गया: चीन सरकार तिब्बत के इतिहास को नष्ट करने पर तूली हुई है. ये आरोप लगाये हैं तिब्बत के निर्वासित सरकार के सांसदों ने. तिब्बत के निर्वासित सरकार के सांसद कुंगा सोतोप और तेनजिन जिगदल भगवान बुद्ध की पावन ज्ञान भूमि बोधगया पहुचे हैं. ये पिछले 2 सप्ताह से तिब्बत के प्रति बिहार और झारखंड में जागरूकता अभियान चला रहे हैं. आज शुक्रवार 8 दिसंबर को इस जागरूकता यात्रा का समापन बोधगया में किया गया.
"भारत की सीमा, तिब्बत से लगती है ना कि चीन से. तिब्बत एक स्वतंत्र देश था, जिसे 1959 में चीन ने कब्जा कर लिया. तब से हमलोग भारत में निर्वासित जीवन व्यतीत कर रहे हैं. भारत के सहयोग से हम सत्य की लड़ाई लड़ रहे हैं."- तेनजिन जिगडेल, तिब्बत की निर्वासित सरकार के सांसद
जागरूकता अभियान चलाया जा रहाः इस मौके पर पत्रकारों से बात करते हुए तेनजिन जिगडेल ने बताया कि चीन सरकार तिब्बत के इतिहास को नष्ट करने पर तूली हुई है. तिब्बत में जबरदस्त रूप से इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ा रही है. ल्हासा के इर्दगिर्द 9 एयरपोर्ट बनाया जा रहा है. जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि चीन की नजर भारत के ऊपर है. इसलिए हमें सावधान रहने की जरूरत है. इसी को लेकर हमलोग जागरूकता अभियान चला रहे हैं.
भारत में निर्वासित जीवन व्यतीत कर रहे हैंः तेनजिन जिगडेल ने कहा कि भारत की सीमा, तिब्बत से लगती है ना कि चीन से. तिब्बत एक स्वतंत्र देश था, जिसे 1959 में चीन ने कब्जा कर लिया. तब से हमलोग भारत में निर्वासित जीवन व्यतीत कर रहे हैं. भारत के सहयोग से हम सत्य की लड़ाई लड़ रहे हैं. तेनजिन जिगडेल ने कहा कि हम धर्म को मानने वाले लोग हैं. हम पूर्व जन्म में विश्वास रखते हैं. तिब्बत में धार्मिक कार्य करने के लिए भी चीन सरकार से अनुमति लेनी पड़ती. उन्होंने भारत सरकार और भारतवासियों के प्रति आभार प्रकट किया है.
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