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'हरित क्रांति के नाम पर लोगों को बेघर कर रही नीतीश सरकार, बड़े आंदोलन के लिए पीड़ित बना रहे रणनीति'

पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जल, जीवन और हरियाली एवं हरित क्रांति के नाम पर जंगलों और पहाड़ों में रहने वाले लोगों को बेघर किया जा रहा है. उनके घरों को जबरन खाली कराया जा रहा है. ऐसे में लोगों के अंदर आक्रोश है. और वो जल्द ही बड़ा आंदोलन करने वाले हैं.

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Published : Jan 8, 2020, 8:20 PM IST

जीतन राम मांझी
जीतन राम मांझी

गया: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सह हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने शहर के गोदावरी मोहल्ला स्थित अपने आवास पर एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया. इस प्रेस वार्ता में उन्होंने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए जिला प्रशासन पर भी आरोप लगाए. जीतन राम मांझी ने कहा कि राज्य सरकार और जिला प्रशासन हरित क्रांति के नाम पर जंगलों और पहाड़ों में वर्षों से रहने वाले लोगों को बेघर करने में लगी हुई है.

हम प्रमुख मांझी ने जिले के बांके बाजार प्रखंड में बैजू धाम का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि हर साल सावन के महीने में 2 लाख से भी ज्यादा श्रद्धालु यहां आते और पूजापाठ करते हैं. ऐसे में वहां वर्षों से मंदिर के आसपास रह रहे लोगों को कुछ दिन पहले वन विभाग ने नोटिस देकर खाली करने का आदेश दिया है. इतना ही नहीं आसपास के घरों को तोड़ा जा रहा है. वन विभाग उस जगह को अपनी जमीन बता रहा है. इसके अलावा जिले के बेलागंज प्रखंड के पनारी गांव में भी लोगों को घरों से बाहर निकालते हुए उनके घरों को तोड़ा जा रहा है.

प्रेस वार्ता के दौरान जीतन राम मांझी
प्रेस वार्ता के दौरान जीतन राम मांझी

'राज्य सरकार और जिला प्रशासन होगा जिम्मेदार'
पूर्व सीएम मांझी ने कहा कि ऐसा ही हाल इमामगंज प्रखंड के सिद्धपुर गांव में भी है. वहां कई ग्रामीणों को वन विभाग के लोगों ने नोटिस दे रखा है और जबरन उनके घरों को खाली करा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार हरित क्रांति के नाम पर ग्रामीणों को उनके घरों से बेघर कर रही है. ऐसे में पीड़ित लोग अब आंदोलन के मूड में हैं. अगर राज्य सरकार और जिला प्रशासन अविलंब पीड़ित लोगों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था नहीं करती है, तो आने वाले समय में बड़ा आंदोलन होगा, जिसमें काफी क्षति होगी और इसकी सारी जवाबदेही राज्य सरकार और जिला प्रशासन की होगी.

पटना के सामूहिक दुष्कर्म मामले पर भी बोले मांझी
मांझी ने सुप्रीमकोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि अगर लोग वन विभाग की जमीन में रह भी रहे हैं, तो पहले विभाग को लोगों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए. इसके बाद ही उनके घरों को तोड़ा जाना चाहिए. लेकिन सरकार जबरन लोगों के घरों को खाली कराने में लगी है. वहीं, उन्होंने पटना में युवती के साथ हुई सामूहिक दुष्कर्म के मामले पर कहा कि ये बहुत ही शर्मनाक घटना है. सरकार इस तरह की घटनाओं को रोक पाने में पूरी तरह विफल है. ऐसा लगता है मानो सरकार ने अपराधियों को खुली छूट दे रखी है. उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसे मामलों के लिए एक्सक्लूसिव कोर्ट का गठन करना चाहिए. जिसमें दुष्कर्म की घटनाओं से संबंधित मामले को एक से डेढ़ महीने के अंदर निपटारा कर दोषियों को सजा देने का प्रावधान होना चाहिए.

जीतन राम मांझी, पूर्व सीएम

भारत बंद का मांझी ने किया समर्थन
जीतन राम मांझी ने ट्रेड यूनियन के भारत बंद के आह्वान का समर्थन करते हुए कहा कि हमारी पार्टी भी समर्थन दे रही है. उन्होंने कहा कि आज पूरी तरह से सरकार बैंकों का निजीकरण कर रही है. सिर्फ बैंकों का ही नहीं बल्कि सभी क्षेत्र में निजीकरण किया जा रहा है. इससे आने वाले समय में बेरोजगारी बढ़ेगी.

गया: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सह हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने शहर के गोदावरी मोहल्ला स्थित अपने आवास पर एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया. इस प्रेस वार्ता में उन्होंने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए जिला प्रशासन पर भी आरोप लगाए. जीतन राम मांझी ने कहा कि राज्य सरकार और जिला प्रशासन हरित क्रांति के नाम पर जंगलों और पहाड़ों में वर्षों से रहने वाले लोगों को बेघर करने में लगी हुई है.

हम प्रमुख मांझी ने जिले के बांके बाजार प्रखंड में बैजू धाम का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि हर साल सावन के महीने में 2 लाख से भी ज्यादा श्रद्धालु यहां आते और पूजापाठ करते हैं. ऐसे में वहां वर्षों से मंदिर के आसपास रह रहे लोगों को कुछ दिन पहले वन विभाग ने नोटिस देकर खाली करने का आदेश दिया है. इतना ही नहीं आसपास के घरों को तोड़ा जा रहा है. वन विभाग उस जगह को अपनी जमीन बता रहा है. इसके अलावा जिले के बेलागंज प्रखंड के पनारी गांव में भी लोगों को घरों से बाहर निकालते हुए उनके घरों को तोड़ा जा रहा है.

प्रेस वार्ता के दौरान जीतन राम मांझी
प्रेस वार्ता के दौरान जीतन राम मांझी

'राज्य सरकार और जिला प्रशासन होगा जिम्मेदार'
पूर्व सीएम मांझी ने कहा कि ऐसा ही हाल इमामगंज प्रखंड के सिद्धपुर गांव में भी है. वहां कई ग्रामीणों को वन विभाग के लोगों ने नोटिस दे रखा है और जबरन उनके घरों को खाली करा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार हरित क्रांति के नाम पर ग्रामीणों को उनके घरों से बेघर कर रही है. ऐसे में पीड़ित लोग अब आंदोलन के मूड में हैं. अगर राज्य सरकार और जिला प्रशासन अविलंब पीड़ित लोगों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था नहीं करती है, तो आने वाले समय में बड़ा आंदोलन होगा, जिसमें काफी क्षति होगी और इसकी सारी जवाबदेही राज्य सरकार और जिला प्रशासन की होगी.

पटना के सामूहिक दुष्कर्म मामले पर भी बोले मांझी
मांझी ने सुप्रीमकोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि अगर लोग वन विभाग की जमीन में रह भी रहे हैं, तो पहले विभाग को लोगों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए. इसके बाद ही उनके घरों को तोड़ा जाना चाहिए. लेकिन सरकार जबरन लोगों के घरों को खाली कराने में लगी है. वहीं, उन्होंने पटना में युवती के साथ हुई सामूहिक दुष्कर्म के मामले पर कहा कि ये बहुत ही शर्मनाक घटना है. सरकार इस तरह की घटनाओं को रोक पाने में पूरी तरह विफल है. ऐसा लगता है मानो सरकार ने अपराधियों को खुली छूट दे रखी है. उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसे मामलों के लिए एक्सक्लूसिव कोर्ट का गठन करना चाहिए. जिसमें दुष्कर्म की घटनाओं से संबंधित मामले को एक से डेढ़ महीने के अंदर निपटारा कर दोषियों को सजा देने का प्रावधान होना चाहिए.

जीतन राम मांझी, पूर्व सीएम

भारत बंद का मांझी ने किया समर्थन
जीतन राम मांझी ने ट्रेड यूनियन के भारत बंद के आह्वान का समर्थन करते हुए कहा कि हमारी पार्टी भी समर्थन दे रही है. उन्होंने कहा कि आज पूरी तरह से सरकार बैंकों का निजीकरण कर रही है. सिर्फ बैंकों का ही नहीं बल्कि सभी क्षेत्र में निजीकरण किया जा रहा है. इससे आने वाले समय में बेरोजगारी बढ़ेगी.

Intro:पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने राज्य सरकार और जिला प्रशासन पर साधा निशाना,
कहा- हरित क्रांति के नाम पर जंगल और पहाड़ों में बसे लोगों को बेघर कर रही है सरकार,
दुष्कर्म की घटनाओं को रोक पाने में विफल है सरकार।



Body:गया: बिहार सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री सह हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने शहर के गोदावरी मोहल्ला स्थित अपने आवास पर आज एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया।
इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और जिला प्रशासन हरित क्रांति के नाम पर जंगलों और पहाड़ों में वर्षों से रहने वाले लोगों को बेघर करने में लगी हुई है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जिले के बांके बाजार प्रखंड में बैजू धाम एक जगह है। जहां प्रतिवर्ष सावन के महीने में 2 लाख से भी ज्यादा श्रद्धालु वहां जाते हैं और पूजापाठ करते हैं। ऐसे में वहां वर्षों से मंदिर के आसपास रह रहे लोगों को कुछ दिन पहले वन विभाग ने नोटिस देकर खाली करने का आदेश दिया है। इतना ही नहीं आसपास के घरों को तोड़ा जा रहा है। वन विभाग उस जगह को अपनी जमीन बता रही है। इसके अलावा जिले के बेलागंज प्रखंड के पनारी गांव में भी लोगों को घरों से बाहर निकालते हुए उनके घरों को तोड़ा जा रहा है। वही हाल ही में इमामगंज प्रखंड के सिद्धपुर गांव में भी कई ग्रामीणों को वन विभाग के लोगों ने नोटिस दे रखा है और जबरन उनके घरों को खाली करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार हरित क्रांति के नाम पर ग्रामीणों को उनके घरों से बेघर कर रही है। ऐसे में पीड़ित लोग अब आंदोलन के मूड में है। अगर राज्य सरकार और जिला प्रशासन अविलंब पीड़ित लोगों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था नहीं करती है, तो आने वाले समय में बड़ा आंदोलन होगा। जिसमें काफी क्षति होगी और इसकी सारी जवाबदेही राज्य सरकार और जिला प्रशासन की होगी। उन्होंने सुप्रीमकोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि अगर लोग वन विभाग की जमीन में रह भी रहे हैं तो पहले विभाग को लोगों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए। इसके बाद ही उनके घरों को थोड़ा जाना चाहिए ल। लेकिन सरकार जबरन लोगों के घरों को खाली कराने में लगी है।
वहीं उन्होंने पटना में युवती के साथ हुए गैंगरेप के मामले पर कहा कि ये बहुत ही शर्मनाक घटना है। सरकार इस तरह की घटनाओं को रोक पाने में पूरी तरह विफल है। ऐसा लगता है मानो अपराधियों को सरकार ने खुली छूट दे रखी है। उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसे मामलों के लिए एक्सक्लूसिव कोर्ट का गठन करना चाहिए। जिसमें दुष्कर्म की घटनाओं से संबंधित मामले को एक से डेढ़ महीने के अंदर निपटारा कर दोषियों को सजा देने का प्रावधान होना चाहिए।
जीतन राम मांझी ने कहा कि आज के ट्रेड यूनियन के भारत बंद के आह्वान को हमारी पार्टी भी समर्थन दे रही है। उन्होंने कहा कि आज पूरी तरह से सरकार बैंकों का निजीकरण कर रही है। सिर्फ बैंकों का ही नहीं बल्कि सभी क्षेत्र में निजीकरण किया जा रहा है। इससे आने वाले समय में बेरोजगारी बढ़ेगी।

बाइट- जीतन राम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री, बिहार सरकार।

रिपोर्ट- प्रदीप कुमार सिंह
गया ।



Conclusion:बिहार सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जल-जीवन और हरियाली एवं हरित क्रांति के नाम पर जंगलों और पहाड़ों में रहने वाले लोगों को बेघर किया जा रहा है। उनके घरों को जबरन खाली कराया जा रहा है। जिस कारण ग्रामीणों में सरकार के प्रति आक्रोश है। अगर इसे जल्द ही नहीं रोका गया तो एक बड़ा आंदोलन होगा। जिसकी जवाबदेही राज्य सरकार की होगी। वहीं पटना में युवती के साथ हुए गैंगरेप की घटना पर कहा कि इस तरह की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सरकार कोई एक्सक्लुसिव कोर्ट का गठन करना चाहिए और आरोपियों को एक से डेढ़ महीने के अंदर ही सजा देने का प्रावधान होना चाहिए।
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