ETV Bharat / state

Gopalganj News: गोपालगंज जेल में कैदियों की हुई मानसिक स्वास्थ्य की जांच, 8 कैदियों की हुई पहचान

गोपालगंज मंडल कारा में कैदियों की मानसिक स्वास्थ्य की जांच की गई. इस दौरान मानसिक रूप से ग्रसित 8 कैदियों की पहचान हुई. राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत अभियान चलाकर जांच किया गया. पढ़ें पूरी खबर.

गोपालगंज मंडल कारा
गोपालगंज मंडल कारा
author img

By

Published : May 25, 2023, 8:23 PM IST

गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज में स्वास्थ्य विभाग की ओर से राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (National Mental Health Program) के तहत मंडल कारा में कैदियों के मानसिक स्वास्थ्य की जांच को लेकर कैंप का आयोजन किया गया. इस दौरान जेल में बंद कैदियों की मानसिक स्वास्थ्य की जांच की गई. जांच टीम में क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉक्टर राजेश्वर पाण्डेय, साइकाइट्रिक काउंसलर प्रीति कुमारी शामिल थी. इस दौरान मंडल कारा में बंद 8 कैदियों की पहचान मानसिक रूप से ग्रसित व्यक्ति के रूप में की गई.

ये भी पढ़ें- गोपालगंज जेल के कैदी कर रहे BA-MA की पढ़ाई, बच्चे सीख रहे ABCD

मंडल कारा में मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण: मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला समन्वयक जयंत कुमार चौहान ने बताया कि मानसिक रूप से ग्रसित पाए गए सभी कैदियों को साइकेट्रिक के पास रेफर किया गया है. दरअसल, जेल में ऐसे अनेक बंदी हैं, जो मानसिक रोग से ग्रसित हैं. ऐसे कैदी की कॉउंसलिंग की नितांत आवश्यकता है. अवसाद के शिकार कैदी ऐसे में आत्मघाती कदम भी उठा सकते हैं. इसलिए उनका नियमित कॉउंसलिंग बेहद जरूरी हो जाता है.

टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर की शुरुआत: मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से जूझ रहे लोगों को सहायता प्रदान करने और सेवा को विस्तार करने के उद्देश्य से टैली मानस टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 14416 की शुरुआत की गई है. टेली मानस के व्यापक प्रचार एवं जनभागीदारी पर विशेष जोर देते हुए भारत सरकार के द्वारा आउटरीच गतिविधियों की योजना बनाई गई है. जिसका क्रियान्वयन जिला मानसिक स्वास्थ्य इकाई के द्वारा किया जा रहा है.

"जब हमारे शरीर या मन को किसी चुनौती का सामना करना पड़ता है. तो हमारी चयापचय प्रक्रिया तेज हो जाती है. रक्तचाप, हृदय गति और नाड़ी की गति बढ़ जाती है और शरीर में खून का दौरा तेज हो जाता है. शरीर में एड्रिनेलिन की मात्रा बढ़ जाती है. यह स्थिति अधिक देर बनी रहती है तो कई शारीरिक व मानसिक समस्याएं पैदा होती है."- डॉ राजेश्वर पांडेय, साइकोलॉजिस्ट

चर्चा करने से दूर होता है आधा तनाव: कई बार व्यक्ति किसी मामूली वजह से तनावग्रस्त हो जाता है. ऐसे में अगर आप अपनी समस्या अपने दोस्तों, पति या पत्नी या निकट संबंधियों के सामने रखेंगे, तो आपकी समस्या के दूसरे तमाम पहलू दिखाई देंगे. जिसपर आपने ध्यान नहीं दिया था. एक तो चर्चा करने से ही आधा तनाव दूर हो जाता है. दूसरा इससे आपको नये विकल्प दिखेंगे और आप समाधान देख पाएंगे. समाधान दिखते ही आपका तनाव दूर हो जाएगा.

गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज में स्वास्थ्य विभाग की ओर से राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (National Mental Health Program) के तहत मंडल कारा में कैदियों के मानसिक स्वास्थ्य की जांच को लेकर कैंप का आयोजन किया गया. इस दौरान जेल में बंद कैदियों की मानसिक स्वास्थ्य की जांच की गई. जांच टीम में क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉक्टर राजेश्वर पाण्डेय, साइकाइट्रिक काउंसलर प्रीति कुमारी शामिल थी. इस दौरान मंडल कारा में बंद 8 कैदियों की पहचान मानसिक रूप से ग्रसित व्यक्ति के रूप में की गई.

ये भी पढ़ें- गोपालगंज जेल के कैदी कर रहे BA-MA की पढ़ाई, बच्चे सीख रहे ABCD

मंडल कारा में मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण: मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला समन्वयक जयंत कुमार चौहान ने बताया कि मानसिक रूप से ग्रसित पाए गए सभी कैदियों को साइकेट्रिक के पास रेफर किया गया है. दरअसल, जेल में ऐसे अनेक बंदी हैं, जो मानसिक रोग से ग्रसित हैं. ऐसे कैदी की कॉउंसलिंग की नितांत आवश्यकता है. अवसाद के शिकार कैदी ऐसे में आत्मघाती कदम भी उठा सकते हैं. इसलिए उनका नियमित कॉउंसलिंग बेहद जरूरी हो जाता है.

टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर की शुरुआत: मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से जूझ रहे लोगों को सहायता प्रदान करने और सेवा को विस्तार करने के उद्देश्य से टैली मानस टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 14416 की शुरुआत की गई है. टेली मानस के व्यापक प्रचार एवं जनभागीदारी पर विशेष जोर देते हुए भारत सरकार के द्वारा आउटरीच गतिविधियों की योजना बनाई गई है. जिसका क्रियान्वयन जिला मानसिक स्वास्थ्य इकाई के द्वारा किया जा रहा है.

"जब हमारे शरीर या मन को किसी चुनौती का सामना करना पड़ता है. तो हमारी चयापचय प्रक्रिया तेज हो जाती है. रक्तचाप, हृदय गति और नाड़ी की गति बढ़ जाती है और शरीर में खून का दौरा तेज हो जाता है. शरीर में एड्रिनेलिन की मात्रा बढ़ जाती है. यह स्थिति अधिक देर बनी रहती है तो कई शारीरिक व मानसिक समस्याएं पैदा होती है."- डॉ राजेश्वर पांडेय, साइकोलॉजिस्ट

चर्चा करने से दूर होता है आधा तनाव: कई बार व्यक्ति किसी मामूली वजह से तनावग्रस्त हो जाता है. ऐसे में अगर आप अपनी समस्या अपने दोस्तों, पति या पत्नी या निकट संबंधियों के सामने रखेंगे, तो आपकी समस्या के दूसरे तमाम पहलू दिखाई देंगे. जिसपर आपने ध्यान नहीं दिया था. एक तो चर्चा करने से ही आधा तनाव दूर हो जाता है. दूसरा इससे आपको नये विकल्प दिखेंगे और आप समाधान देख पाएंगे. समाधान दिखते ही आपका तनाव दूर हो जाएगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.