गोपालगंज: जिले के सिधवलिया के भारत शुगर मिल में गन्ने से चीनी की मिठास ही नहीं बल्कि यह एक बड़े क्षेत्र के लिए बिजली भी तैयार किया जाता है. यह चीनी मिल गन्ने के पेराई के बाद निकले छिलके से प्रतिदिन 18 मेगावाट बिजली उत्पादित करता है. जिसमें से ढाई लाख यूनिट प्रतिदिन बिहार सरकार को मुहैया कराता है. जिससे कई जिले के गांव जगमग होते है. उत्पादित बिजली गोपालगंज, बेतिया और मोतिहारी के गांव में पहुंचाया जाता है.
तीन चीनी मिल वर्तमान में कार्यरत
बता दें कि गोपालगंज में चार चीनी मिले हैं. जिसमें एक हथुआ चीनी मिल सालों से बंद पड़ा है. तीन चीनी मील वर्तमान में कार्यरत हैं. लेकिन बिजली उत्पादन का काम सिर्फ सिधवलिया चीनी मिल करता है. अगर बिजली उत्पादित के लिए बिहार सरकार इन दोनों चीनी मिलों पर ध्यान दे और आर्थिक मदद करे तो बिहार को और बिजली मिल सकेगी.
इन इलाकों में होती है बिजली आपूर्ति
गोपालगंज पावर ग्रिड को सिधवलिया चीनी मिल से मिल रहे बिजली का पावर ग्रिड बेतिया वन फीडर से लेकर गोपालगंज समेत रक्सौल, सिवान और महराजगंज पावर हाउस को मिलता है. जिससे इन क्षेत्रों की बिजली आपूर्ति की जाती है.
उच्च क्षमता का लगाया गया ट्रांसफार्मर
चीनी मिल परिसर में ट्रांसमिशन स्विच यार्ड उच्च क्षमता का ट्रांसफार्मर लगाया गया है. बगास से चलने वाले टरबाइन से उत्पादित बिजली को मिल परिसर में लगे ट्रांसमिशन के जरिए गोपालगंज ग्रिड को आपूर्ति की जाती है. मिल से निकले बगास को जमा किया जाता रहा है. ताकि गन्ना पेराई बंद होने के बाद भी बिजली का उत्पादन अप्रैल महीने तक किया जा सके.