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गया: जमीन के अंदर बहने वाली फल्गु नदी के जमीन के ऊपर बहने से श्रद्धालुओं में खुशी

फल्गु नदी में पानी आने से गया शहर का जलस्तर बढ़ जाता है. सूख चुके बोरिंग और चापाकल में पानी आने लगते हैं. पेयजल की समस्या दूर हो जाती है. सरकार ने फल्गु नदी को सालो भर बहने वाली नदी बनाने के लिए विथो वियर बांध बनाने की घोषणा की है.

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Published : Jul 11, 2019, 10:59 AM IST

फल्गु नदी

गया: जिले में शनिवार से ही मॉनसून का असर दिखने लगा है. तीन दिनों से लगातार हो रही झमाझम बारिश के कारण फल्गु नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण अब उसका पानी जमीन के उपर से बहने लगा है. इसके कारण देश- विदेश के श्रद्धालुओं, पंडा समाज और गया वासियों में खुशी है. बताया जाता है कि माता सीता द्वारा श्रापित यह नदी जमीन के नीचे ही बहती है. लेकिन अभी का नजारा बदला हुआ है.

जानकारी देते संवाददाता सुजीत पांडे

फल्गु नदी तीन नदी के संगम से बनी है. फल्गु नदी को माता सीता ने श्रापित किया था. श्राप के कारण साल के आठ महीने फल्गु नदी जमीन के अंदर बहती है. वहीं, बरसात के आगमन से नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण यह सतह के ऊपर बहने लगती है. इस बार नदी के सतह पर बहने के कारण स्थानीय लोगों में काफी खुशी है. लोग फल्गु नदी में पानी आने के कारण दर्शन के लिए उमड़ पड़े हैं.

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पिंडदान करने आए श्रद्धालु

श्रद्धालुओं ने किया पिंडदान
कर्नाटक से पिंडदान करने श्रद्धालु बुद्ध नारायण मूर्ति गया आये हैं. नदी में पानी आने से नारायण मूर्ति भी खुश हैं. उनका कहना है कि कल यहां पानी नहीं था, लेकिन आज पानी आने से हमलोगों ने देवघाट पर फल्गु नदी में ही पिंडदान किया.

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पिंडदान करती विदेशी श्रद्धालु

बांध बनाने की घोषणा
गौरतलब है कि इस नदी का धार्मिक महत्व तो है ही, साथ ही यह नदी गया शहर के लिए पानी मुहैया कराती है. ऐसे में फल्गु नदी में पानी आने से गया शहर का जलस्तर बढ़ जाता है. जिससे सूख चुके बोरिंग और चापाकल में पानी आने लगते हैं. पेयजल की समस्या दूर हो जाती है. गायब रहने वाली फल्गु नदी को सालों भर बहने वाली नदी बनाने के लिए राज्य सरकार ने विथो वियर बांध बनाने की घोषणा की है. इस साल बांध बनाने के लिए सभी कागजी कार्रवाई लगभग पूरी हो गई है. इस बांध के बनने से सालभर फल्गु नदी में पानी रहेगा. जिससे लोगों को राहत मिलेगी.

गया: जिले में शनिवार से ही मॉनसून का असर दिखने लगा है. तीन दिनों से लगातार हो रही झमाझम बारिश के कारण फल्गु नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण अब उसका पानी जमीन के उपर से बहने लगा है. इसके कारण देश- विदेश के श्रद्धालुओं, पंडा समाज और गया वासियों में खुशी है. बताया जाता है कि माता सीता द्वारा श्रापित यह नदी जमीन के नीचे ही बहती है. लेकिन अभी का नजारा बदला हुआ है.

जानकारी देते संवाददाता सुजीत पांडे

फल्गु नदी तीन नदी के संगम से बनी है. फल्गु नदी को माता सीता ने श्रापित किया था. श्राप के कारण साल के आठ महीने फल्गु नदी जमीन के अंदर बहती है. वहीं, बरसात के आगमन से नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण यह सतह के ऊपर बहने लगती है. इस बार नदी के सतह पर बहने के कारण स्थानीय लोगों में काफी खुशी है. लोग फल्गु नदी में पानी आने के कारण दर्शन के लिए उमड़ पड़े हैं.

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पिंडदान करने आए श्रद्धालु

श्रद्धालुओं ने किया पिंडदान
कर्नाटक से पिंडदान करने श्रद्धालु बुद्ध नारायण मूर्ति गया आये हैं. नदी में पानी आने से नारायण मूर्ति भी खुश हैं. उनका कहना है कि कल यहां पानी नहीं था, लेकिन आज पानी आने से हमलोगों ने देवघाट पर फल्गु नदी में ही पिंडदान किया.

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पिंडदान करती विदेशी श्रद्धालु

बांध बनाने की घोषणा
गौरतलब है कि इस नदी का धार्मिक महत्व तो है ही, साथ ही यह नदी गया शहर के लिए पानी मुहैया कराती है. ऐसे में फल्गु नदी में पानी आने से गया शहर का जलस्तर बढ़ जाता है. जिससे सूख चुके बोरिंग और चापाकल में पानी आने लगते हैं. पेयजल की समस्या दूर हो जाती है. गायब रहने वाली फल्गु नदी को सालों भर बहने वाली नदी बनाने के लिए राज्य सरकार ने विथो वियर बांध बनाने की घोषणा की है. इस साल बांध बनाने के लिए सभी कागजी कार्रवाई लगभग पूरी हो गई है. इस बांध के बनने से सालभर फल्गु नदी में पानी रहेगा. जिससे लोगों को राहत मिलेगी.

Intro:शनिवार से वर्षा ऋतु का असर दिखने लगा, शनिवार से लगातार झमाझम बारिश हो रहा है। बारिश के मौसम में सभी सुखी नदिया में पानी आ जाता है। गया के फल्गु नदी में पानी आने का इंतजार देश- विदेश के श्रद्धालुओं को भी रहता है। आज सुबह अततः सलिला फल्गु नदी तीन दिन के बारिश में सतत सलिला हो गई हैं। श्रदालुओ, पंडा समाज और गया वासियों में खुशी का माहौल हैं।
माता सीता द्वारा श्रापित नदी अभी चार से पांच माह तक सतत सलिला रहेगी।


Body:फल्गु नदी तो तीन नदी के संगम से बना है। फल्गु नदी को माँ सीता रामायण काल मे श्रापित कर दी थी तब से फल्गु नदी अततः सलीला होकर जमीन के अंदर बहती है। बरसात के आगमन में अततः सलिला से सतत सलिला हो जाती है। फल्गु को जितना लोग अततः सलिला देखने के लिए उत्साहित रहते हैं उतना ही सतत सलिला देखने लिए उत्साहित रहते हैं। आज जैसे ही फल्गु नदी सतत सलिला हुई पूरे गया में ये बाते आग के तरह फैल गया लोग सतत सलिला फल्गु का दर्शन करने के लिए उमड़ पड़े।

फल्गु नदी जो तीन नदी को संगम से बना है फिर भी जमीन के अंदर से बहती है इसके पीछे कहानी है। रामायण काल मे भगवान राम,लक्षमण और माता सीता राजा दशरथ का पिंडदान करने गयाजी में आये थे। भगवान राम और लक्षमण पिंडदान संबंधित समान लाने चले गए, माता सीता फल्गु के तट पर अठखेलियाँ करने लगे इसी बीच आकाशवाणी होता हैं और पानी के अंदर से हाथ निकलता हैं। आकाशवाणी में कहा जाता है सीता पिंडदान का वक़्त निकला जा रहा है मेरा पिंडदान कर दो। सीता बालू से पिंडदान कर देती है। गवाह के रूप फल्गु नदी, गाय, ब्राह्मण और अक्षयवट को रख लेती है। भगवान राम और लक्षमण जब समान लेकर आते हैं माता सीता पूरा घटना बताती हैं। भगवान राम और लक्ष्मण को विश्वास नही होता हैं वो कहते है किसी ने देखा होगा । माँ सीता फल्गु नदी से पूछती हैं है फल्गु आपने बालू का पिंडदान करते देखा था फल्गु झूठ बोल दे देती हैं। माँ सीता आक्रोशित होकर फल्गु को श्रापित कर देती है आप अततः सलिला रहेगी। तब से फल्गु नदी जमीन के अंदर बहती है। इसलिए श्रापित नदी को सतत सलिला होते देख लोगो मे खुशी आ जाती हैं।

कर्नाटक राज्य से बुद्ध नारायण मूर्ति पिंडदानी अपने पिताजी का पिंडदान करने गया में आया था। उसने बताया मैं पंडा जी से पूछा फल्गु नदी में पानी है तो पंडा जी बताए अभी तो पानी हैं। आज सुबह जानकारी मिला फल्गु नदी में पानी आ गया , देवघाट में पिंडदान संपन्न कर सतत सलिला फल्गु नदी में पिंडदान विधि अनुसार वस्तुओं को प्रवाह करने से और नदी के पानी से अजमन करने से अच्छा लगा।


Conclusion:धार्मिक महत्व के साथ गया शहर के लिए फल्गु नदी में पानी आना अतिआवश्यक हैं फल्गु नदी में पानी से गया शहर का जलस्तर बढ़ जाता है। बंद पड़ा बोरिंग और चापाकल चलने लगता हैं। पेयजल की समस्या दूर हो जाती हैं।

अततः सलिला फल्गु को सालो भर सतत सलिला बनाने के लिए राज्य सरकार का योजना जमीनी स्तर पर अब उतरने को तैयार हैं। कई सालों से चुनावी वादे तक विथो वियर बांध रहता था इस वर्ष बांध बनाने के लिए कागजी कार्य लगभग पूरा हो गया है। विथो बियर बांध बने से पूरे साल फल्गु नदी में पानी रहेगा।

आज लोकसभा गया के सांसद विजय मांझी भी फल्गु नदी में बीथो बीयर बांध बनाने का मांग उठाया है।
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