गया: बिहार के गया में डब्ल्यूएचओ की टीम उस गांव में पहुंची, जहां 300 लोग बीमार हो गए थे. अज्ञात बीमारी के कारण इस गांव में लोगों के बीच दहशत का माहौल बन गया था. मेडिकल टीम ने पहुंचकर जांच की थी लेकिन अब यहां डब्ल्यूएचओ की टीम भी पहुंची है. डब्ल्यूएचओ की टीम ने गांव में पहुंचकर लोगों से बातचीत की और बीमारी की पूरी जानकारी हासिल की. डब्ल्यूएचओ की इस टीम में पटना से कुछ डॉक्टर भी शामिल थे.
महीने भर से लोग हो रहे हैं बीमार: जिले के मानपुर पटवा टोली गांव में 300 से अधिक लोग बीमार हुए हैं. इन्हें बुखार आता है और फिर महीनो जॉइंट पेन रहता है. इस तरह की बीमारी को ग्रामीण भाषा में लंगड़ा बुखार कहा जाता है. इस तरह की जानकारी के बाद बीते सप्ताह ही सिविल सर्जन रंजन कुमार सिंह के नेतृत्व में मेडिकल टीम पटवा टोली को पहुंची थी और कैंप कर कई दिनों तक लोगों की जांच की गई थी.
सीबीसी की कराई जा रही जांच: पटवा टोली में अब भी सैकड़ो लोग बीमार हैं. इन्हें बुखार आता है और जॉइंट में दर्द की शिकायत हो रही है. इस तरह की बीमारी की शिकायत लगातार बनी हुई है. हालांकि अभी स्थिति थोड़ी नियंत्रण में बताई जा रही है. हालांकि मेडिकल टीम जब जांच करने पहुंची तो लोगों को मच्छर से बचने की सलाह दी गई. मेडिकल टीम का मानना था, कि इनमें चिकनगुनिया और डेंगू के लक्षण हो सकते हैं. इसे लेकर अधिकांश लोगों का मेडिकल टीम के द्वारा सीबीसी जांच कराई जा रही है.
डब्ल्यूएचओ की टीम ने ली पूरी जानकारी: डब्ल्यूएचओ की टीम भी मानपुर के पटवाटोली में पहुंची है. वह 300 से ज्यादा लोगों के बीमार होने को लेकर यहां आई है. टीम के द्वारा बीमार लोगों से जानकारी ली गई. विस्तृत पूछताछ भी की गई. वैसे जांच रिपोर्ट के आधार पर यह माना जा रहा है कि पटवा टोली में चिकनगुनिया का प्रकोप है. लोगों को सलाह दी गई है कि अपने आसपास पानी का जमाव न रखें और मच्छरों से बचाव के हर तरीके को अपनाएं.
डब्ल्यूएचओ की टीम कुछ डॉक्टर भी हुए शामिल: इस संबंध में गया के सिविल सर्जन रंजन कुमार सिंह ने बताया कि "डब्ल्यूएचओ की टीम पटवा टोली में आई और लोगों से बात किया. सैकड़ो लोगों के बीमार होने की बात सामने आने के बाद डब्ल्यूएचओ की टीम भी यहां पहुंची है. इससे पहले हमारे नेतृत्व में यहां मेडिकल कैंप भी व्यापक तौर पर लगाया गया था. फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और बीमार लोगों की संख्या कम होने लगी है."
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