गोपालगंज: वर्तमान समय में लोग विदेशों में जाकर नौकरी कर अच्छी आमदनी कमाना चाहते हैं. वहीं, जिले के सदर प्रखंड के भुवाली टोल गांव निवासी अवधेश राय का पुत्र प्रदीप कुमार राय विदेश की नौकरी छोड़ गांव में डेयरी फार्म खोलकर महीने में 70-80 हजार कमा रहा है. लोग उसे 'खटाल वाले प्रदीप' के नाम से जानते हैं.
विदेशी नौकरी छोड़ वापस आया गांव
प्रदीप के इस कहानी के पीछे दृढ़ निश्चय और लगन का बहुत बड़ा हाथ है. उसके पिता एक किसान है. प्रदीप ने मध्यप्रदेश से स्नातक की शिक्षा ली. स्नातक के बाद 2004-2006 तक उसने अपने गांव में शिक्षा मित्र के तहत शिक्षक का काम किया. फिर, 2006 में उसने एक विदेशी कंपनी में काम करना शुरू किया, जहां उसे महीने के 20-25 हजार रुपये ही मिलते थे. साथ ही उसे अपने देश की चाहत बनी रहती थी. अंत में उसने वापस अपने देश में आकर कुछ करने की ठान ली और वह गांव वापस आ गया.
मत्स्य पालन से की शुरुआत
एक दिन प्रदीप की मुलाकात मत्स्य पालन विभाग के अख्तर हुसैन से हुई, जिसके सलाह पर उसने मछली पालन करने की ठान ली. परिवारवालों के लाख मना करने के बावजूद उसने मछली पालन शुरू किया, जिसमें उसे काफी मुनाफा हुआ. मुनाफे से उसने 2 गाय खरीदी और दूध बेचना शुरू कर दिया. आज प्रदीप के पास 25-30 अच्छी नश्ल की गायें हैं, जो रोजाना कुल 170 लीटर दूध देती है. प्रदीप इस व्यापार से महीने के 70-80 हजार कमा रहा है.
परिवारवालों का नहीं था समर्थन
पहले प्रदीप के परिवालवाले उसका बिल्कुल समर्थन नहीं करते थे. कई दिनों तक तो परिजनों ने उससे बात करना बंद कर दिया था. लेकिन, आज प्रदीप के इस कार्य को देखकर परिवार के लोग काफी खुश हैं. साथ ही गांव और समाज में भी प्रदीप ने अपनी एक अलग पहचान कायम की है. प्रदीप जिले के लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है. लोग इसे 'खटाल वाले प्रदीप' के नाम से जानते हैं.
पढ़े-लिखे लोगों से इस व्यापार में आने की अपील
प्रदीप ने अपने साथ सिर्फ एक सहयोगी रखा है और खुद ही सारा काम करता है. वह दूध दुहने से लेकर दूध बेचने तक का काम खुद ही करता है. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान प्रदीप ने कहा कि जब वह मध्य प्रदेश में रहता था, तब से ही उसे जानवरों के साथ रहना और कृषि कार्य करना काफी अच्छा लगता है. उसे आज भी कई लोग कहते हैं कि वो पढ़ा-लिखा है, ये काम उसके लिए नहीं है. लेकिन, उसका मानना है कि यदि पढ़े-लिखे लोग इस काम में आगे आने लगे, तो इससे अच्छा कोई दूसरा व्यापार नहीं हो सकता है.
भविष्य की योजना
प्रदीप ने भविष्य में इस व्यापार को वृहत रूप देने की योजना बना रखी है. वो डेयरी फार्म को और बड़ा बनाकर 70 गाय खरीदना चाहता है. उसने कहा है कि यहां गाय के लिए एक पार्क और तालाब का निर्माण कराया जाएगा. साथ ही गाय को संगीत सुनाने की व्यवस्था की जाएगी. इससे गाय एक जगह न रहकर घूम सकेगी और स्वतंत्र महसूस कर सकेगी. इससे दूध के उत्पाद में वृद्धि के साथ पौष्टिकता भी बढ़ाई जा सकेगी.
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