गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज जिले के कुचायकोट थाना क्षेत्र से लापता मेडिसीन कंपनी के एमआर मनीष श्रीवास्तव अपहरण कांड का पुलिस ने खुलासा कर लिया है. एमआर को लखनऊ के चारबाग स्टेशन से बरामद किया गया. न्यायालय के आदेशानुसार एमआर मनीष कुमार श्रीवास्तव को उनके परिजन को सौंप दिया गया है. पुलिस के अनुसार एमआर का अपहरण किया ही नहीं किया गया था.
क्या है मामला: साइबर थाना की थानाध्यक्ष प्रशिक्षु डीएसपी साक्षी रॉय ने बताया कि नगर थाना के साधु चौक वार्ड नंबर 5 निवासी मनीष श्रीवास्तव 16 नवम्बर को कुचायकोट में डॉक्टर के पास विजिट करने गया था. 1 बजे तक घर पर पत्नी से बात की. फिर अचानक उसका मोबाइल स्वीच ऑफ हो जाता है. पत्नी एवं परिवार वालो की चिंता बढ़ जाती है. कुचायकोट पुलिस को मामले की सूचना दी जाती है. पुलिस उसकी तलाश में जुट जाती है.
कैसे ढूंढा पुलिस नेः पुलिस को कुचायकोट एनएच 27 के भठवा मोड़ पर ओवरब्रिज के नीचे से एमआर की बाइक और हेलमेट मिलता है. परिजनो द्वारा दिए गए आवेदन के आधार पर पुलिस मामले की जांच पड़ताल शुरू करती है. साइबर थाना के सहयोग के अलावा मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर दिनांक 24 नवंबर को यूपी के लखनऊ शहर के चारबाग स्टेशन से बरामद किया गया.
लेनदारों से था परेशानः पूछताछ के दौरान एमआर ने बताया कि उसके ऊपर 12 लाख रुपये का कर्ज हो गया है. जिससे वह काफी परेशान रह रहा था. कर्ज देने वाले लोग टॉर्चर कर रहे थे. जिससे बचने के लिए एवं कर्ज देने वालों को डराने के लिए खुद के अपहरण की साजिश रची. अपना मोटरसाइकिल भठवा ओवर ब्रिज के पास लगाकर झांसी चला गया. झांसी से लखनऊ आ गया. जहां पुलिस ने उसे ढूंढ निकाला. उसने कहा कि उसका कोई अपहरण नहीं हुआ था.
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