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गोपालगंजः शराब तस्करों को मिली 10-10 साल की सजा, 5-5 लाख रुपए का अर्थदंड

बियर तस्करी के मामले में गोपालगंज सिविल कोर्ट में सुपौल और मधुबनी जिले के रहनेवाले तस्करों को 10-10 साल की सजा सुनाई गयी है. साथ ही उन्हें पांच-पांच लाख रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है.

गोपालगंज सिविल कोर्ट
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Published : Apr 7, 2021, 3:30 PM IST

गोपालगंजः गोपालगंज सिविल कोर्ट में आज एक अहम फैसला सुनाया गया है. उत्पाद स्पेशल सह अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय लवकुश कुमार की कोर्ट ने शराब तस्करों के खिलाफ सजा सुनाई है. बियर की तस्करी के मामले की सुनवाई करते हुए सुपौल और मधुबनी जिले के रहनेवाले दो बियर (अंग्रेजी शराब) के तस्करों को दोषी पाते हुए 10-10 साल की सजा सुनायी है. साथ ही पांच-पांच लाख रुपये का अर्थदंड लगाया है.

यह भी पढ़ें- मधुबनी हत्याकांड का मुख्य आरोपी प्रवीण झा और नवीन झा समेत 5 गिरफ्तार

भेजा गया मंडल कारा
दरअसल, सूबे में पूर्ण शराबबंदी है, बावजूद शराब तस्कर शराब की तस्करी करने से बाज नहीं आ रहे हैं. आये दिन शराब की बड़ी खेप बरामद हो रही है. साथ ही शराब तस्करों पर कार्रवाई भी की जा रही है. ऐसे ही एक मामले में गोपालगंज सिविल कोर्ट ने सजा सुनाई है. सजा सुनाये जाने के बाद दोनों तस्करों को पुलिस अभिरक्षा में चनावे मंडल कारा भेज दिया गया. न्यायालय की ओर से लगाये गये अर्थदंड की राशि जमा नहीं किये जाने पर छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी. सजा पानेवालों में सुपौल जिले के मरौना थाने के हररी गांव के अंदेश कुमार तथा मधुबनी जिले के लौकही थाने के बेड़ियारी गांव के रवींद्र यादव शामिल हैं.

गोपालगंज सिविल कोर्ट
गोपालगंज सिविल कोर्ट

क्या है पूरा मामला
उत्पाद विभाग के विशेष लोक अभियोजक रवि भूषण श्रीवास्तव ने बताया कि पांच जनवरी, 2020 को सुपौल जिले के मरौना थाने के हररी गांव के अंदेश कुमार तथा मधुबनी जिले के लौकही थाने के बेड़ियारी गांव के रवींद्र यादव एक वैगनआर कार से 464 पीस बियर लेकर बिहार के सुपौल के तस्कर अंदेश कुमार के गांव हररी लेकर जा रहे थे. यूपी-बिहार की सीमा पर उत्पाद विभाग की टीम ने जांच के दौरान कार को पकड़ा था.

गोपालगंज सिविल कोर्ट
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न्यायालय में सौंपा गया था चार्जशीट
इस मामले में उत्पाद अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कर न्यायालय में चार्जशीट सौंपा गया था. जिसमें सुनवाई करते हुए न्यायालय ने दोनों तस्करों को सजा सुनायी. ज्ञातव्य हो कि उत्पाद स्पेशल सह अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय लवकुश कुमार की कोर्ट ने बीते पांच मार्च को खजूरबानी शराबकांड में नौ अभियुक्तों को फांसी और चार महिला अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनायी थी. विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि खजूरबानी शराबकांड के बाद यह अप्रैल माह का सबसे बड़ा फैसला है.

गोपालगंजः गोपालगंज सिविल कोर्ट में आज एक अहम फैसला सुनाया गया है. उत्पाद स्पेशल सह अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय लवकुश कुमार की कोर्ट ने शराब तस्करों के खिलाफ सजा सुनाई है. बियर की तस्करी के मामले की सुनवाई करते हुए सुपौल और मधुबनी जिले के रहनेवाले दो बियर (अंग्रेजी शराब) के तस्करों को दोषी पाते हुए 10-10 साल की सजा सुनायी है. साथ ही पांच-पांच लाख रुपये का अर्थदंड लगाया है.

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भेजा गया मंडल कारा
दरअसल, सूबे में पूर्ण शराबबंदी है, बावजूद शराब तस्कर शराब की तस्करी करने से बाज नहीं आ रहे हैं. आये दिन शराब की बड़ी खेप बरामद हो रही है. साथ ही शराब तस्करों पर कार्रवाई भी की जा रही है. ऐसे ही एक मामले में गोपालगंज सिविल कोर्ट ने सजा सुनाई है. सजा सुनाये जाने के बाद दोनों तस्करों को पुलिस अभिरक्षा में चनावे मंडल कारा भेज दिया गया. न्यायालय की ओर से लगाये गये अर्थदंड की राशि जमा नहीं किये जाने पर छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी. सजा पानेवालों में सुपौल जिले के मरौना थाने के हररी गांव के अंदेश कुमार तथा मधुबनी जिले के लौकही थाने के बेड़ियारी गांव के रवींद्र यादव शामिल हैं.

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क्या है पूरा मामला
उत्पाद विभाग के विशेष लोक अभियोजक रवि भूषण श्रीवास्तव ने बताया कि पांच जनवरी, 2020 को सुपौल जिले के मरौना थाने के हररी गांव के अंदेश कुमार तथा मधुबनी जिले के लौकही थाने के बेड़ियारी गांव के रवींद्र यादव एक वैगनआर कार से 464 पीस बियर लेकर बिहार के सुपौल के तस्कर अंदेश कुमार के गांव हररी लेकर जा रहे थे. यूपी-बिहार की सीमा पर उत्पाद विभाग की टीम ने जांच के दौरान कार को पकड़ा था.

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न्यायालय में सौंपा गया था चार्जशीट
इस मामले में उत्पाद अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कर न्यायालय में चार्जशीट सौंपा गया था. जिसमें सुनवाई करते हुए न्यायालय ने दोनों तस्करों को सजा सुनायी. ज्ञातव्य हो कि उत्पाद स्पेशल सह अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय लवकुश कुमार की कोर्ट ने बीते पांच मार्च को खजूरबानी शराबकांड में नौ अभियुक्तों को फांसी और चार महिला अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनायी थी. विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि खजूरबानी शराबकांड के बाद यह अप्रैल माह का सबसे बड़ा फैसला है.

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