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गोपालगंज: विश्व टीबी दिवस पर निकाली गई जागरुकता रैली

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Published : Mar 24, 2021, 5:16 PM IST

विश्व टीबी दिवस पर बिहार के कई जिलों मे कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. जिसमें लोगों को जागरूक किया गया. गोपालगंज में स्वास्थ्य कर्मियों ने जागरुकता रैली निकालकर लोगों को टीबी के प्रति जागरूक किया.

विश्व टीबी दिवस
विश्व टीबी दिवस

गोपालगंज : विश्व टीबी दिवस पर जन-जागरूकता के लिए सदर अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों की तरफ से जागरूकता रैली निकाली गई. सीडीओ डॉ कैप्टन संजीव कुमार झा, डीपीएम धीरज कुमार और केयर इंडिया के डीटीएल मुकेश कुमार सिंह ने हरी झंडी दिखाकर जागरूकता रैली को रवाना किया. रैली के माध्यम से शहर के लोगों को टीबी से बचाव के प्रति जागरूक किया गया.

ये भी पढ़ेंं- विश्व टीबी दिवस : रेत पर कलाकारी कर सैंड आर्टिस्ट ने दिया दिल छू लेने वाला संदेश

जन-जन का हो एक ही नारा टीबी मुक्त हो देश हमारा के संकल्प को लेकर इस गंभीर बीमारी से समाज को मुक्त करने का संदेश दिया और अंत में सभी लोगों का धन्यवाद ज्ञापन कर रैली को समाप्त किया गया. इस मौके पर सीडीओ डॉ कैप्टन संजीव कुमार झा ने कहा वर्ष 2025 तक जिले को टीबी से मुक्त कराया जाएगा. इसे लेकर विभाग प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा टीबी के क्षेत्र में बढ़िया काम हुआ है. पहले के मुकाबले मृत्यु दर में काफी कमी आई है. उम्मीद है कि जल्द ही जिले में टीबी पर काबू पा लिया जाएगा. उन्होंने कहा की टीबी उन्मूलन में जनभागीदारी बहुत ही जरूरी है. अगर लोग सहयोग करें तो यह बीमारी समय से पहले खत्म हो सकती है.

फेफड़ों को प्रभावित करता है टीबी
सीडीओ डॉ कैप्टन संजीव कुमार झा ने बताया कि बच्चों व व्यस्कों में टीबी बीमारी के कुछ सामान्य लक्षण हैं. जिसे देखकर टीबी का अनुमान लगाया जा सकता है. टीबी सबसे ज्यादा फेफड़ों को प्रभावित करता है, इसलिए शुरुआती लक्षण खांसी आना है. पहले तो सूखी खांसी आती है लेकिन बाद में खांसी के साथ बलगम और खून भी आने लगता है. दो हफ्तों या उससे ज्यादा खांसी आए तो टीबी की जांच करा लेनी चाहिए. पसीना आना, थकावट, वजन घटना एवं बुखार रहना टीबी के लक्षण हैं.

टीबी उन्मूलन के लिए प्रयासरत है विभाग
डीपीएम धीरज कुमार ने कहा राज्य सरकार टीबी उन्मूलन की दिशा में हर संभव कदम उठा रही है. स्वास्थ्य विभाग नये साधन व तकनीक को अपनाने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है और टीबी उन्मूलन के लिए लगातार प्रयासरत है. जिले में टीबी मरीजों की खोज की जा रही है. मार्च महीने में स्वास्थ्य विभाग द्वारा केयर इण्डिया के सहयोग से टीबी मरीज सपोर्ट ग्रुप की बैठक भी सभी प्रखंडों में आयोजित की जा रही है. जिससे समुदाय में टीबी पर चर्चा शुरू हो गयी है.बैठक में जनप्रतिनिधियों, धार्मिक संस्थाओं के प्रमुखों, प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों के बीच राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत उपलब्ध निःशुल्क जाँच, उपचार एवं निक्षय पोषण योजना आदि तमाम विषय पर व्यापक जानकारी दी जा रही है.

टीबी (क्षयरोग) के लक्षण
• लगातार दो हफ्तों से खांसी का आना और आगे भी जारी रहना
• खांसी के साथ खून का आना
• छाती में दर्द और सांस का फूलना
• वजन का कम होना और ज्यादा थकान महसूस होना
• शाम को बुखार का आना और ठंड लगना
• रात में पसीना आना

गोपालगंज : विश्व टीबी दिवस पर जन-जागरूकता के लिए सदर अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों की तरफ से जागरूकता रैली निकाली गई. सीडीओ डॉ कैप्टन संजीव कुमार झा, डीपीएम धीरज कुमार और केयर इंडिया के डीटीएल मुकेश कुमार सिंह ने हरी झंडी दिखाकर जागरूकता रैली को रवाना किया. रैली के माध्यम से शहर के लोगों को टीबी से बचाव के प्रति जागरूक किया गया.

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जन-जन का हो एक ही नारा टीबी मुक्त हो देश हमारा के संकल्प को लेकर इस गंभीर बीमारी से समाज को मुक्त करने का संदेश दिया और अंत में सभी लोगों का धन्यवाद ज्ञापन कर रैली को समाप्त किया गया. इस मौके पर सीडीओ डॉ कैप्टन संजीव कुमार झा ने कहा वर्ष 2025 तक जिले को टीबी से मुक्त कराया जाएगा. इसे लेकर विभाग प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा टीबी के क्षेत्र में बढ़िया काम हुआ है. पहले के मुकाबले मृत्यु दर में काफी कमी आई है. उम्मीद है कि जल्द ही जिले में टीबी पर काबू पा लिया जाएगा. उन्होंने कहा की टीबी उन्मूलन में जनभागीदारी बहुत ही जरूरी है. अगर लोग सहयोग करें तो यह बीमारी समय से पहले खत्म हो सकती है.

फेफड़ों को प्रभावित करता है टीबी
सीडीओ डॉ कैप्टन संजीव कुमार झा ने बताया कि बच्चों व व्यस्कों में टीबी बीमारी के कुछ सामान्य लक्षण हैं. जिसे देखकर टीबी का अनुमान लगाया जा सकता है. टीबी सबसे ज्यादा फेफड़ों को प्रभावित करता है, इसलिए शुरुआती लक्षण खांसी आना है. पहले तो सूखी खांसी आती है लेकिन बाद में खांसी के साथ बलगम और खून भी आने लगता है. दो हफ्तों या उससे ज्यादा खांसी आए तो टीबी की जांच करा लेनी चाहिए. पसीना आना, थकावट, वजन घटना एवं बुखार रहना टीबी के लक्षण हैं.

टीबी उन्मूलन के लिए प्रयासरत है विभाग
डीपीएम धीरज कुमार ने कहा राज्य सरकार टीबी उन्मूलन की दिशा में हर संभव कदम उठा रही है. स्वास्थ्य विभाग नये साधन व तकनीक को अपनाने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है और टीबी उन्मूलन के लिए लगातार प्रयासरत है. जिले में टीबी मरीजों की खोज की जा रही है. मार्च महीने में स्वास्थ्य विभाग द्वारा केयर इण्डिया के सहयोग से टीबी मरीज सपोर्ट ग्रुप की बैठक भी सभी प्रखंडों में आयोजित की जा रही है. जिससे समुदाय में टीबी पर चर्चा शुरू हो गयी है.बैठक में जनप्रतिनिधियों, धार्मिक संस्थाओं के प्रमुखों, प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों के बीच राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत उपलब्ध निःशुल्क जाँच, उपचार एवं निक्षय पोषण योजना आदि तमाम विषय पर व्यापक जानकारी दी जा रही है.

टीबी (क्षयरोग) के लक्षण
• लगातार दो हफ्तों से खांसी का आना और आगे भी जारी रहना
• खांसी के साथ खून का आना
• छाती में दर्द और सांस का फूलना
• वजन का कम होना और ज्यादा थकान महसूस होना
• शाम को बुखार का आना और ठंड लगना
• रात में पसीना आना

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