गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज (Gopalganj) जिले के मोहम्मदपुर थाना क्षेत्र के कुशहर और मोहम्मदपुर गांव में जहरीली शराब (Poisonous Liquor) पीने से 12 लोगों की मौत हो गई है. वहीं, कई लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है. इनमें कुछ लोगों की आंखों की रोशनी जाने की बात बताई जा रही है. कई लोगों का सदर अस्पताल और मोतिहारी के सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा है.
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दरअसल, जिला प्रशासन ने बुधवार की शाम तक 4 शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया था, जबकि तीन शवों को परिजनों ने पुलिस के पहुंचने से पहले डुमरिया घाट पर दाह-संस्कार करा दिया. वहीं, तीन शवों को गोपालगंज सदर अस्पताल लाया जा रहा था. उधर, मृतकों के परिवार वालों ने शराब पीने से मौत होने की बात कही है. फिलहाल सन्दिग्ध स्थिति में हुई मौत के बाद डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी, एसपी आनंद कुमार ने अपने दल बल के साथ गांव में पहुंचकर मृतकों के परिजनों से मिलकर घटना की जानकारी ली और दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की बात कही. वहीं, मंत्री जनक राम ने 8 मृतकों के घर जाकर उन्हें सांत्वना दी और कार्रवाई का भरोसा दिलाया.
दरअसल, सूबे में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद एक बार फिर जहरीली शराब को लेकर मामला गरमाता दिख रहा है. जहां कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से अब तक 12 लोगों की मौत हो गई है. प्रशासन ने चार के मौत की पुष्टि की है. मृतकों में मुकेश राम, छोटे लाल प्रसाद, छोटे लाल सोनी, संतोष साह और रामबाबू यादव शामिल हैं. मृतक मुकेश राम के घर से पुलिस ने तलाशी के दौरान देसी शराब की बरामदगी हुई.
पुलिस ने संदिग्ध परिस्थितियों में चार लोगों के मरने की पुष्टि की. वहीं, इस शराब कांड में कई लोगों के आंखों की रोशनी भी गायब होने की बात कही जा रही है. आंखों की रोशनी गायब होने वाले लोगों मे दुर्गा प्रसाद, भोला राम, पप्पू साह, मनोरंजन सिंह शामिल हैं. इसमें से दो लोगों को चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए गोरखपुर रेफर कर दिया है. वहीं, दो लोगों का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है.
डीएम के निर्देश पर सदर एसडीओ उपेंद्र पाल, एसडीपीओ संजीव कुमार सिंह के साथ महम्मदपुर, बैकुंठपुर और सिधवलिया थाने की पुलिस और उत्पाद विभाग की टीम ने सुबह से सर्च अभियान चलाया. जिसमें तुरहा टोला से चार शराब धंधेबाज छोटे लाल साह, अशोक शर्मा, रामप्रवेश साह और जितेंद्र प्रसाद को गिरफ्तार किया है. देर रात तक छापेमारी जारी है. मृतक महम्मदपुर थाने के कुशहर, महम्मदपुर, मंगोलपुर, बुचेया और छपरा के मसरख थाने के रसौली गांव के रहने वाले हैं. जिन लोगों की मौत हुई उनके परिजनों ने पुलिस को बताया कि तुरहा टोली में शराब बिक रही थी.
महम्मदपुर थाने के अलग-अलग गांवों में हुई मौत के बाद गोपालगंज सदर अस्पताल में चार शवों का पोस्टमार्टम कराया गया. पोस्टमार्टम के लिए सिविल सर्जन डॉ. योगेंद्र महतो ने मेडिकल बोर्ड का गठन किया था. जिनके शव का पोस्टमार्टम कराया गया उनमें छोटे लाल सोनी, संतोष गुप्ता, रमेश राम तथा मुकेश राम शामिल हैं.
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डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने बताया कि यह गंभीर मामला है. चार लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, अन्य का इलाज चल रहा है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद स्पष्ट हो पायेगा कि मौत कैसे हुई है. पुलिस टीम और उत्पाद विभाग शराब के ठिकानों पर छापेमारी कर रही है. चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनसे पूछताछ चल रही है. इनके मकान को सील भी किया गया है.
अब इस मामले ने राजनीति रूप भी ले लिया है. स्थानीय राजद विधायक प्रेमशंकर यादव ने सरकार और जिला प्रशासन पर निशाना साधते हुए कहा कि शराब पीने से जिले में 12 लोगों की मौत हुई है, जबकि कई लोग बीमार हैं. मृतक संतोष साह की मां ने बेटे की मौत की वजह शराब ही बताई है. अमरावती देवी की मानें तो संतोष साह मंगलवार की शाम को 6 बजे ही घर आ गए थे. रात को 3 बजे अचानक उनकी तबीयत खराब हुई. बीमार होने के बाद उन्होंने परिजनों से बातचीत की. उसके बाद ही उनकी मौत हो गई. मृतक के परिजनों की मानें तो संतोष साह रोज शराब पीता था.
गोपालगंज में जहरीली शराब पीने से बीमार पड़े तीन लोगों में से दो की मौत मोतिहारी के अलग-अलग नर्सिंग होम में इलाज के दौरान हो गई. जबकि एक बीमार व्यक्ति का इलाज एक अन्य नर्सिंग होम में चल रहा है. दोनों शवों का पुलिस ने पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया. मृतकों में गोपालगंज स्थित महमदपुर के रहने वाले छोटेलाल प्रसाद और रामबाबू राय हैं, जबकि बीमार राजकुमार मिश्रा का इलाज चल रहा है.
वहीं, मृतक छोटेलाल प्रसाद के चचेरे भाई अमित ने बताया कि उनका भाई अक्सर शराब पीता था. उनकी मौत शराब पीने से ही हुई है. अमित के अनुसार उसके भाई शराब पीने के बाद धनतेरस की खरीदारी कर घर आए थे. बीती रात लगभग 3 बजे उनके भाई की स्थिति ज्यादा खराब हो गई. उन्हें इलाज के लिए मोतिहारी में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
बता दें कि बिहार में अप्रैल 2016 में शराबबंदी कानून लागू किया गया था. महिलाओं के अनुरोध पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में पूर्ण शराबबंदी करने का फैसला लिया था. शराबबंदी से हर साल 5000 करोड़ से अधिक राजस्व का नुकसान बिहार सरकार को हो रहा है. लेकिन, सीएम नीतीश कुमार शराबबंदी कानून को जारी रखना चाहते हैं. पुरुषों के मुकाबले महिलाओं ने पूर्ण शराबबंदी कानून को सराहा है. विधानसभा चुनाव में भी इस बात पर मुहर लगी है. विधानसभा चुनाव में जहां 54.38 प्रतिशत पुरुषों ने वहीं 59.58% महिलाओं ने मतदान किया था.