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गर्मी शुरू होते ही सूख गई फल्गु नदी, पिंडदान के लिए लोग खरीद रहे पानी

गर्मी की आहट से गया में फल्गु नदी सूख गयी है. इसकी वजह से पिंडदानियों के सामने संकट पैदा हो गया है. इस समस्या को देखते हुए तीन बंड़े-बड़े चुआंड़ी खुदवाये गये हैं.

falgu river in gaya
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Published : Feb 28, 2021, 5:46 PM IST

Updated : Feb 28, 2021, 5:56 PM IST

गया: पौराणिक हिन्दू मान्यताओं के अनुसार गया में फल्गु नदी के पानी से तर्पण करने का खास महत्व है. लेकिन इन दिनों गर्मी की चलते नदी में पानी का संकट हो गया है. फल्गु नदी का पानी ऊपर नहीं बल्कि 20 फीट नीचे चला गया है. इस वजह से लोगों को गड्ढे खोदकर तर्पण आदि का काम करना पड़ता है. इसका फायदा स्थानीय लोग तर्पण करने वाले से उठा रहे हैं. स्थानीय लोग तर्पण के लिए जल तभी दे रहें जब उन्हें उसका उचित शुल्क मिलता है.

ये भी पढ़ें: खतरे में मोक्षदायिनी फल्गु , शव दाह और नाले का गंदा पानी कर रहा नदी को प्रदूषित

फल्गु नदी में पिंडदान का महत्व
दरअसल गया जी में पिंडदान करने का महत्व है, पिंडदान की विधि में फल्गु के पानी का तर्पण करना खासा महत्व है. लेकिन इन दिनों फल्गु के जल पर संकट छाया है. विष्णुपद के मंदिर के सामने देव घाट के पास ही पिंडदानियों को फल्गु के जल से तर्पण का विधान है. लेकिन इस जगह पर पानी दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहा है. इसकी वजह से पिंडदानियों के सामने संकट पैदा हो गया है.

फल्गु में गिर गया है जल स्तर
इस समस्या को देखते हुए तीन बंड़े-बड़े चुआंड़ी खुदवाये गये हैं. दो चुआंड़ी दो अलग-अगल पंडों के नाम से हैं और तीसरा सार्वजिनक है. जो सार्वजनिक है वह भी सूख चुका है. इन तीनों चुआंड़ी को जिला प्रशासन की ओर से नहीं बल्कि पंडों द्वारा खुदवाया गया है. इसी चुआंडी के अंदर जाकर पिंडदानी पिंड दान की क्रिया को संपन्न कराते हैं.

falgu river in gaya
फल्गु में गिर गया है जल स्तर

पिंडदानियों से रुपए लेते हैं स्थानीय
पिंडदान की क्रिया संपन्न कराने के दौरान चुआंड़ी खोदनेवाले पिंडदानियों से प्रति 'चुक्का' दस रुपये लेते हैं. हालांकि इस बात को खुले मन से पंडा नहीं बताते हैं, पर यह सच है. वह इतना जरूर कहते हैं कि जिसने मेहनत कर चुआंडी खोदी है वह यदि कुछ पैसा पिंडदानियों से लेता है कोई हर्ज नहीं है.

ये भी पढ़ें: फल्गू नदी पर बन रहा बिहार का पहला रबर डैम, पिंडदानी को अब नहीं होगी दिक्कत

डेढ़ दशक से फल्गु का गिर रहा जल स्तर
गया शहर के समाजसेवी बृजनंदन पाठक ने बताया कि फल्गु नदी का सनातन धर्म बड़ा महत्व है. सभी नदियों में सबसे श्रेष्ठ नदियों में से एक फल्गु नदी है. फल्गु नदी बरसाती नदी है, सालों भर पानी नहीं रहता है, गर्मियों के दिनों में स्थानीय या पंडा समुदाय के लोग फल्गु में गड्ढा खोदकर पानी निकालते हैं और उसको बेचते हैं. इस तरह का दृश्य डेढ़ दशक से देखने को मिल रहा है. पूर्व में एक फीट पर पानी आसानी से मिल जाता था.

बिक रहा फल्गु का जल, निगम प्रशासन है अनजान !
फल्गु नदी का पानी बिक रही है! इससे गया नगर निगम के आयुक्त बिल्कुल अनजान थे. ईटीवी भारत ने उन्हें इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि गया नगर निगम फल्गु नदी में गड्ढा करके पानी निकालेगा. उस पानी को श्रदालुओं को तर्पण करने के लिए मुफ्त में मिलेगा, इसके लिए दो कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी.

देखें रिपोर्ट

ये भी पढ़ें: फल्गु नदी में तर्पण करने के लिए पूरे साल मिलेगा पानी, मुख्यमंत्री ने रबर डैम का किया शिलान्यास

रबर डैम इसका स्थाई निदान
गौरतलब है कि सरकार ने इस समस्या के निदान के लिए रबर डैम बनाना शुरू कर दिया है, विष्णुपद मंदिर के देवघाट के पास फल्गु नदी में 350 मीटर चौड़ा और 650 मीटर लंबाई में रबर डैम बनाया जा रहा है. इसमें 2 फीट पानी रखा जाएगा जिससे पिंडदानियों को साल भर तर्पण के लिए जल उपलब्ध रहेगा.

गया: पौराणिक हिन्दू मान्यताओं के अनुसार गया में फल्गु नदी के पानी से तर्पण करने का खास महत्व है. लेकिन इन दिनों गर्मी की चलते नदी में पानी का संकट हो गया है. फल्गु नदी का पानी ऊपर नहीं बल्कि 20 फीट नीचे चला गया है. इस वजह से लोगों को गड्ढे खोदकर तर्पण आदि का काम करना पड़ता है. इसका फायदा स्थानीय लोग तर्पण करने वाले से उठा रहे हैं. स्थानीय लोग तर्पण के लिए जल तभी दे रहें जब उन्हें उसका उचित शुल्क मिलता है.

ये भी पढ़ें: खतरे में मोक्षदायिनी फल्गु , शव दाह और नाले का गंदा पानी कर रहा नदी को प्रदूषित

फल्गु नदी में पिंडदान का महत्व
दरअसल गया जी में पिंडदान करने का महत्व है, पिंडदान की विधि में फल्गु के पानी का तर्पण करना खासा महत्व है. लेकिन इन दिनों फल्गु के जल पर संकट छाया है. विष्णुपद के मंदिर के सामने देव घाट के पास ही पिंडदानियों को फल्गु के जल से तर्पण का विधान है. लेकिन इस जगह पर पानी दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहा है. इसकी वजह से पिंडदानियों के सामने संकट पैदा हो गया है.

फल्गु में गिर गया है जल स्तर
इस समस्या को देखते हुए तीन बंड़े-बड़े चुआंड़ी खुदवाये गये हैं. दो चुआंड़ी दो अलग-अगल पंडों के नाम से हैं और तीसरा सार्वजिनक है. जो सार्वजनिक है वह भी सूख चुका है. इन तीनों चुआंड़ी को जिला प्रशासन की ओर से नहीं बल्कि पंडों द्वारा खुदवाया गया है. इसी चुआंडी के अंदर जाकर पिंडदानी पिंड दान की क्रिया को संपन्न कराते हैं.

falgu river in gaya
फल्गु में गिर गया है जल स्तर

पिंडदानियों से रुपए लेते हैं स्थानीय
पिंडदान की क्रिया संपन्न कराने के दौरान चुआंड़ी खोदनेवाले पिंडदानियों से प्रति 'चुक्का' दस रुपये लेते हैं. हालांकि इस बात को खुले मन से पंडा नहीं बताते हैं, पर यह सच है. वह इतना जरूर कहते हैं कि जिसने मेहनत कर चुआंडी खोदी है वह यदि कुछ पैसा पिंडदानियों से लेता है कोई हर्ज नहीं है.

ये भी पढ़ें: फल्गू नदी पर बन रहा बिहार का पहला रबर डैम, पिंडदानी को अब नहीं होगी दिक्कत

डेढ़ दशक से फल्गु का गिर रहा जल स्तर
गया शहर के समाजसेवी बृजनंदन पाठक ने बताया कि फल्गु नदी का सनातन धर्म बड़ा महत्व है. सभी नदियों में सबसे श्रेष्ठ नदियों में से एक फल्गु नदी है. फल्गु नदी बरसाती नदी है, सालों भर पानी नहीं रहता है, गर्मियों के दिनों में स्थानीय या पंडा समुदाय के लोग फल्गु में गड्ढा खोदकर पानी निकालते हैं और उसको बेचते हैं. इस तरह का दृश्य डेढ़ दशक से देखने को मिल रहा है. पूर्व में एक फीट पर पानी आसानी से मिल जाता था.

बिक रहा फल्गु का जल, निगम प्रशासन है अनजान !
फल्गु नदी का पानी बिक रही है! इससे गया नगर निगम के आयुक्त बिल्कुल अनजान थे. ईटीवी भारत ने उन्हें इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि गया नगर निगम फल्गु नदी में गड्ढा करके पानी निकालेगा. उस पानी को श्रदालुओं को तर्पण करने के लिए मुफ्त में मिलेगा, इसके लिए दो कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी.

देखें रिपोर्ट

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रबर डैम इसका स्थाई निदान
गौरतलब है कि सरकार ने इस समस्या के निदान के लिए रबर डैम बनाना शुरू कर दिया है, विष्णुपद मंदिर के देवघाट के पास फल्गु नदी में 350 मीटर चौड़ा और 650 मीटर लंबाई में रबर डैम बनाया जा रहा है. इसमें 2 फीट पानी रखा जाएगा जिससे पिंडदानियों को साल भर तर्पण के लिए जल उपलब्ध रहेगा.

Last Updated : Feb 28, 2021, 5:56 PM IST
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