गोपालगंज: संसद भवन (Parliament Of India) का फर्जी इंट्री पास बनाने के मामले में बिहार के मंत्री जनक राम (Minister Janak Ram) के निजी आप्त सचिव समेत तीन को गिरफ्तार किया गया है. ये कार्रवाई सांसद डॉ. आलोक कुमार सुमन की शिकायत पर दिल्ली क्राइम ब्रांच ने की है. गिरफ्तार आरोपियों को लेकर क्राइम ब्रांच की टीम दिल्ली भी रवाना हो गई है. गोपलागंज के पुलिस अधीक्षक ने गिरफ्तारी की पुष्टि की है.
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गोपालगंज के पुलिस अधीक्षक ने बताया कि फुलवरिया थाने के रामसन पेनुला गांव के रहने वाले बबलू आर्य और कुचायकोट के दउदा रामपुर गांव के रहने वाले ज्योति भूषण भारती दोनों जनक राम के निजी आप्त सचिव थे. जबकि तीसरा व्यक्ति कैफे संचालक महेश कुमार नगर थने के नोनिया टोला का रहने वाला है. आरोप है कि संसद भवन में इंट्री पास के लिए सांसद डॉ. आलोक कुमार सुमन के फर्जी लेटर पैड और मुहर समेत अन्य फर्जी दस्तावेजों को महेश ने ही तैयार किया था. दिल्ली क्राइम ब्रांच ने मंत्री के दोनों निजी सचिवों की गिरफ्तारी दिल्ली से की है.
पूछताछ के बाद मंत्री जनक राम के निजी आप्त सचिव की निशानदेही पर गोपालगंज में साइबर कैफे संचालक महेश कुमार को गिरफ्तार किया गया है. वहीं इस मामले में मंत्री जनक राम की ओर से सफाई में कहा गया है कि सूचना मिलते ही सितंबर में बबलू आर्या को सस्पेड कर दिया गया था. दूसरे सचिव ज्योति भूषण को भी हटाया जा चुका है.
'ये नेशनल सिक्योरिटी का मामला है. बिना मेरी संस्तुति के बबलू आर्या ने संसद का पास बना लिया. जब मुझे पता चला तब मैने इसके खिलाफ शिकायत करना जरूरी समझा. पहले संसद पर जो हमले हुए थे वो ऐसे ही हुए थे. मैंने इस मामले की शिकायत की, जिसपर कार्रवाई हुई है. चार दिन पहले ही जनक राम के पीए/पीएस दिल्ली में पकड़े गए हैं. उनकी निशानदेही पर एक और की गोपालगंज से गिरफ्तारी हुई है'- डॉ आलोक कुमार सुमन, सांसद, गोपालगंज
मंत्री जनक राम भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतकर 2014 से 2019 तक गोपालगंज के सांसद रहे. साल 2019 में जेडीयू के कोटे से सांसद डॉ आलोक कुमार सुमन बने. इसी बीच पूर्व सांसद के निजी सचिव रहे बबलू आर्या ने वर्तमान सांसद का फर्जी लेटर पैड, मुहर और हस्ताक्षर का इस्तेमाल कर संसद भवन में इंट्री का पास बनवा लिया. जब इस बात की जानकारी वर्तमान सांसद डॉक्टर आलोक कुमार सुमन को लगी तो उन्होंने 3 सितंबर 2021 को स्पीकर, गृह विभाग, पीएमओ और मुख्यमंत्री के पास शिकायत की. गृह विभाग ने जांच और कार्रवाई का जिम्मा दिल्ली क्राइम ब्रांच को सौंप दी.
दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम अब ये जानने की कोशिश कर रही है कि आरोपियों ने कितने लोगों को ऐसे पास बनाकर दिए हैं. चूंकि ये मामला देश की संसद और उसकी सुरक्षा से जुड़ा हुआ है. इसलिए दिल्ली पुलिस कोई भी कोताही नहीं बरत रही है.