गोपालगंज : वर्षो से उपेक्षा का शिकार सबेया हवाई अड्डा का दिन अब बहुरने की उम्मीद जगी है. सांसद डॉ आलोक कुमार सुमन की पहल पर हवाई अड्डा को चालू करने की कवायद शरू हो गयी है. लेकिन इस हवाई अड्डा के बनने के साथ जहां जिले के अलावे आसपास के जिले के खाड़ी देशों में रहने वाले लोगो में खुशी का माहौल है, वहीं सबेया महादलित बस्ती (Sabeya Mahadalit Basti) के लोगों की मुसीबतें बढ़ती हुई दिख रही है. जिस वजह से सबेया महादलित बस्ती में रहने वाले सैकड़ों परिवारों में गम का माहौल है.
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'लालू प्रसाद ने हमलोगों को यहां बसाया है. हम गरीब लोग हैं. मजदूरी कर परिवार चलाते हैं. इसके अलावे हमलोगों को रहने की कहीं व्यवस्था नहीं है. अब हवाई जहाज का उड़ान होने वाला है, लेकिन जिस सरकार ने हमें बसाया वही सरकार सरकार हम लोगों को उजाड़ रही है. हमलोग कहां जाएंगे, क्या खाएंगे और कैसे रहेंगे. हमलोग मर जाएंगे लेकिन यह जमीन खाली नहीं करेंगे'- स्थानीय निवासी
लालू ने बसायी थी कॉलोनी: दरअसल सबेया हवाई अड्डा को पुनः चालू कराने के लिए वर्षों से मांग की जा रही थी. जिसके बाद सांसद डॉ आलोक कुमार सुमन द्वारा इस पर पहल करते हुए उड़ान योजना में शामिल कराया. उड़ान योजना में शामिल होते ही सबेया हवाई अड्डे की भूमि को जिला प्रशासन के अधिकारी द्वारा मैपिंग करायी ज रही है. जिला प्रशासन द्वारा की गई इस कार्यवाही से महादलित बस्ती के लोगों को उजड़ जाने का भय सताने लगा है. महादलित बस्ती के लोगों की मानें तो यह बस्ती तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के निर्देश पर 1991 में बसाई गई थी.
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क्या कहा यहां रहनेवालों नेः तत्कालीन सीएम ने महादलित बस्ती में कॉलोनी का निर्माण कर बसाया गया था. साथ ही स्कूल सड़क समेत इंदिरा आवास योजना के तहत मकान समेत विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया था. बस्ती में रहनेवाले लोगों के लिए सुविधा मुहैया कराई. लेकिन अब इस बस्ती पर खतरा मंडराने लगा है. बस्ती में रहनेवाली सुनीता देवी, बोथा नट और भीखू का कहना है कि लालू प्रसाद ने हमलोगों को यहां बसाया है. हम गरीब लोग हैं. मजदूरी कर परिवार चलाते हैं. इसके अलावे हमलोगों को रहने की कहीं व्यवस्था नहीं है. अब हवाई जहाज का उड़ान होने वाला है, लेकिन जिस सरकार ने हमें बसाया वही सरकार सरकार हम लोगों को उजाड़ रही है. हमलोग कहां जाएंगे, क्या खाएंगे और कैसे रहेंगे. हमलोग मर जाएंगे लेकिन यह जमीन खाली नहीं करेंगे.