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गोपालगंज: विनाशकारी बाढ़ से लोगों का जीना मुहाल, हवा-हवाई प्रशानिक दावे - Saran Embankment BROKEN

बिहार में बाढ़ से हालात बदतर है. देवापुर गांव के ग्रामीणों का आरोप है कि ना हीं प्लास्टिक मिल रही है, ना दवा और ना ही बच्चों के दूध की व्यवस्था है. बाढ़ का पानी घर में घुस जाने के कारण कपड़े- बिस्तर भी भींग गए हैं. बाढ़ के साथ लगातार हो रही बारिश भी मुश्किल बढ़ा रही है.

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Published : Aug 1, 2020, 1:16 PM IST

Updated : Aug 1, 2020, 1:42 PM IST

गोपालगंज: जिले के बरौली प्रखंड का देवापुर गांव बाढ़ के पानी से पूरी तरह जलमग्न हो गया है. बाढ़ का पानी यहां की सड़कों पर फैल गया है. लोग कमर तक डूबकर बाढ़ के पानी को पार कर रहे हैं.

व्यवस्था के दावे हवा हवाई
लोगों का आरोप है कि गांव में प्रशासन ने सिर्फ भोजन की व्यवस्था की है. वह भी कई किलोमीटर दूर. इसके अलावा दूसरी व्यवस्था हवा हवाई साबित हो रही है. लोग इसी तरह बाढ़ के पानी में डूबकर आवागमन करने को मजबूर हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

सारण तटबंध के अलावा टूटे कई बांध
दअरसल, सारण तटबंध के अलावा कई बांधों के टूटते ही पांच प्रखंडों के कई पंचायत पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं. बाढ़ का पानी काफी तेजी से गांव में फैलने लगा है. इससे लोगों को खाने पीने और रहने की समस्या उत्पन्न हो गई है. लोग अपने घर को छोड़ कर ऊंचे स्थान की ओर पलायन करने लगे है. कुछ लोग अपने घरों में ही कैद हो गए है.

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लोगों से बातचीत करते ईटीवी संंवाददाता

अब मिल रहा दो वक्त का भोजन
बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए हर सुविधा मुहैया कराए जाने के दावे किए जा रहे हैं. लेकिन, ये दावे यहां आकर दम तोड़ते नजर आते हैं. लोगों ने बताया कि प्रशासन की तरफ से पहले एक वक्त का भोजन मिलता था. अब कुछ दिनों से दो वक्त का मिल रहा है. लेकिन उसके लिए काफी दूर जाना पड़ता है. इसके अलावा और कोई सहायता नहीं मिल रही.

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बाढ़ में फंसे ग्रामीण

बाढ़ के साथ बारिश ने बढ़ाई मुश्किल
ग्रामीणों का आरोप है कि ना ही प्लास्टिक मिल रही है, ना दवा और ना ही बच्चों के दूध की व्यवस्था है. ऐसे में प्रशासन के दावे झूठे साबित हो रहे हैं. हम जिल्लत भरी जिंदगी जीने को मजबूर है. पूरा गांव पानी-पानी हो गया है. बाढ़ का पानी घर में घुस गया जिससे कपड़े- बिस्तर सब भींग गए है. रोजमर्रा के काम में सोने में परेशानी उत्पन्न हो गई है. बाढ़ के साथ बारिश भी मुश्किल बढ़ा रही है.

गोपालगंज: जिले के बरौली प्रखंड का देवापुर गांव बाढ़ के पानी से पूरी तरह जलमग्न हो गया है. बाढ़ का पानी यहां की सड़कों पर फैल गया है. लोग कमर तक डूबकर बाढ़ के पानी को पार कर रहे हैं.

व्यवस्था के दावे हवा हवाई
लोगों का आरोप है कि गांव में प्रशासन ने सिर्फ भोजन की व्यवस्था की है. वह भी कई किलोमीटर दूर. इसके अलावा दूसरी व्यवस्था हवा हवाई साबित हो रही है. लोग इसी तरह बाढ़ के पानी में डूबकर आवागमन करने को मजबूर हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

सारण तटबंध के अलावा टूटे कई बांध
दअरसल, सारण तटबंध के अलावा कई बांधों के टूटते ही पांच प्रखंडों के कई पंचायत पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं. बाढ़ का पानी काफी तेजी से गांव में फैलने लगा है. इससे लोगों को खाने पीने और रहने की समस्या उत्पन्न हो गई है. लोग अपने घर को छोड़ कर ऊंचे स्थान की ओर पलायन करने लगे है. कुछ लोग अपने घरों में ही कैद हो गए है.

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लोगों से बातचीत करते ईटीवी संंवाददाता

अब मिल रहा दो वक्त का भोजन
बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए हर सुविधा मुहैया कराए जाने के दावे किए जा रहे हैं. लेकिन, ये दावे यहां आकर दम तोड़ते नजर आते हैं. लोगों ने बताया कि प्रशासन की तरफ से पहले एक वक्त का भोजन मिलता था. अब कुछ दिनों से दो वक्त का मिल रहा है. लेकिन उसके लिए काफी दूर जाना पड़ता है. इसके अलावा और कोई सहायता नहीं मिल रही.

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बाढ़ में फंसे ग्रामीण

बाढ़ के साथ बारिश ने बढ़ाई मुश्किल
ग्रामीणों का आरोप है कि ना ही प्लास्टिक मिल रही है, ना दवा और ना ही बच्चों के दूध की व्यवस्था है. ऐसे में प्रशासन के दावे झूठे साबित हो रहे हैं. हम जिल्लत भरी जिंदगी जीने को मजबूर है. पूरा गांव पानी-पानी हो गया है. बाढ़ का पानी घर में घुस गया जिससे कपड़े- बिस्तर सब भींग गए है. रोजमर्रा के काम में सोने में परेशानी उत्पन्न हो गई है. बाढ़ के साथ बारिश भी मुश्किल बढ़ा रही है.

Last Updated : Aug 1, 2020, 1:42 PM IST
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