गोपालगंज: जदयू प्रदेश महासचिव की शराब के नशे में की गई गिरफ्तारी के बाद सियासत में भूचाल आ गया है. विपक्षी पार्टी सरकार को घेरने में लगी है और शराबबंदी को पूरी तरह से फेल बताया जा रहा है. साथ ही सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग की जा रही है. हालांकि मामला संज्ञान में आने के बाद आनन फानन में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा प्रदेश महासचिव को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है.
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बोले जनक राम- 'इस्तीफा दें नीतीश': दरअसल सूबे में पूर्ण शराब बंदी कानून लागू है लेकिन इसका मखौल सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेता ही उड़ाते हुए नजर आ रहे हैं. बीते दिनों शराब के नशे में जदयू के प्रदेश महासचिव संजय चौहान को एएलटीएफ द्वारा मीरगंज थाना क्षेत्र एकडेंगा गांव से गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद राजनीति में खलबली मच गई है. विपक्षी पार्टी भाजपा को सरकार को घेरने के लिए मौका मिल गया है. जिसके बाद भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साध रही है. भाजपा के पूर्व सांसद व सूबे के पूर्व खान एवं भूतत्व मंत्री जनक राम ने कहा कि बहुत ही दुर्भाग्य की बात है, जदयू के प्रदेश महासचिव नशे में पकड़े गए.
"चाचा भतीजा के नाम से जाने जाने वाली यह सरकार शराबबंदी लागू करने में पूर्णत विफल है. विपक्ष, नीतीश से मांग करती रही है कि मामले की जांच कराया जाए क्योंकि उन्हीं के लोग इसमें संलिप्त हैं. लेकिन सीएम के कानों में जू तक नहीं रेंगती है. सीएम नीतीश को इस्तीफा दे देना चाहिए."- जनक राम. पूर्व मंत्री, बिहार
'गिरफ्तारी से पहले ही हड़बड़ाहट में किया निष्कासित': बीजेपी नेता का कहना है कि गोपालगंज जिले में ही नहीं बल्कि बिहार के 39 जिलों में आए दिन इनकी पुलिसिया तंत्र में गरीबों को फंसाया जाता है. जेल के सलाखों में डाला जाता है. जदयू के प्रदेश महासचिव नशे में पकड़े जाते हैं और पकड़े जाने के बाद से उनको बेल बॉन्ड पर छोड़ा जाता है. पूरे मामले पर मुख्यमंत्री को संज्ञान लेना चाहिए और स्वतः इस्तीफा दे देना चाहिए. साथ ही उन्होंने प्रदेश महासचिव के निष्कासन पर कहा कि जदयू हड़बड़ की पार्टी है. हड़बड़ में गड़बड़ करती है. 24 तारीख को पुलिस शराब सेवन मामले में प्रदेश महासचिव को गिरफ्तार करती है और जदयू पूरी टीम ने 20 तारीख को संजय चौहान को पार्टी से निष्कासित कर देती है.
"आनन फानन में जदयू के लोगों ने क्यों कदम उठाया? कई बार सदन के अंदर या सदन के बाहर या प्रेस मीडिया के माध्यम से हमने कहा कि मुख्यमंत्री जी हिम्मत है तो अपने दल के नेता को ब्लड सैंपल देने के लिए सुनिश्चित करें. बिहार के तमाम कार्यकर्ता सभी दल के नेता उसका सम्मान करेंगे."- जनक राम. पूर्व मंत्री, बिहार
बेल बॉन्ड पर छोड़े जाने पर सवाल: बता दें कि जदयू के प्रदेश महासचिव संजय चौहान को मीरगंज थाना क्षेत्र के एकडेंगा गांव के पास एएलटीएफ की टीम ने शराब के नशे में गिरफ्तार किया था. जिसके बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. जहां से 2 हजार रुपए जुर्माना देकर संजय चौहान को जमानत दे दी गई थी.