गया : विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला 2023 का आज छठा दिन है. इस दिन ब्रह्म सरोवर पर श्राद्ध और आम्र सिंचन एवं काकबली पर पिंडदान का विधान है. विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेले के आश्विन कृष्ण चतुर्थी यानी छठे दिन त्रिपाक्षिक श्राद्ध करने करने वाले को तिथि के अनुसार वेदियों पर पिंडदान कर पितरों के निमित्त ब्रह्मलोक की कामना की जाती है.
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पितृ पक्ष मेले का छठा दिन आज : इस दिन ब्रह्म सरोवर में श्राद्ध किया जाता है. वहीं, आम्र सिंचन और काकबली बेदी पर पिंडदान का भी विधान है. ऐसी मान्यता है कि ब्रह्म सरोवर, आम्र सिंचन और काकबली वेदी पर पिंडदान से पितर को ब्रह्मलोक की प्राप्ति होती है. पितर बैकुंठ को जाते हैं. इस तरह ब्रह्म सरोवर समेत तीन वेदियों पर पिंडदान से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है.
छठे दिन का जानें पिंडदान का विधान : आश्विन कृष्ण चतुर्थी यानी कि पितृपक्ष मेले के छठे दिन ब्रह्म सरोवर पर श्राद्ध, आम्र सिंचन और काकबली पर पिंडदान करना चाहिए. गया के दक्षिण फाटक से लगभग 350 गज दूर ब्रह्म सरोवर स्थित है. इसमें एक गदा खंड पड़ा है. उसकी परिक्रमा की जाती है. इसके पास ही काकबली वेदी है. वहीं पास में ही तारक ब्रह्मा का दर्शन करके आम्र सिंचन में पिंडदान का विधान है.
ब्रह्म सरोवर में पिंडदान से पितरों को ब्रह्मलोक की प्राप्ति होती है. वहीं, पास में स्थित काकबली वेदी पर यम को एक, यमराज के श्याम शवल नाम के नामक कुत्तों को एक और यमलोक के काग (कौवा) को एक बली रूप पिंड देने का विधान है. यहां उड़द के आटे का पिंडदान करने की मान्यता है. कहा जाता है कि कुत्ता, कौवे और यम को उड़द के आटे का पिंडदान करने से पितर बैकुंठ को जाते हैं.
क्या है ब्रह्म सरोवर की कथा : धार्मिक पुराण के अनुसार ब्रह्म सरोवर में ब्रह्मा जी ने स्नान किया था. ब्रह्म सरोवर में स्नान करने के बाद ब्रह्मा जी ने गयासुर के शरीर पर यज्ञ किया था. ऐसी मान्यता है कि ब्रह्मा सरोवर में श्राद्ध करने से पितरों को ब्रह्म लोक की प्राप्ति होती है.
देश ही नहीं विदेशों से भी आते हैं तीर्थ यात्री : बिहार के गया में विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला 2023 का 28 सितंबर से शुभारंभ हुआ है. यह पितृपक्ष मेला 14 अक्टूबर तक चलेगा. गयाजी में पिंडदान करने देश के तकरीबन सभी राज्यों के अलावा विदेशों से भी तीर्थयात्री गयाजी को आते हैं.