गया: जिले का अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल लगातार मनमानी कर रहा है. अस्पताल अधीक्षक एक बार फिर से ईटीवी भारत से झूठ बोलते दिखें. अस्पताल की लापरवाही और अधीक्षक के झूठ बोलने से बच्चों की जान पर आफत आ गई है.
ये है मामला
दरअसल, 12 घंटों से तेज बुखार से तपते बच्चे को जिले के अस्पताल में इलाज के लिए भटकना पड़ गया. धर्मेंद्र यादव अपने भतीजे को अस्पताल में इलाज के लिए लाया था. कई घंटे बीतने के बाद भी बच्चे को अस्पताल में सही से इलाज नहीं हुआ. परिजन बच्चे को लेकर इधर से उधर भटकता रहे. लेकिन, अस्पताल में किसी ने उसकी मदद नहीं की. इसके बाद परिजनों ने मरीज को निजी अस्पताल में ले जाने के लिए मजबूर हो गए. तभी मौके पर पहुंच कर ईटीवी भारत ने मामले पर संज्ञान लिया. ईटीवी भारत के दबाव में बच्चे को अस्पताल में भर्ती किया गया और उसका इलाज शुरू किया गया.
'डिसचार्ज पेपर देने से किया इन्कार'
मरीज के परिजन धर्मेंद्र यादव ने कहा कि वह 4 घंटे तक अपने भतीजे को लेकर अस्पताल में भटकता रहा. लेकिन, कोई भी अस्पताल कर्मचारी ने सुध नहीं लिया. जब बच्चे की बुखार बढ़ने लगी, तो धर्मेंद्र बेबस होकर प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराने के लिए ले जाने लगे. लेकिन, किसी ने बच्चे की डिसचार्ज की पेपर नहीं दी. उन्होंने कहा कि सभी डॉक्टर बहाना बनाना शुरू कर दिए.
आरोप निराधार- अस्पताल अधीक्षक
इस मामले में अस्पताल अधीक्षक विजय कृष्ण प्रसाद ने कहा कि जब बच्चा अस्पताल में आया था तब उसका बुखार सामान्य था. इसीलिए उसे साधारण वार्ड में भर्ती किया गया. लेकिन, जैसे ही उसकी बुखार तेज होने लगी, फौरन अस्पताल कर्मचारी ने बच्चे को इमरजेंसी वार्ड में शिफ्ट किया. मरीज के शिफ्ट होते ही उसका फौरन इलाज शुरू कर दिया गया.
अधीक्षक ने पहले भी बोला झूठ
बता दें कि इससे पहले भी अस्पताल अधीक्षक विजय कृष्ण मीडिया से झूठ बोलते दिखें थे. शनिवार को भी 10 बच्चों के बल्ड सैंपल के मामले में अस्पताल अधीक्षक ने ईटीवी भारत से झूठ बोला था. वहीं, मौजूदा मरीज की इलाज को लेकर फिर से मीडिया को बरगलाने की कोशिश की. लेकिन, ईटीवी की प्रमुखता से खबर दिखाने की बात पर बच्चे का इलाज किया गया. साथ ही खुद भी मौके पर पहुंच कर जायजा भी लिया.