गया: स्वास्थ्य विभाग हर एक साल लाखों-करोड़ों रुपये खर्च करती है और दावा करती है कि स्वास्थ्य सुविधाओं में तेजी से सुधार हो रहा है. लेकिन राज्य के कई ऐसे अस्पताल हैं. जहां सुविधा के नाम पर कुछ नहीं है. मगध क्षेत्र का सबसे बड़े अस्पताल में मरीजों का हाल-बदहाल है.
इलाज के अभाव में मौत
बिहार के मगध क्षेत्र का सबसे बड़ा अस्पताल अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड में महज 10 बेड संचालित है. हर दिन औसतन इमरजेंसी में तीन दर्जन से अधिक मरीज भर्ती होते हैं. इसमें से अधिक मरीजों को खानापूर्ति कर वार्ड में भेज दिया जाता है. जिससे मरीजों के जान का खतरा बना रहता है. कई मरीज की जान इलाज के अभाव में जा चुकी है.
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अस्पताल की कुव्यवस्था देख डर जाते हैं मरीज
दरअसल गया शहर में स्थित मगध क्षेत्र का सबसे बड़ा अस्पताल अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड में दस बेड है.मगध क्षेत्र का पांच जिलों के सहित पड़ोसी राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों से लोग इमरजेंसी में इलाज करवाने अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आते है लेकिन अस्पताल की कुव्यवस्था देख मरीज या उसके परिजन सिहर उठते है. उन्हें इससे बेहतर प्राथमिकी स्वास्थ्य केंद्र लगता है, जहां मरीज को अस्पताल के बेड पर ले जाने के स्ट्रेक्चर, वार्ड में बेड तो जरूर नसीब होता है. लेकिन अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में हर मरीज को बेड मिलना मुश्किल है.
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मरीज को ले जाने को स्ट्रेचर तक नहींकोरोना महामारी का असर कम होने पर अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्थित ट्रामा सेंटर में 10 बेड का इमरजेंसी वार्ड बनाया गया था. अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हर दिन लगभग 40 के करीब मरीज आते है तो जगह की कमी दूसरी तरफ सुविधाएं भी नदारद है. मरीज को स्ट्रेचर और ट्रॉली मैन तक नहीं मिलता है. मरीज के परिजन खुद से टांगकर या गोद मे लेकर जाते है.