गोपालगंज: बिहार में सीएम नीतीश कुमार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए तमाम कोशिशें कर रहे हैं, लेकिन धरातल स्तर पर इसका असर नहीं दिख रहा है. जिले के थावे प्रखण्ड स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति बद से बदतर है. जिसका करोड़ों रुपये की लागत से निर्माण तो करा दिया गया. लेकिन निर्माण के 3 साल बाद भी इसके ताले नहीं खुल सके. जिसकी वजह से यहां के मरीज स्वास्थ्य सुविधाओं से कोसों दूर हैं. अब यह समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिर्फ शोभा का केंद्र बन कर रह गया है.
3 सालों से लटका सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ताला
सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साल 2017 में थावे प्रखण्ड स्थित सामुदायिक स्वस्थ्य केंद्र का उदघाटन किया था. शुरुआत के दिनों में जब इसका निर्माण हुआ तब यहां के लोग काफी खुश हुए कि अब उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधा अपने प्रखंड क्षेत्र में ही मिलगी. लेकिन ये खुशी बहुत दिनों तक नहीं रही और उद्घाटन के बाद से ही इनमें ताले लटक गए. आलम यह हुआ कि इस समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का ताला आज तक नही खुल सका और न ही इसमें मरींजों को कोई चिकित्सकीय सुविधा ही बहाल की जा सकी. अब यह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिर्फ शोभा की वस्तु बनकर रह गई है.
लिफ्ट और रैंप की वजह से नहीं हो सका है चालू
सदर अस्पताल के सिविल सर्जन नंदकिशोर सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इसमें अभी तक लिफ्ट और रैंप की व्यवस्था नहीं हुई है. जिसकी वजह से यह चालू नहीं हो सका है. उन्होंने कहा कि इसे चालू करवाने के लिए विभाग को कई बार पत्र लिखा जा चुका है. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. ऐसे में हमारी ओर से एक बार फिर से विभाग को पत्र लिखा जाएगा. उम्मीद है कि जल्द ही यह समुदायिक स्वस्थ्य केंद्र खुल जायेगा और लोगों को इसका लाभ मिल सकेगा.