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मंजीत सिंह को RJD में शामिल होने से रोकने के लिए JDU ने उतारी राजपूत नेताओं की फौज, अब नीतीश खुद मनाएंगे!

पूर्व विधायक मंजीत सिंह (Manjit Singh) को आरजेडी में जाने से रोकने के लिए जेडीयू ने पूरा जोर लगा दिया है. लेसी सिंह और जयकुमार सिंह ने उनसे मिलकर लंबी बातचीत की. अब नीतीश कुमार से भी उनकी मुलाकात हो सकती है.

Manjit Singh
Manjit Singh
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Published : Jul 1, 2021, 5:11 PM IST

Updated : Jul 1, 2021, 5:40 PM IST

गोपालगंज: जब से पूर्व विधायक मंजीत सिंह (Manjit Singh) ने आरजेडी (RJD) में शामिल होने का ऐलान किया है, तब से जेडीयू (JDU) में खलबली मच गई है. उन्हें मनाने की कोशिश लगातार जारी है. पार्टी के कई बड़े नेताओं ने उनके बरौली स्थित आवास पर जाकर मनाने की खूब कोशिश की. इस बीच मंत्री लेसी सिंह (Lesi Singh) उन्हें अपने साथ पटना लेकर निकली हैं. जहां सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से उनकी मुलाकात हो सकती है.

ये भी पढ़ें- RJD का दावा- जब चाहेंगे गिरा देंगे नीतीश सरकार, जिंदा कौमें 5 साल इंतजार नहीं करतीं

मनाने का दौर जारी
जेडीयू से नाराज चल रहे पूर्व प्रदेश महासचिव और बैकुंठपुर से पूर्व विधायक मंजीत सिंह ने बुधवार को ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी. वो 3 जुलाई को अपने समर्थकों के साथ आरजेडी में औपचारिक तौर पर शामिल हो सकते हैं. हालांकि नीतीश कुमार नहीं चाहते हैं कि वो पार्टी छोड़ें. यही वजह है कि उन्हें मनाने के लिए मंत्री लेसी सिंह, पूर्व मंत्री जय कुमार सिंह, वरिष्ठ नेता राणा रणधीर सिंह चौहान भी उन्हें मनाने उनके घर पहुंचे. लंबी बातचीत के बाद लेसी सिंह उन्हें अपने साथ लेकर पटना के लिए रवाना हो गईं हैं. खबर है कि नीतीश कुमार से उनकी मुलाकात कराई जा सकती है.

मंजीत सिंह के साथ मंत्री लेसी सिंह
मंजीत सिंह के साथ मंत्री लेसी सिंह

टिकट नहीं मिलने से थे नाराज
विधानसभा चुनाव 2015 में बैकुंठपुर से मंजीत सिंह महागठबंधन की ओर से उम्मीदवार थे. तब राजद और जदयू ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. हालांकि इस बार वे भाजपा के प्रत्याशी मिथिलेश तिवारी से चुनाव हार गए थे. लेकिन जब 2020 विधासभा चुनाव में बैकुंठपुर सीट भाजपा के खाते में चला गया, इसके बाद मंजीत सिंह बागी होकर निर्दलीय मैदान ने उतरे थे. इस बार भी वे खुद तो नहीं जीत पाए, लेकिन समीकरण बदलते हुए मिथिलेश तिवारी को भी शिकस्त दे दी थी.

मंजीत पर पार्टी ने की थी कार्रवाई
मंजीत सिंह के निर्दलीय चुनाव लड़ने के कारण एनडीए उम्मीदवार मिथिलेश तिवारी को शिकस्त मिली थी. इसके बाद पार्टी ने मंजीत सिंह पर कार्रवाई भी की थी. परिणाम के बाद मंजीत मान-मनव्वल के लिए जदयू के नेताओं से लगातार संपर्क में रहे. बात तब भी नहीं बनी तो अंत में उन्होंने राजद ज्वाइन करने का फैसला किया है.

ये भी पढ़ें- JDU MLA शशिभूषण हजारी का निधन, दिल्ली के अस्पताल में ली अंतिम सांस

नीतीश के करीबी माने जाते रहे हैं मंजीत
बता दें कि मनजीत सिंह के पिता बृज किशोर सिंह बिहार सरकार में मंत्री थे. वे बैकुंठपुर से प्रतिनिधित्व करते रहे थे. उनके निधन के बाद मंजीत सिंह ने उनकी विरासत संभाली और जदयू से दो बार विधायक चुने गए. मंजीत सिंह नीतीश कुमार के काफी करीबी नेता माने जाते रहे हैं. हालांकि विधानसभा चुनाव 2020 के बाद से हालात बदल गए हैं. वे राजपूत बिरादरी से आते हैं. उनकी सारण क्षेत्र में अपनी अलग पहचान है.

गोपालगंज: जब से पूर्व विधायक मंजीत सिंह (Manjit Singh) ने आरजेडी (RJD) में शामिल होने का ऐलान किया है, तब से जेडीयू (JDU) में खलबली मच गई है. उन्हें मनाने की कोशिश लगातार जारी है. पार्टी के कई बड़े नेताओं ने उनके बरौली स्थित आवास पर जाकर मनाने की खूब कोशिश की. इस बीच मंत्री लेसी सिंह (Lesi Singh) उन्हें अपने साथ पटना लेकर निकली हैं. जहां सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से उनकी मुलाकात हो सकती है.

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मनाने का दौर जारी
जेडीयू से नाराज चल रहे पूर्व प्रदेश महासचिव और बैकुंठपुर से पूर्व विधायक मंजीत सिंह ने बुधवार को ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी. वो 3 जुलाई को अपने समर्थकों के साथ आरजेडी में औपचारिक तौर पर शामिल हो सकते हैं. हालांकि नीतीश कुमार नहीं चाहते हैं कि वो पार्टी छोड़ें. यही वजह है कि उन्हें मनाने के लिए मंत्री लेसी सिंह, पूर्व मंत्री जय कुमार सिंह, वरिष्ठ नेता राणा रणधीर सिंह चौहान भी उन्हें मनाने उनके घर पहुंचे. लंबी बातचीत के बाद लेसी सिंह उन्हें अपने साथ लेकर पटना के लिए रवाना हो गईं हैं. खबर है कि नीतीश कुमार से उनकी मुलाकात कराई जा सकती है.

मंजीत सिंह के साथ मंत्री लेसी सिंह
मंजीत सिंह के साथ मंत्री लेसी सिंह

टिकट नहीं मिलने से थे नाराज
विधानसभा चुनाव 2015 में बैकुंठपुर से मंजीत सिंह महागठबंधन की ओर से उम्मीदवार थे. तब राजद और जदयू ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. हालांकि इस बार वे भाजपा के प्रत्याशी मिथिलेश तिवारी से चुनाव हार गए थे. लेकिन जब 2020 विधासभा चुनाव में बैकुंठपुर सीट भाजपा के खाते में चला गया, इसके बाद मंजीत सिंह बागी होकर निर्दलीय मैदान ने उतरे थे. इस बार भी वे खुद तो नहीं जीत पाए, लेकिन समीकरण बदलते हुए मिथिलेश तिवारी को भी शिकस्त दे दी थी.

मंजीत पर पार्टी ने की थी कार्रवाई
मंजीत सिंह के निर्दलीय चुनाव लड़ने के कारण एनडीए उम्मीदवार मिथिलेश तिवारी को शिकस्त मिली थी. इसके बाद पार्टी ने मंजीत सिंह पर कार्रवाई भी की थी. परिणाम के बाद मंजीत मान-मनव्वल के लिए जदयू के नेताओं से लगातार संपर्क में रहे. बात तब भी नहीं बनी तो अंत में उन्होंने राजद ज्वाइन करने का फैसला किया है.

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नीतीश के करीबी माने जाते रहे हैं मंजीत
बता दें कि मनजीत सिंह के पिता बृज किशोर सिंह बिहार सरकार में मंत्री थे. वे बैकुंठपुर से प्रतिनिधित्व करते रहे थे. उनके निधन के बाद मंजीत सिंह ने उनकी विरासत संभाली और जदयू से दो बार विधायक चुने गए. मंजीत सिंह नीतीश कुमार के काफी करीबी नेता माने जाते रहे हैं. हालांकि विधानसभा चुनाव 2020 के बाद से हालात बदल गए हैं. वे राजपूत बिरादरी से आते हैं. उनकी सारण क्षेत्र में अपनी अलग पहचान है.

Last Updated : Jul 1, 2021, 5:40 PM IST
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