गोपालगंजः जिले में अधिकांश लोग गांव में निवास करते हैं और खेती करना ही अधिकांश लोगों की जीविका का साधन है. यहां धान, गेहूं, गन्ना, मक्का, दलहन, तिलहन फसल के साथ ही सब्जी की व्यापक पैमाने पर खेती होती है. अच्छी उपज के लिए किसान दशकों से रासायनिक खाद का इस्तेमाल करते आ रहे हैं. लेकिन कुछ वर्षों से खेतों की मिट्टी की जांच में यह बात सामने आई है कि रासायनिक खाद का इस्तेमाल करने से खेतों की उर्वरा शक्ति घट रही है.
वर्मी कंपोस्ट इकाई का निर्माण
इसके साथ ही रासायनिक खादों के प्रयोग से खेतों की लागत भी अधिक आती है. जिससे मौसम की मार और लागत अधिक लगने और उपज कम होने से किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. जिसे देखते हुए कृषि विभाग ने खेती की लागत कम करने और खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ाने की दिशा में अपनी पहल तेज कर दी है.
जैविक खेती को मिलेगा प्रोत्साहन
कृषि विभाग की ओर से जैविक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए किसानों को प्रशिक्षण देने के साथ ही वर्मी कंपोस्ट इकाई के निर्माण पर अनुदान दिए जा रहे हैं. जिले के सभी प्रखंडों के 234 पंचायत में पक्का वर्मी कंपोस्टिंग इकाई का निर्माण करने की पहल की गई है. प्रति इकाई 75 फीट पक्का वर्मी कंपोस्ट इकाई का निर्माण करने पर किसानों को 50% अनुदान दिया जाएगा. जैविक खेती से खेतों की उर्वरा शक्ति तो बढ़ेगी. साथ ही किसान जैविक खेती करने के साथ वर्मी कंपोस्ट इकाई लगाकर अपनी आय बढ़ा सकेंगे.
पक्का वर्मी कंपोस्ट
- बैकुंठपुर 398
- सिधवलिया 235
- बरौली 417
- मांझा 363
- गोपालगंज 291
- थावे 199
- कुचायकोट 561
- उचकागांव 254
- हथुआ 398
- फुलवरिया 217
- भोरे 308
- कटेया 199
- पंचदेवरी 163
- विजयपुर 235