गोपालगंजः बिहार में शराबबंदी की हकीकत क्या है, इसके लिए अलग के कुछ कहने की जरूरत नहीं है. क्योंकि कथित तौर पर जहरीली शराब से होने वाली मौतों का राज परत-दर-परत खुलता जा रहा है. बीते महीने जिले के विजयीपुर थाना क्षेत्र के मझवलिया गांव के ईंट-भट्ठे पर काम करने वाले झारखंड के दो मजदूरों की शराब पीने से ही मौत हुई थी. इसकी पुष्टि मृतकों की विसरा की जांच से हुई है.
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हत्या का मामला दर्ज
मुजफ्फरपुर से जांच रिपोर्ट आने के बाद अब यह मामला हत्या का बन गया है. और इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. पुलिस कप्तान आनंद कुमार ने बताया कि मामले में आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है. दरअसल, विजयीपुर थाना क्षेत्र के मठिया गांव में शराब पीने के कारण 6 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि दो लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी. इस मामले में विजयीपुर थाने में दो प्राथमिकी दर्ज की गई थी. और पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने के बाद महिला समेत अन्य आरोपितों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भी भेज दिया था. वहीं इस मामले में शराब माफिया सुभाष गोंड अब भी पुलिस पकड़ से बाहर है.
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सुभाष गोंड ने बेची थी शराब
बता दें कि विजयीपुर थाने के मझवलिया गांव स्थित ईंट-भट्ठे पर काम करने वाला झारखंड के गुमला जिले का के निवासियों और मजदूरों ने मठिया गांव के सुभाष गोंड के यहां शराब पी थी. शराब पीने के बाद तीन मजदूरों की हालत बिगड़ने लगी. 15 फरवरी को मजदूर मांगू उरांव की मौत हो गई. जबकि दो मजदूर बुधवा और कर्मा की मौत सदर अस्पताल में 16 फरवरी की सुबह लाने के क्रम में हो गई. फिर 17 फरवरी को स्थानीय चौकीदार के भाई अवध यादव और भतीजे काशी यादव की भी मौत हो गई थी. इसके बाद 18 फरवरी को दो लोगों की आंखों की रोशनी चली गई. उस समय जन प्रतिनिधियों ने शराब की जगह किसी अन्य वजह से मौत होने की बात बताई थी. वहीं अब विसरा जांच रिपोर्ट आने के प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गई है.