गया: जिले में शनिवार से ही मॉनसून का असर दिखने लगा है. तीन दिनों से लगातार हो रही झमाझम बारिश के कारण फल्गु नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण अब उसका पानी जमीन के उपर से बहने लगा है. इसके कारण देश- विदेश के श्रद्धालुओं, पंडा समाज और गया वासियों में खुशी है. बताया जाता है कि माता सीता द्वारा श्रापित यह नदी जमीन के नीचे ही बहती है. लेकिन अभी का नजारा बदला हुआ है.
फल्गु नदी तीन नदी के संगम से बनी है. फल्गु नदी को माता सीता ने श्रापित किया था. श्राप के कारण साल के आठ महीने फल्गु नदी जमीन के अंदर बहती है. वहीं, बरसात के आगमन से नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण यह सतह के ऊपर बहने लगती है. इस बार नदी के सतह पर बहने के कारण स्थानीय लोगों में काफी खुशी है. लोग फल्गु नदी में पानी आने के कारण दर्शन के लिए उमड़ पड़े हैं.
श्रद्धालुओं ने किया पिंडदान
कर्नाटक से पिंडदान करने श्रद्धालु बुद्ध नारायण मूर्ति गया आये हैं. नदी में पानी आने से नारायण मूर्ति भी खुश हैं. उनका कहना है कि कल यहां पानी नहीं था, लेकिन आज पानी आने से हमलोगों ने देवघाट पर फल्गु नदी में ही पिंडदान किया.
बांध बनाने की घोषणा
गौरतलब है कि इस नदी का धार्मिक महत्व तो है ही, साथ ही यह नदी गया शहर के लिए पानी मुहैया कराती है. ऐसे में फल्गु नदी में पानी आने से गया शहर का जलस्तर बढ़ जाता है. जिससे सूख चुके बोरिंग और चापाकल में पानी आने लगते हैं. पेयजल की समस्या दूर हो जाती है. गायब रहने वाली फल्गु नदी को सालों भर बहने वाली नदी बनाने के लिए राज्य सरकार ने विथो वियर बांध बनाने की घोषणा की है. इस साल बांध बनाने के लिए सभी कागजी कार्रवाई लगभग पूरी हो गई है. इस बांध के बनने से सालभर फल्गु नदी में पानी रहेगा. जिससे लोगों को राहत मिलेगी.