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गोपालगंज में प्राथमिक विद्यालय की हालत जर्जर, एक ही कमरे में संचालित होते हैं 5वीं तक के क्लास

गोपालगंज नगर परिषद के वार्ड संख्या-19 में स्थित दो कमरा वाले राजकीय प्राथमिक विद्यालय का भवन जर्जर हो चुका है. इस स्कूल के एक कमरे में पांचवीं तक की कक्षाएं संचालित होती है. वहीं दूसरे कमरे में आंगनबाड़ी चलता है. छात्रों को पढ़ने में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. पढ़ें पूरी खबर..

गोपालगंज में प्राथमिक विद्यालय की हालत खराब
गोपालगंज में प्राथमिक विद्यालय की हालत खराब
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Published : Apr 14, 2022, 3:04 PM IST

गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज में एक प्राथमिक विद्यालय की हालत काफी खराब है. जिले के पुरानी चौक स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय में एक ही कमरे में एक से पांचवीं तक की कक्षाएं संचालित हो रही हैं. दो कमरे वाले स्कूल के भवन के एक कमरे में आंगनबाड़ी चलता है. वहीं दूसरे कमरे में पांचवीं तक के बच्चे पढ़ते हैं. यहां पढ़ने वाले बच्चों को भी काफी परेशानी होती है. कमरे में तीसरी, चौथी और पांचवीं कक्षा की पढ़ाई होती है. कई बार पढ़ाई के दौरान कई बार बच्चे और शिक्षक भी कंन्फ्यूज हो जाते हैं.

ये भी पढ़ें-सरकारी स्कूल की बदहाली, जमीन पर बोरा बिछाकर पढ़ने को मजबूर हैं बच्चे

एक कमरे में संचालित हो रही पांच कक्षाएं: गोपालगंज नगर परिषद के वार्ड संख्या-19 में स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय में एक कमरे में पांचवीं तक के बच्चों की पढ़ाई होती है. स्कूल में कुल एक सौ बच्चे हैं. स्कूल मॉर्निंग चल रहा है, इसलिए 60 से 70 बच्चे ही आते हैं. वहीं चार शिक्षिकाएं हैं. स्कूल का भवन भी जर्जर हो चुका है. लेकिन इस पर किसी भी अधिकारी का ध्यान नहीं गया है. स्कूल में बिजली, पंखा और रसोई घर जैसी कोई भी सुविधा नहीं है. प्राथमिक विद्यालय के एक ही कमरे में स्कूल का पठन-पाठन, कार्यालय और स्टोर रूम है. ऐसे में यहां पढ़ने वाले छात्रों की मानसिक स्थिति का अंदाजा आप लगा सकते हैं.

बरसात में बच्चों को होती है परेशानी: विद्यालय में बच्चों की बैठने की पर्याप्त जगह नहीं होने के कारण बच्चों को बरामदा में भी बैठाया जाता है, लेकिन बरसात के मौसम और ठंड के दिनों में बच्चों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. स्कूल में पढ़ने वाले पांचवीं के छात्र सिबू कुमार ने बताया कि उनकी मैडम ब्लैक बोर्ड पर समझाती हैं, लेकिन उधर के मैडल दूसरे क्लास के बच्चों को पढ़ाती हैं, तो कुछ समझ में नहीं आता है. एक ब्लड बोर्ड पर तीन-तीन मिस पढ़ाती हैं. इस विद्यालय के कई छात्र ऐसी ही समस्या से जुझ रहे हैं. हालांकि स्कूल की शिक्षिका भी मान रहीं हैं कि एक ही कमरे में बच्चों को मैनेज कर पाना काफी मुश्किल होता है. किसी तरह की एक्टविटी नहीं हो पाती है.

एक कमरे में स्कूल तो दूसरे में चलता है आंगनबाड़ी: विद्यालय में कुल चार शिक्षिका और एक हेड मास्टर हैं. स्कूल की एचएम का कहना है कि दो कमरा का विद्यालय है. जिसमें एक कमरा में क्लास चलता है. स्कूल के लिए अतिरिक्त जमीन नहीं है. जितनी जमीन है उतने में स्कूल का कमरा बना है. दो मंजिला भवन बनाकर समस्या को दूर किया जा सकता है, लेकिन यहां सती स्थान होने की वजह से स्कूल की छत पर फैली पेड़ की टहनियों को ग्रामीण काटने नहीं देते हैं. जिसके चलते कई सालों से एक कमरे में ही पांचवीं तक की पढ़ाई हो रही है.

जांच कर समस्या का होगा समाधान: जिला शिक्षा पदाधिकारी राज कुमार शर्मा का कहना है कि विद्यालय का दो कमरा है, तो एक कमरा आइसीडीएस विभाग कैसे उपयोग कर रहा है. डीईओ ने जांच कराकर समस्या का समाधाना कराने की बात कही है. बता दें कि गोपालगंज जिले में प्राथमिक स्कूलों की संख्या 1055 है, जिसमें 201 ऐसे विद्यालय हैं, जिनके पास भवन तक नहीं है. बहरालहाल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का दम भरा जा रहा है. सतत् मूल्यांकन का दावा किया जा रहा है, लेकिन इस दावे में कितना दम है. इसकी सच्चाई यह विद्यालय बयां कर रहा है. आखिर कबतक ऐसे हालात बने रहेंगे.

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गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज में एक प्राथमिक विद्यालय की हालत काफी खराब है. जिले के पुरानी चौक स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय में एक ही कमरे में एक से पांचवीं तक की कक्षाएं संचालित हो रही हैं. दो कमरे वाले स्कूल के भवन के एक कमरे में आंगनबाड़ी चलता है. वहीं दूसरे कमरे में पांचवीं तक के बच्चे पढ़ते हैं. यहां पढ़ने वाले बच्चों को भी काफी परेशानी होती है. कमरे में तीसरी, चौथी और पांचवीं कक्षा की पढ़ाई होती है. कई बार पढ़ाई के दौरान कई बार बच्चे और शिक्षक भी कंन्फ्यूज हो जाते हैं.

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एक कमरे में संचालित हो रही पांच कक्षाएं: गोपालगंज नगर परिषद के वार्ड संख्या-19 में स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय में एक कमरे में पांचवीं तक के बच्चों की पढ़ाई होती है. स्कूल में कुल एक सौ बच्चे हैं. स्कूल मॉर्निंग चल रहा है, इसलिए 60 से 70 बच्चे ही आते हैं. वहीं चार शिक्षिकाएं हैं. स्कूल का भवन भी जर्जर हो चुका है. लेकिन इस पर किसी भी अधिकारी का ध्यान नहीं गया है. स्कूल में बिजली, पंखा और रसोई घर जैसी कोई भी सुविधा नहीं है. प्राथमिक विद्यालय के एक ही कमरे में स्कूल का पठन-पाठन, कार्यालय और स्टोर रूम है. ऐसे में यहां पढ़ने वाले छात्रों की मानसिक स्थिति का अंदाजा आप लगा सकते हैं.

बरसात में बच्चों को होती है परेशानी: विद्यालय में बच्चों की बैठने की पर्याप्त जगह नहीं होने के कारण बच्चों को बरामदा में भी बैठाया जाता है, लेकिन बरसात के मौसम और ठंड के दिनों में बच्चों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. स्कूल में पढ़ने वाले पांचवीं के छात्र सिबू कुमार ने बताया कि उनकी मैडम ब्लैक बोर्ड पर समझाती हैं, लेकिन उधर के मैडल दूसरे क्लास के बच्चों को पढ़ाती हैं, तो कुछ समझ में नहीं आता है. एक ब्लड बोर्ड पर तीन-तीन मिस पढ़ाती हैं. इस विद्यालय के कई छात्र ऐसी ही समस्या से जुझ रहे हैं. हालांकि स्कूल की शिक्षिका भी मान रहीं हैं कि एक ही कमरे में बच्चों को मैनेज कर पाना काफी मुश्किल होता है. किसी तरह की एक्टविटी नहीं हो पाती है.

एक कमरे में स्कूल तो दूसरे में चलता है आंगनबाड़ी: विद्यालय में कुल चार शिक्षिका और एक हेड मास्टर हैं. स्कूल की एचएम का कहना है कि दो कमरा का विद्यालय है. जिसमें एक कमरा में क्लास चलता है. स्कूल के लिए अतिरिक्त जमीन नहीं है. जितनी जमीन है उतने में स्कूल का कमरा बना है. दो मंजिला भवन बनाकर समस्या को दूर किया जा सकता है, लेकिन यहां सती स्थान होने की वजह से स्कूल की छत पर फैली पेड़ की टहनियों को ग्रामीण काटने नहीं देते हैं. जिसके चलते कई सालों से एक कमरे में ही पांचवीं तक की पढ़ाई हो रही है.

जांच कर समस्या का होगा समाधान: जिला शिक्षा पदाधिकारी राज कुमार शर्मा का कहना है कि विद्यालय का दो कमरा है, तो एक कमरा आइसीडीएस विभाग कैसे उपयोग कर रहा है. डीईओ ने जांच कराकर समस्या का समाधाना कराने की बात कही है. बता दें कि गोपालगंज जिले में प्राथमिक स्कूलों की संख्या 1055 है, जिसमें 201 ऐसे विद्यालय हैं, जिनके पास भवन तक नहीं है. बहरालहाल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का दम भरा जा रहा है. सतत् मूल्यांकन का दावा किया जा रहा है, लेकिन इस दावे में कितना दम है. इसकी सच्चाई यह विद्यालय बयां कर रहा है. आखिर कबतक ऐसे हालात बने रहेंगे.

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