गोपालगंज: बिहार में जदयू (JDU) सहित अन्य पार्टियां जहां जातीय जनगणना (Caste Census) का राग लगातार अलाप रही है, वहीं भाजपा को यह सुर रास नहीं आ रही है. गोपालगंज में जदयू की जिलास्तरीय कार्यसमिति की बैठक के दौरान जदयू कोटे से बिहार में मंत्री सुनील कुमार (Sunil Kumar) ने इस पर अपना स्टैंड क्लियर कर दिया है.
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बिहार सरकार के मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि जातीय जनगणना पर हमारा पक्ष क्लियर है. हर हाल में बिहार में जातीय जनगणना होनी चाहिए.
"15 सालों के शासनकाल में नीतीश कुमार ने जितना काम बिहार में किया है, उतना आज तक किसी मुख्यमंत्री ने नहीं किया है. इन कार्यों को जनता तक पहुंचाने की जरूरत है. हम प्रधानमंत्री से मिलकर देश में जाति आधारित जनगणना कराने की मांग करेंगे. हमलोग जदयू को प्रखंड और बूथ स्तर पर मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं."- सुनील कुमार, मंत्री, बिहार
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"चार संगठनों के सहयोग से बिहार में सरकार चल रही है. जदयू सहित विपक्ष की अन्य पार्टियों ने जातीय जनगणना कराने की मांग की है. गृह मंत्री से भी इसको लेकर बात की गई है, जिसके बाद उन्होंने आश्वासन दिया है. वहीं, प्रधानमंत्री से भी मिलने का समय मांगा गया है. जनसंख्या नियंत्रण की मांग से सरकार चलाने में किसी तरह की समस्या नहीं है. हम यह मांग देश के प्रधानमंत्री से कर रहे हैं."- रामसेवक सिंह, पूर्व मंत्री व राष्ट्रीय महासचिव, जदयू
बता दें कि जातीय जनगणना की मांग को लेकर जदयू सहित विपक्ष एकजुट है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इसे जरूरी बताया है. बिहार की सबसे बड़ी पार्टी राजद ने शनिवार को राज्यभर में इसे लेकर प्रदर्शन भी किया. वहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सहित अन्य विपक्षी नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ज्ञापन भी सौंप चुके हैं, वहीं भाजपा इसे जरूरी नहीं बता रही है.