ETV Bharat / state

गोपालगंजः बेसहारों के लिए वरदान साबित हो रहा है ये आश्रय स्थल, निःशुल्क है सभी सेवाएं

नगर परिषद के चेयरमैन हरेंद्र चौधरी ने बताया कि दो सालों से निराश्रित लोगों के लिए नगर परिषद के भवन में रैन बसेरा बनाया गया है. यहां केयर टेकर भी रखा गया है. इसके साथ ही साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है.

gopalganj
आश्रयहीनों के लिए वरदान साबित हो रहा आश्रय स्थल
author img

By

Published : Jan 9, 2020, 3:07 PM IST

Updated : Jan 9, 2020, 5:40 PM IST

गोपालगंजः जिला मुख्यालय स्थित राजेंद्र नगर मुहल्ले में नगर परिषद ने आश्रयहीनों के लिए आश्रय स्थल बना है. ये उनके लिए किसी वरदान से कम नहीं है. कई आश्रयहीन यहां रोज शरण लेकर ठंड में रात गुजारते हैं. यहां कंबल, बेड समेत कई सुविधाएं निःशुल्क मुहैया कराई जाती है. अस्पताल में मरीज का इलाज कराने आए या कोर्ट कचहरी या किसी अन्य काम से शहर में ठहरने की मजबूरी होने पर लोग इस आश्रयस्थल पर पहचान पत्र देकर आराम से रात गुजारते हैं.

पुरुष और महिलाओं के लिए अलग-अलग वार्ड
10 बेड वाला ये आश्रय स्थल तकरीब 60 हजार की लागत से बनाया गया है. जहां नगर परिषद की तरफ से मुकम्मल व्यवस्था की गई है. पुरुष और महिलाओं के लिए यहां अलग-अलग वार्ड बनाए गए हैं. साथ ही बिस्तर, कंबल की व्यवस्था के साथ नहाने और शौचालय की बेहतर व्यवस्था भी की गई है.

आश्रयहीनों के लिए वरदान साबित हो रहा आश्रय स्थल

रात गुजारने के लिए आश्रय स्थल
अस्पताल में अपने परिजन का इलाज करवाने आए बरौली प्रखंड निवासी विश्वनाथ सिंह ने बताया कि रात गुजारने के लिए कहीं व्यवस्था नहीं होने पर वे भटक रहे थे. तभी किसी ने इस आश्रय स्थल के बारे में बताया, जिसके बाद वे यहां आए.

gopalganj
आश्रय स्थल में ठहरे लोग

प्रचार-प्रसार के अभाव में लोगों को नहीं है जानकारी
नगर परिषद के चेयरमैन हरेंद्र चौधरी ने बताया कि दो सालों से निराश्रित लोगों के लिए नगर परिषद के भवन में रैन बसेरा बनाया गया है. यहां केयर टेकर भी रखा गया है. इसके साथ ही साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है. चेयरमैन हरेंद्र चौधरी ने बताया कि प्रचार-प्रसार के अभाव में बहुत लोगों को इसकी जानकारी नहीं है.

गोपालगंजः जिला मुख्यालय स्थित राजेंद्र नगर मुहल्ले में नगर परिषद ने आश्रयहीनों के लिए आश्रय स्थल बना है. ये उनके लिए किसी वरदान से कम नहीं है. कई आश्रयहीन यहां रोज शरण लेकर ठंड में रात गुजारते हैं. यहां कंबल, बेड समेत कई सुविधाएं निःशुल्क मुहैया कराई जाती है. अस्पताल में मरीज का इलाज कराने आए या कोर्ट कचहरी या किसी अन्य काम से शहर में ठहरने की मजबूरी होने पर लोग इस आश्रयस्थल पर पहचान पत्र देकर आराम से रात गुजारते हैं.

पुरुष और महिलाओं के लिए अलग-अलग वार्ड
10 बेड वाला ये आश्रय स्थल तकरीब 60 हजार की लागत से बनाया गया है. जहां नगर परिषद की तरफ से मुकम्मल व्यवस्था की गई है. पुरुष और महिलाओं के लिए यहां अलग-अलग वार्ड बनाए गए हैं. साथ ही बिस्तर, कंबल की व्यवस्था के साथ नहाने और शौचालय की बेहतर व्यवस्था भी की गई है.

आश्रयहीनों के लिए वरदान साबित हो रहा आश्रय स्थल

रात गुजारने के लिए आश्रय स्थल
अस्पताल में अपने परिजन का इलाज करवाने आए बरौली प्रखंड निवासी विश्वनाथ सिंह ने बताया कि रात गुजारने के लिए कहीं व्यवस्था नहीं होने पर वे भटक रहे थे. तभी किसी ने इस आश्रय स्थल के बारे में बताया, जिसके बाद वे यहां आए.

gopalganj
आश्रय स्थल में ठहरे लोग

प्रचार-प्रसार के अभाव में लोगों को नहीं है जानकारी
नगर परिषद के चेयरमैन हरेंद्र चौधरी ने बताया कि दो सालों से निराश्रित लोगों के लिए नगर परिषद के भवन में रैन बसेरा बनाया गया है. यहां केयर टेकर भी रखा गया है. इसके साथ ही साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है. चेयरमैन हरेंद्र चौधरी ने बताया कि प्रचार-प्रसार के अभाव में बहुत लोगों को इसकी जानकारी नहीं है.

Intro:आश्रयहीनो के लिए वरदान साबित हो रहा आश्रय स्थल
----हाड़ कपाती इस ठंढ में रात गुजारते के लिए है निःशुल्क व्यवस्था

गोपालगंज। गोपालगंज मुख्यालय स्थित राजेंद्र नगर मुहल्ले में नगर परिषद द्वारा बनाये गए आश्रय स्थल, आश्रयहिनो के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इस आश्रय स्थल पर रोजाना कई आश्रयहीन शरण लेकर इस ठंड में रात गुजारते हैं। इस स्थल में कंबल बिछावन समेत कई सुविधाएं निशुल्क मुहैया
कराई जाती है। जो नगर परिषद का एक सराहनीय पहल बताई जाती है


Body:अस्पताल में मरीजों का इलाज कराने आए हो या कोर्ट कचहरी या किसी अन्य काम से शहर में ठहरने की मजबूरी है तो भी आपको टेंशन लेने की जरूरत नही है। सिर्फ एक।पहचान पत्र वे साथ इस आश्रय स्थल पर पहुंच कर एक या दो रात आराम से रहकर रात गुजार सकते है और इस कड़ाके की ठंढ से बच सकते है। तकरीब 60 हजार की लागत से 10 बेड वाला यह आश्रय स्थल में ठहरने के लिए नगर परिषद ने मुकम्मल व्यवस्था कर रखी है। पुरुष महिलाओ के लिए अलग अलग वार्ड है। यहां कड़ाके की ठंड से बचने के लिए जरूरतमंदों को अस्थाई रूप से आश्रय प्रदान किया जा रहा है। आश्रय स्थल में बिस्तर कंबल की व्यवस्था के साथ नहाने व शौचालय की बेहतर व्यवस्था की गई है। अस्पताल में अपने मरीज के इलाज कराने आये बरौली प्रखण्ड के बतरदेह गाँव निवासी मरीज के परिजन विश्वनाथ सिंह रात गुजारने के लिए कही व्यवस्था नही देख कर खुले आसमान में रात गुजाते देख किसी ने आश्रय स्थल के बारे में बताया जहाँ पहुंच कर उसने राहत की सांस ली।

बाइट-विश्वनाथ सिंह, आश्रयहीन

पहले जहां इस ठंड से बचने के गरीबो व रिक्शा चालकों आश्रितहिनो के लिए वैकल्पिक साधन भी नहीं था और उन्हें तेज ठंड में रात काटना मुश्किल हो रहा था। ऐसे में उनके लिए यह आश्रय स्थल वरदान साबित हो रही है। यहां आश्रितहिनो रिक्शा चालकों के लिए आराम से सोने के लिए चारपाई कम्बल व विछावन की व्यवस्था निःशुल्क दी जा रही है। दिन भर रिक्शा चलाने के बाद थके हारे रिक्शा वाले यहां चैन की नींद सोते है वही ठंड से राहत भी पाते है।

बाइट-हरेंद्र चौधरी, नगर परिषद चेयरमैन काला जैकेट पहने हुए

बाइट-नरेंद्र कुमार चौरसिया, व्यवस्थापक ,मॉलर कंधे पर रखे हुए







Conclusion:आश्रयहीनो के लिए बनाए गए यह आश्रय स्थल में वैसे लोगो को शरण मिल रही है जो सड़को पर ठंड के दिनों में रात गुजारने पर विवश होते थे। हलांकि इसका प्राचार्य प्रसार व बेडो की संख्या में विस्तार की आवश्यकता है।
Last Updated : Jan 9, 2020, 5:40 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.