गोपालगंज: कुचायकोट प्रखंड के विशम्भरपुर काला मटिहनीया के पास गंडक नदी के कटाव के कारण एक आंगनबड़ी केंद्र नदी में समा गई. इसके साथ ही सारण तटबंध पर कटाव का खतरा मंडरा रहा है.
दअरसल, जिले में आई विनाशकरी बाढ़ की तबाही का मंजर हर किसी ने देखा था. अब गंडक नदी में जल स्तर में वृद्धि देखी जा रही है. इसके साथ ही कटाव तेज हो गया है. कुचायकोट के विशंभरपुर में गंडक नदी का तबाही का मंजर उस वक्त देखने को मिला. जब एक आंगनबाड़ी केंद्र कटाव के कारण गंडक में भरभरा कर समा गई. देर रात हुई इस घटना के बाद स्थनीय लोगों में भय का महौल है.
कटाव के कारण दहशत में लोग
यहां एक माह से कटाव जारी है. करीब 20 दिन से इस जगह पर कटाव रोधी दल गंडक के कटाव रोकने के लिए लगा हुआ था. करोड़ों रुपए खर्च हुए. डीएम का भी दौरा हुआ. विधायक पप्पू पांडे भी पहुंचे थे. लेकिन गंडक के विकराल धारा ने अपने आगोश में आंगनवाड़ी केंद्र को ले लिया. अब ग्रामीण दहशत में है. कटाव जिस तेजी से बढ़ रहा है. उससे गांव और सारण बांध पर भी खतरा बढ़ गया है. हालांकि प्रशानिक अधिकारी बांध को सुरक्षित और मजबूत मान रहे है.