गया: युवा जदयू के जिलाध्यक्ष कमलेश शर्मा के गत दिनों राजद नेता तेजप्रताप से मुलाकात करने के कारण पार्टी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया है. पार्टी ने कमलेश शर्मा को युवा जदयू के जिलाध्यक्ष पद से मुक्त कर दिया है. इसको लेकर कमलेश शर्मा ने अपने आवास पर एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया. हालांकि इस दौरान उनके साथ कांग्रेस के कई नेता भी दिखे.
मॉल में हुई थी मुलाकात
कमलेश शर्मा ने कहा कि वो 15 साल से जदयू में समर्पित कार्यकर्ता के रूप में कार्य करते रहे. इस दौरान उन्हें युवा जदयू का जिलाध्यक्ष भी बनाया गया. उन्होंने कहा कि एक मॉल में खरीदारी करने के दौरान तेज प्रताप से मुलाकात हुई थी. लेकिन एक नेता के दूसरे नेता से मिलने पर जो औपचारिकता होती है, सिर्फ वही बात हुई थी.
12 लाख रुपये देने की मांग
कमलेश शर्मा ने कहा कि युवा जदयू के प्रदेश अध्यक्ष अधिकारी सह विधायक अभय कुशवाहा ने उन्हें मेन विंग का जिलाध्यक्ष बनाने के लिए एक साल पहले 12 लाख रुपये लिए थे. लेकिन कई माह बीत जाने के बाद भी उन्हें पैसा नहीं लौटाया गया. विगत 4 दिन पूर्व उन्होंने अभय कुशवाहा के आवास पर जाकर पैसे वापस करने की मांग की थी. पैसा मांगने के कारण मनगढ़ंत आरोप लगाकर उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.
शीर्ष नेताओं को दी जानकारी
कमलेश शर्मा ने कहा कि हमने पूर्व में भी शीर्ष नेताओं को यह बात बताई थी. यह भी कहा था कि एक कमिटी बनाकर पार्टी के विभिन्न पदों पर तैनात किए गए कार्यकर्ताओं की जांच कर ली जाए. तब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.
कमलेश शर्मा ने कहा कि इस मामले में हमने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी बात करने के लिए समय मांगा था. लेकिन कोरोना की वजह से हमें समय नहीं मिल पाया. इस बीच हमें पार्टी से बाहर कर दिया गया. इन तमाम बातों की जानकारी प्रदेश स्तरीय नेताओं को दे चुके हैं.
40 समर्थकों के साथ इस्तीफा
कमलेश शर्मा न कहा कि आज हम जिले के विभिन्न प्रखंडों के अपने 40 समर्थकों के साथ इस्तीफा दे रहे हैं. दूसरी पार्टी में जाने के सवाल पर कमलेश शर्मा ने कहा कि राजनीति संभावनाओं का खेल है. जिस पार्टी में भी वे जाएंगे, इसकी जानकारी आगे शेयर करेंगे. हालांकि कांग्रेस नेताओं की मौजूदगी पर उन्होंने कहा कि ये हमारे शुभचिंतक हैं. जब हमें पार्टी से बाहर किया गया और इन्हें जानकारी मिली तो ये हमसे मिलने आए हैं.