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गया: क्वारंटीन सेंटर में रोजेदारों के लिए नहीं है खास इंतजाम, मुखिया ने की मदद

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Published : May 15, 2020, 2:06 PM IST

बीकापुर पंचायत की मुखिया मेहर अंग्रेज खानम ने बताया कि प्रवासी मजदूर अपने हैं. दो जून की रोटी की तलाश में लोग बाहर जाते हैं. लॉकडाउन के कारण ये लोग अपने घर लौटे हैं. प्रशासन इन्हें क्वारंटीन सेंटर में रखा है. लेकिन, यहां सुविधाओं की कमी है.

रोजा
रोजा

गया: कोरोना वायरस से बचाव को लेकर देशभर में लागू लॉकडाउन में फंसे मजदूरों को अब प्रदेश लाया जा रहा है. लेकिन इन मजदूरों को 14 दिनों तक क्वारंटीन सेंटर में रखा जा रहा है. रमजान माह में कई रोजेदार मजदूर भी हैं. जिनके लिए प्रशासन सेहरी और इफ्तार के लिए विशेष खाना देने की बात कहता है. लेकिन, रोजेदारों को सामान्य भोजन के अलावा कुछ नहीं मिल रहा है.

रोजेदारों की तकलीफ को देख स्थानीय मुखिया ने कदम बढ़ाया है. मुखिया ने सेहरी के लिए दूध और फल क्वारंटीन सेंटर में रहने वाले रोजेदारों के लिए मंगवाकर उनके बीच वितरण किया.

मुखिया ने किया रोजेदारों के लिए इंतजाम
गया जिले के इमामगंज प्रखंड के बीकापुर पंचायत में बने क्वारंटीन सेंटर पर सुविधाओं का अभाव है. इस सेंटर में रोजेदार भी रहते हैं. लेकिन, इनकी सुविधाा का यहां ख्याल नहीं रखा जा रहा है. रोजेदारों की तकलीफ को देखते हुए मुखिया ने सभी कमरों में रौशनी और पंखे का इंतजाम करवाया. इसके साथ ही प्रवासी मजदूरों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए मुखिया पति छोटन खान ने सभी प्रवासी मजदूरों के बीच सुबह, दोपहर और शाम शाकाहारी भोजन का इंतजाम करवाया. इसके अलावा दूध, सेवई, खीर, हलवा और दूसरे पौष्टिक आहार की भी व्यवस्था की.

गया
रोजेदारों को बांटे जा रहे फल

रोजेदारों के लिए नहीं है सुविधा- मुखिया
बीकापुर पंचायत की मुखिया मेहर अंग्रेज खानम ने बताया कि प्रवासी मजदूर अपने हैं. दो जून के रोटी की तलाश में लोग बाहर जाते हैं. लॉकडाउन के कारण ये लोग अपने घर लौटे हैं. प्रशासन इन्हें क्वारंटीन सेंटर में रखा है. लेकिन, यहां सुविधाओं की कमी है. खाना और किट इनको मिला है. लेकिन, इस क्वारंटीन सेंटर में मुस्लिम श्रमिक भी हैं. जो रोजा रखे हैं. उनके लिए भी व्यवस्था होनी चाहिए. जो नही है. यहां तक की रोजा खोलने के लिए खजूर भी नहीं है. इसलिए हमारी ओर से इनके लिए सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं.

गया: कोरोना वायरस से बचाव को लेकर देशभर में लागू लॉकडाउन में फंसे मजदूरों को अब प्रदेश लाया जा रहा है. लेकिन इन मजदूरों को 14 दिनों तक क्वारंटीन सेंटर में रखा जा रहा है. रमजान माह में कई रोजेदार मजदूर भी हैं. जिनके लिए प्रशासन सेहरी और इफ्तार के लिए विशेष खाना देने की बात कहता है. लेकिन, रोजेदारों को सामान्य भोजन के अलावा कुछ नहीं मिल रहा है.

रोजेदारों की तकलीफ को देख स्थानीय मुखिया ने कदम बढ़ाया है. मुखिया ने सेहरी के लिए दूध और फल क्वारंटीन सेंटर में रहने वाले रोजेदारों के लिए मंगवाकर उनके बीच वितरण किया.

मुखिया ने किया रोजेदारों के लिए इंतजाम
गया जिले के इमामगंज प्रखंड के बीकापुर पंचायत में बने क्वारंटीन सेंटर पर सुविधाओं का अभाव है. इस सेंटर में रोजेदार भी रहते हैं. लेकिन, इनकी सुविधाा का यहां ख्याल नहीं रखा जा रहा है. रोजेदारों की तकलीफ को देखते हुए मुखिया ने सभी कमरों में रौशनी और पंखे का इंतजाम करवाया. इसके साथ ही प्रवासी मजदूरों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए मुखिया पति छोटन खान ने सभी प्रवासी मजदूरों के बीच सुबह, दोपहर और शाम शाकाहारी भोजन का इंतजाम करवाया. इसके अलावा दूध, सेवई, खीर, हलवा और दूसरे पौष्टिक आहार की भी व्यवस्था की.

गया
रोजेदारों को बांटे जा रहे फल

रोजेदारों के लिए नहीं है सुविधा- मुखिया
बीकापुर पंचायत की मुखिया मेहर अंग्रेज खानम ने बताया कि प्रवासी मजदूर अपने हैं. दो जून के रोटी की तलाश में लोग बाहर जाते हैं. लॉकडाउन के कारण ये लोग अपने घर लौटे हैं. प्रशासन इन्हें क्वारंटीन सेंटर में रखा है. लेकिन, यहां सुविधाओं की कमी है. खाना और किट इनको मिला है. लेकिन, इस क्वारंटीन सेंटर में मुस्लिम श्रमिक भी हैं. जो रोजा रखे हैं. उनके लिए भी व्यवस्था होनी चाहिए. जो नही है. यहां तक की रोजा खोलने के लिए खजूर भी नहीं है. इसलिए हमारी ओर से इनके लिए सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं.

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