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गोपालगंजः जैविक खेती के लिए कृषि विभाग ने तेज की पहल, कम लागत में होगी सकेगी अच्छी खेती - Organic farming will get encouragement

रासायनिक खादों के प्रयोग से खेतों की लागत भी अधिक आती है. जिससे मौसम की मार और लागत अधिक लगने और उपज कम होने से किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. जिसे देखते हुए कृषि विभाग ने खेती की लागत कम करने और खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ाने की दिशा में अपनी पहल तेज कर दी है.

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Published : Dec 10, 2019, 11:54 AM IST

गोपालगंजः जिले में अधिकांश लोग गांव में निवास करते हैं और खेती करना ही अधिकांश लोगों की जीविका का साधन है. यहां धान, गेहूं, गन्ना, मक्का, दलहन, तिलहन फसल के साथ ही सब्जी की व्यापक पैमाने पर खेती होती है. अच्छी उपज के लिए किसान दशकों से रासायनिक खाद का इस्तेमाल करते आ रहे हैं. लेकिन कुछ वर्षों से खेतों की मिट्टी की जांच में यह बात सामने आई है कि रासायनिक खाद का इस्तेमाल करने से खेतों की उर्वरा शक्ति घट रही है.

वर्मी कंपोस्ट इकाई का निर्माण
इसके साथ ही रासायनिक खादों के प्रयोग से खेतों की लागत भी अधिक आती है. जिससे मौसम की मार और लागत अधिक लगने और उपज कम होने से किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. जिसे देखते हुए कृषि विभाग ने खेती की लागत कम करने और खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ाने की दिशा में अपनी पहल तेज कर दी है.

देखें पूरी रिपोर्ट

जैविक खेती को मिलेगा प्रोत्साहन
कृषि विभाग की ओर से जैविक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए किसानों को प्रशिक्षण देने के साथ ही वर्मी कंपोस्ट इकाई के निर्माण पर अनुदान दिए जा रहे हैं. जिले के सभी प्रखंडों के 234 पंचायत में पक्का वर्मी कंपोस्टिंग इकाई का निर्माण करने की पहल की गई है. प्रति इकाई 75 फीट पक्का वर्मी कंपोस्ट इकाई का निर्माण करने पर किसानों को 50% अनुदान दिया जाएगा. जैविक खेती से खेतों की उर्वरा शक्ति तो बढ़ेगी. साथ ही किसान जैविक खेती करने के साथ वर्मी कंपोस्ट इकाई लगाकर अपनी आय बढ़ा सकेंगे.

पक्का वर्मी कंपोस्ट

  • बैकुंठपुर 398
  • सिधवलिया 235
  • बरौली 417
  • मांझा 363
  • गोपालगंज 291
  • थावे 199
  • कुचायकोट 561
  • उचकागांव 254
  • हथुआ 398
  • फुलवरिया 217
  • भोरे 308
  • कटेया 199
  • पंचदेवरी 163
  • विजयपुर 235

गोपालगंजः जिले में अधिकांश लोग गांव में निवास करते हैं और खेती करना ही अधिकांश लोगों की जीविका का साधन है. यहां धान, गेहूं, गन्ना, मक्का, दलहन, तिलहन फसल के साथ ही सब्जी की व्यापक पैमाने पर खेती होती है. अच्छी उपज के लिए किसान दशकों से रासायनिक खाद का इस्तेमाल करते आ रहे हैं. लेकिन कुछ वर्षों से खेतों की मिट्टी की जांच में यह बात सामने आई है कि रासायनिक खाद का इस्तेमाल करने से खेतों की उर्वरा शक्ति घट रही है.

वर्मी कंपोस्ट इकाई का निर्माण
इसके साथ ही रासायनिक खादों के प्रयोग से खेतों की लागत भी अधिक आती है. जिससे मौसम की मार और लागत अधिक लगने और उपज कम होने से किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. जिसे देखते हुए कृषि विभाग ने खेती की लागत कम करने और खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ाने की दिशा में अपनी पहल तेज कर दी है.

देखें पूरी रिपोर्ट

जैविक खेती को मिलेगा प्रोत्साहन
कृषि विभाग की ओर से जैविक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए किसानों को प्रशिक्षण देने के साथ ही वर्मी कंपोस्ट इकाई के निर्माण पर अनुदान दिए जा रहे हैं. जिले के सभी प्रखंडों के 234 पंचायत में पक्का वर्मी कंपोस्टिंग इकाई का निर्माण करने की पहल की गई है. प्रति इकाई 75 फीट पक्का वर्मी कंपोस्ट इकाई का निर्माण करने पर किसानों को 50% अनुदान दिया जाएगा. जैविक खेती से खेतों की उर्वरा शक्ति तो बढ़ेगी. साथ ही किसान जैविक खेती करने के साथ वर्मी कंपोस्ट इकाई लगाकर अपनी आय बढ़ा सकेंगे.

पक्का वर्मी कंपोस्ट

  • बैकुंठपुर 398
  • सिधवलिया 235
  • बरौली 417
  • मांझा 363
  • गोपालगंज 291
  • थावे 199
  • कुचायकोट 561
  • उचकागांव 254
  • हथुआ 398
  • फुलवरिया 217
  • भोरे 308
  • कटेया 199
  • पंचदेवरी 163
  • विजयपुर 235
Intro:गोपालगंज जिला में अधिकांश लोग गाँव मे निवास करते है। जिले में खेती किसानी ही अधिकांश लोगों की जीविका का साधन है। जिले में धान, गेहूं, गन्ना, मक्का, दलहन, तिलहन फसल के साथ ही सब्जी की व्यापक पैमाने पर खेती होती है। अच्छी उपज के लिए किसान दशकों से रासायनिक खाद का इस्तेमाल करते आ रहे हैं। लेकिन कुछ वर्षों से खेतों की मिट्टी जांच में यह बात सामने आई है कि रासायनिक खाद का इस्तेमाल करने से खेतों की उर्वरा शक्ति घट रही है। इसके साथ ही रासायनिक खादों के प्रयोग से खेतों की लागत भी अधिक आती है। जिससे मौसम की मार तथा लागत अधिक लगने और उपज कम होने से किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। जिसे देखते हुए कृषि विभाग द्वारा खेती की लागत कम करने तथा खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ाने की दिशा में अपनी पहल तेज कर दी है कृषि विभाग द्वारा जैविक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए किसानों को प्रशिक्षण देने के साथ ही वर्मी कंपोस्ट इकाई के निर्माण पर अनुदान दिए जा रहे हैं जिले के सभी प्रखंडों के 234 पंचायत में पक्का वर्मी कंपोस्टिंग इकाई का निर्माण करने की पहल की गई इस पहल के तहत जिले में 4238 पक्का वर्मी कंपोस्ट इकाई का निर्माण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रति इकाई 75 फीट पक्का वर्मी कंपोस्ट इकाई का निर्माण करने पर किसानों को 50% अनुदान दिया जाएगा। सभी पंचायतों में वर्मी कंपोस्ट इकाई का निर्माण होने से किसानों को अपनी पंचायत में सस्ते दर पर वर्मी कंपोस्ट उपलब्ध हो जाएगा जैविक खेती कर सकेंगे

प्रखंड पक्का वर्मी कंपोस्ट
बैकुंठपुर 398
सिधवलिया 235
बरौली 417
मांझा 363
गोपालगंज 291
थावे 199
कुचायकोट। 561
उचकागांव 254
हथुआ 398
फुलवरिया। 217
भोरे। 308
कटेया 199
पंचदेवरी 163
विजयपुर 235


मौसम की मार तथा खेतों की घटती और शक्ति से बेजार किसानों के घर में जैविक खेती की खुशहाली आएगी जैविक खेती से खेतों की उर्वरा शक्ति को बढ़ेगी साथ किसान जैविक खेती करने के साथी वर्मी कंपोस्ट इकाई लगाकर अपनी आए बड़ा सकेंगे किसी विभाग ने जिले में जैविक खेती के साथ ही वर्मी कंपोस्ट इकाई का निर्माण का निर्माण कराया जाएगा


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