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Gopalganj News: ABVP कार्यकर्ताओं ने जेपी यूनिवर्सिटी के वीसी का फूंका पुतला, सरकार के खिलाफ की नारेबाजी - गोपालगंज में ABVP कार्यकर्ताओं का विरोध

गोपालगंज में ABVP के कार्यकर्ताओं ने बदहाल शैक्षणिक व्यवस्था को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान जेपी यूनिवर्सिटी के वीसी का पुतला दहन किया गया. कार्यकर्ताओं ने अपनी 10 सूत्री मांगों पर विचार करने की मांग की है.

ABVP workers burnt effigy of JP University VC iN Gopalganj
ABVP workers burnt effigy of JP University VC iN Gopalganj
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Published : May 4, 2023, 7:27 PM IST

गोपालगंज: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने गुरूवार को कमला राय कॉलेज में स्नातक रिजल्ट में हुई गड़बड़ी को लेकर जेपी यूनिवर्सिटी के वीसी का पुतला दहन किया. इस दौरान परिषद कार्यकर्ताओं ने यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इसके बाद विद्यार्थी परिषद के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अनीश कुमार ने एक प्रेस वार्ता आयोजित करते हुए राज्य सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ अपनी भड़ास निकाली.

पढ़ें- छपरा में ABVP के महामंत्री ने कहा.. 'बिहार को बचाना है तो यहां की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करें'

जेपी यूनिवर्सिटी के वीसी का फूंका पुतला: दरअसल पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकताओं ने कमला राय कॉलेज पहुंचकर वीसी का पुतला दहन करते हुए जमकर नारेबाजी की. इस दौरान राज्य सरकार व विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया. जिला संयोजक प्रिंस सिंह ने बताया कि नालंदा और उदंतपुरी विश्वविद्यालय जैसे वैश्विक शैक्षणिक संस्थानों से गौरवान्वित बिहार आज शैक्षिक भ्रष्टाचार का पर्याय बन गया है.

"राज्य सरकार की दिशाहीन शिक्षा नीति के कारण प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक की स्थिति जर्जर हो गई है. राज्य के विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों की स्थिति इतनी दयनीय हो गई है कि वहां शैक्षणिक माहौल ही समाप्त हो चुका है. विश्वविद्यालय और महाविद्यालय महज डिग्री वितरण केन्द्र बन गए हैं. राज्य सरकार, बिहार की शैक्षणिक स्थिति में सुधार लाने में विफल हो चुकी है.अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद राज्य सरकार के इस गैर जिम्मेदाराना रवैया की कड़ी निन्दा करती है." -प्रिंस सिंह,जिला संयोजक

"राज्य के 10% स्कूल भवनों के अभाव में चल रहे हैं तो 50% विद्यालय के पास शौचालय और चहारदीवारी का अभाव है. राज्य के कई विद्यालय शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं. पुस्तक उपलब्ध न कराए जाने के कारण 60% विद्यार्थी बिना पुस्तक के स्कूल जाने को विवश हैं. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के अभाव में अभिभावक निजी स्कूलों में अपने बच्चों को भेज रहे हैं. इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेज खुले तो गए लेकिन इसमें आधारभूत संरचना और शिक्षकों की कमी है."-अनिश कुमार, प्रदेश कार्य समिति सदस्य

ये हैं 10 सूत्री मांग: प्रदेश कार्यसमिति सदस्य नवीन सिंह ने राज्य में बदहाल शैक्षणिक व्यवस्था को लेकर 10 सूत्री मांग पत्र भी दोहराया. प्रमुख मांगों में यथा शीघ्र राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू करना, महाविद्यालय प्राचार्य तथा प्राध्यापकों के रिक्त पद यथा शीघ्र बहाली, पुस्तकालय, छात्रवास, खेल संबंधित संसाधन आदि) की कमी दूर करने, छात्र - शिक्षक के अनुपात के आधार पर शिक्षकों की स्थाई नियुक्ति करने की मांग की गई. जय प्रकाश विश्वविद्यालय के परीक्षा परिणाम के बाद कॉपी रिचेक करने का भी विकल्प विश्वविद्यालय दें ताकि रिजल्ट से असंतुष्ठ विधार्थी अपना कॉपी पुनः जांच करा सके.

गोपालगंज: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने गुरूवार को कमला राय कॉलेज में स्नातक रिजल्ट में हुई गड़बड़ी को लेकर जेपी यूनिवर्सिटी के वीसी का पुतला दहन किया. इस दौरान परिषद कार्यकर्ताओं ने यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इसके बाद विद्यार्थी परिषद के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अनीश कुमार ने एक प्रेस वार्ता आयोजित करते हुए राज्य सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ अपनी भड़ास निकाली.

पढ़ें- छपरा में ABVP के महामंत्री ने कहा.. 'बिहार को बचाना है तो यहां की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करें'

जेपी यूनिवर्सिटी के वीसी का फूंका पुतला: दरअसल पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकताओं ने कमला राय कॉलेज पहुंचकर वीसी का पुतला दहन करते हुए जमकर नारेबाजी की. इस दौरान राज्य सरकार व विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया. जिला संयोजक प्रिंस सिंह ने बताया कि नालंदा और उदंतपुरी विश्वविद्यालय जैसे वैश्विक शैक्षणिक संस्थानों से गौरवान्वित बिहार आज शैक्षिक भ्रष्टाचार का पर्याय बन गया है.

"राज्य सरकार की दिशाहीन शिक्षा नीति के कारण प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक की स्थिति जर्जर हो गई है. राज्य के विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों की स्थिति इतनी दयनीय हो गई है कि वहां शैक्षणिक माहौल ही समाप्त हो चुका है. विश्वविद्यालय और महाविद्यालय महज डिग्री वितरण केन्द्र बन गए हैं. राज्य सरकार, बिहार की शैक्षणिक स्थिति में सुधार लाने में विफल हो चुकी है.अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद राज्य सरकार के इस गैर जिम्मेदाराना रवैया की कड़ी निन्दा करती है." -प्रिंस सिंह,जिला संयोजक

"राज्य के 10% स्कूल भवनों के अभाव में चल रहे हैं तो 50% विद्यालय के पास शौचालय और चहारदीवारी का अभाव है. राज्य के कई विद्यालय शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं. पुस्तक उपलब्ध न कराए जाने के कारण 60% विद्यार्थी बिना पुस्तक के स्कूल जाने को विवश हैं. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के अभाव में अभिभावक निजी स्कूलों में अपने बच्चों को भेज रहे हैं. इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेज खुले तो गए लेकिन इसमें आधारभूत संरचना और शिक्षकों की कमी है."-अनिश कुमार, प्रदेश कार्य समिति सदस्य

ये हैं 10 सूत्री मांग: प्रदेश कार्यसमिति सदस्य नवीन सिंह ने राज्य में बदहाल शैक्षणिक व्यवस्था को लेकर 10 सूत्री मांग पत्र भी दोहराया. प्रमुख मांगों में यथा शीघ्र राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू करना, महाविद्यालय प्राचार्य तथा प्राध्यापकों के रिक्त पद यथा शीघ्र बहाली, पुस्तकालय, छात्रवास, खेल संबंधित संसाधन आदि) की कमी दूर करने, छात्र - शिक्षक के अनुपात के आधार पर शिक्षकों की स्थाई नियुक्ति करने की मांग की गई. जय प्रकाश विश्वविद्यालय के परीक्षा परिणाम के बाद कॉपी रिचेक करने का भी विकल्प विश्वविद्यालय दें ताकि रिजल्ट से असंतुष्ठ विधार्थी अपना कॉपी पुनः जांच करा सके.

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