिया गया, यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है. हमारी रत्नेश सदा से मांग है कि अगर आपका सम्मान नहीं किया जाता है तो आप तत्काल मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर बाहर आ जाएं. जिस तरह से संतोष मांझी ने पार्टी का विलय न कर इस्तीफा दे दिया, उसी तरह रत्नेश सदा को इस्तीफा देना चाहिए." -जनक राम, मुख्य प्रवक्ता, भाजपा

क्या है मामलाः दरअसल, 26 नवंबर को बिहार के पटना में जदयू की ओर से भीम संसद का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में जदयू के तमाम मंत्री शामिल रहे, जिसमें रत्नेश सदा भी थे. आरोप है कि मंत्री अशोक चौधरी ने रत्नेश सदा का अपमान किया और उन्हें मंच पर बोलने का मौका नहीं दिया गया. इसको लेकर रत्नेश सदा का एक ऑडिया भी वायरल हो रहा है, जिसमें वे अशोक चौधरी का पुतला दहन करने की बात कर रहे हैं.

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