गोपालगंज: बिहार का गोपालगंज जिला बाढ़ की समस्या से हमेशा जूझता रहा है. यहां गंडक नदी का विकराल रूप ना जाने कितनों को बेघर कर चुका है. कई एकड़ जमीन गंगा की गोद में समा गई. वहीं, जिला प्रशासन भी समय-समय पर बाढ़ व कटाव से बचाव के लिए पहल शुरु करती है. ताकि समय पर लोगों की जान माल को बचाया जा सके.
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इस बार भी मानसून के मौसम में गंडक नदी में आने वाली बाढ़ के कहर से दियारा इलाके के निचले भाग में बसे गांवों को बचाने के लिए प्रशासन ने अपनी तैयारियां अभी से ही शुरू कर दी है. सारण तटबंध के निचले इलाके के रिंग बांध को दुरुस्त करने के लिए कटाव रोधी कार्य किये जा रहे हैं. इस कार्य में सैकड़ों मजदूरों को लगाया गया है, ताकि समय पर यह कटाव रोधी कार्य हो सके.
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इन गांवों में सबसे ज्यादा मचती है तबाही
वहीं, जगिरी टोला, हिरापाकड, मेंहनदिया, पतहरा, खगौल, अहिरौली मानिकपुर समेत कई गांव के लोगों सुरक्षित रह सके इसके लिए काम तेजी से हो रहा है. ज्ञातव्य हो कि जिले में बरसात के मौसम में हर साल गंडक नदी में आने वाली बाढ़ तथा कटाव से दियारा के निचले इलाके में तबाही मचती है.
वो विनाशकारी बाढ़ थी
वर्ष 2017 में बरौली में सारण तटबंध टूटने से जिले के बरौली सिधवलिया तथा बैकुंठपुर के साथ ही सीमावर्ती छपरा के इलाके में भी भारी तबाही मची थी. फसलें बर्बाद हो गई थी और सैकड़ों घर ध्वस्त हो गए गए थे. इस विनाशकारी बाढ़ के बाद सारण तटबंध की दशा सुधारने की पहल की गई. जिसके कारण निचले इलाके में बाढ़ के कारण तबाही काफी कम हुई.