गोपालगंज: दिल्ली से ट्रक पर सवार होकर बल्थरी चेक पोस्ट पर पहुंची गर्भवती को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हो गई. इसके बाद वहां मौजूद किसी ने यह जानकारी डीएम को दी. जानकारी मिलते ही मौके पर एंबुलेंस जा पहुंची. गर्भवती को तत्काल सदर अस्पताल ले जाया गया. वहीं, पहले तो गर्भवती के इलाज के लिए मना किया गया लेकिन एक डीएम को फोन लगाने की बात करते ही अस्पताल प्रशासन ने गर्भवती की डिलीवरी करायी.
जिलाधिकारी अरशद अजीज ने एंबुलेंस भेज गर्भवती सदर अस्पताल भिजवाया. लेकिन मां बनी रेखा देवी ने बताया कि अस्पताल पहुंचने के बाद स्वास्थ्यकर्मी उन्हें भगाने लगे. किसी ने उनका चेक अप नहीं किया. कहा जा रहा था कि बाहर से बीमारी लेकर आई है और सबको फैला देगी. जबकि मेरा जांच हुआ है, मैं स्वस्थ हूं. रेखा ने बताया कि उन्होंने अपने पति से डीएम से बात करने को कही. डीएम के नाम सुनते ही नर्स और डॉक्टर ने इलाज शुरू किया.
'25 सौ रुपया लगा भाड़ा'
रेखा देवी के पति संदीप यादव ने बताया कि वो सुपौल के परसवा गांव में रहते हैं और दिल्ली में मजदूर करते थे. लॉकडाउन के कारण सब कुछ बंद हो गया था. इसके बाद वो अपनी गर्भवती पत्नी के साथ घर लौट रहे थे. पास में पैसे नहीं थे. लिहाजा, उन्होंने घर से 25 सौ रुपये मंगवाये. उन्होंने बताया कि कुछ लोग ट्रक से जा रहे थे. उसी पर हम भी 25 सौ भाड़ा देकर ट्रक से सुपौल की ओर जा रहे थे. इसी बीच चेकपोस्ट पर पत्नी को प्रसव पीड़ा हुई और डीएम ने मदद की.