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गोपालगंज सदर अस्पताल में मरीजों की बढ़ी परेशानी, खुले में डंप हो रहा मेडिकल कचड़ा - gopalganj sadar hospital

अस्पताल की साफ-सफाई का जिम्मा आउटसोर्सिंग एजेंसी को दिया गया है. लेकिन अस्पताल परिसर में साफ-सफाई नदारद है. अस्पताल से निकलने वाले मेडिकल वेस्ट को यूं ही खुले जगहों पर डंप कर दिया जाता है. जिससे अस्पताल में मरीजों का रहना दूभर हो गया है.

gopalganj sadar hospital
गोपालगंज सदर अस्पताल
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Published : Mar 12, 2020, 9:03 PM IST

गोपालगंज: जिले के सदर अस्पताल परिसर में लगे कचरे के ढेर से मरीज और उनके परिजन परेशान हैं. मरीजों के परिजनों का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन की ओर से नियमों को ताक पर रखकर मेडिकल वेस्ट को यूं ही परिसर में खुले में डंप किया जाता हैं. जिससे उनका अस्पताल में आना-जाना दूभर हो गया है.

खुले जगहों पर डंप होता है मेडिकल वेस्ट
मरीज के परिजन कह रहे हैं कि अस्पताल में प्रबंधन की लापरवाही के कारण लोगों की सेहत पर खतरा मंडरा रहा है. अस्पताल प्रबंधन महज कुछ रुपये बचाने के लिए नियम कानून की धज्जियां उड़ा रहा है. जहां वो अस्पताल से निकलने वाले मेडिकल वेस्ट को यूं ही खुले में डंप कर देता है. जो कि कई बीमारियों को निमंत्रण दे रहा है. बड़ी मात्रा में खून से सने प्लास्टिक के बोतलों के साथ ऑपरेशन के बाद गाज पट्टी को यहां-वहां फेंक दिया जाता है. जिसे कचरे बीनने वाले बच्चें उन्हे उठाकर कबाड़ी को बेच देते हैं. इससे वे भी गंभीर बीमारी के शिकार हो जा रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

'अस्पताल की साफ-सफाई पर दिया जाता है ध्यान'
अस्पताल की साफ-सफाई का जिम्मा आउटसोर्सिंग एजेंसी को दिया गया है. लेकिन अस्पताल परिसर में साफ-सफाई नदारद है. बता दें कि यदि मेडिकल स्टोरेज को 48 घंटे के अंदर मानक के अनुसार नष्ट नहीं किया जाता है तो वह स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती हैं. इस संदर्भ में सिविल सर्जन डॉ. नंद किशोर सिंह ने बताया कि गंदगी से बचाव और स्वच्छता को लेकर वे लोग काफी ध्यान देते हैं. अस्पताल परिसर से मेडिकल कचरा को हटाने के लिए प्रबंधक और उपाधीक्षक को निर्देश दिया जा चुका है. ऐसे में जल्द ही इस समस्या का निदान हो जाएगा.

गोपालगंज: जिले के सदर अस्पताल परिसर में लगे कचरे के ढेर से मरीज और उनके परिजन परेशान हैं. मरीजों के परिजनों का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन की ओर से नियमों को ताक पर रखकर मेडिकल वेस्ट को यूं ही परिसर में खुले में डंप किया जाता हैं. जिससे उनका अस्पताल में आना-जाना दूभर हो गया है.

खुले जगहों पर डंप होता है मेडिकल वेस्ट
मरीज के परिजन कह रहे हैं कि अस्पताल में प्रबंधन की लापरवाही के कारण लोगों की सेहत पर खतरा मंडरा रहा है. अस्पताल प्रबंधन महज कुछ रुपये बचाने के लिए नियम कानून की धज्जियां उड़ा रहा है. जहां वो अस्पताल से निकलने वाले मेडिकल वेस्ट को यूं ही खुले में डंप कर देता है. जो कि कई बीमारियों को निमंत्रण दे रहा है. बड़ी मात्रा में खून से सने प्लास्टिक के बोतलों के साथ ऑपरेशन के बाद गाज पट्टी को यहां-वहां फेंक दिया जाता है. जिसे कचरे बीनने वाले बच्चें उन्हे उठाकर कबाड़ी को बेच देते हैं. इससे वे भी गंभीर बीमारी के शिकार हो जा रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

'अस्पताल की साफ-सफाई पर दिया जाता है ध्यान'
अस्पताल की साफ-सफाई का जिम्मा आउटसोर्सिंग एजेंसी को दिया गया है. लेकिन अस्पताल परिसर में साफ-सफाई नदारद है. बता दें कि यदि मेडिकल स्टोरेज को 48 घंटे के अंदर मानक के अनुसार नष्ट नहीं किया जाता है तो वह स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती हैं. इस संदर्भ में सिविल सर्जन डॉ. नंद किशोर सिंह ने बताया कि गंदगी से बचाव और स्वच्छता को लेकर वे लोग काफी ध्यान देते हैं. अस्पताल परिसर से मेडिकल कचरा को हटाने के लिए प्रबंधक और उपाधीक्षक को निर्देश दिया जा चुका है. ऐसे में जल्द ही इस समस्या का निदान हो जाएगा.

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