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कांग्रेस प्रत्याशी के आरोप पर भाजपा का जवाब, प्रेम कुमार के खिलाफ कोई वारंट नहीं

30 वर्षों से विधायक रहे कृषि मंत्री प्रेम कुमार पर जीआरपी में कांड संख्या 92/ 2004 दर्ज है. 1991 से उन पर वारंट जारी है. जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा जारी वारंट के बाद यह अंडरग्राउंड भी हो गए थे.

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Published : Oct 10, 2020, 8:28 AM IST

प्रेम कुमार
प्रेम कुमार

गयाः बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर प्रत्याशियों का नामांकन और स्कूटनी हो गई है. अब प्रत्याशी चुनावी मैदान में आकर एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप कर रहे हैं. कांग्रेस प्रत्याशी मोहन श्रीवास्तव ने आरोप लगाया है कि भाजपा प्रत्याशी प्रेम कुमार के खिलाफ कोर्ट से वारंट जारी है. उनका नामांकन रद्द होना चाहिए.

वहीं, भाजपा ने कांग्रेस प्रत्याशी के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि प्रेम कुमार के खिलाफ कोई गंभीर मुकदमा दर्ज नहीं है. यह झूठा आरोप है जिसकी पुष्टि जल्द हो जाएगी.

मंच पर बैठे भाजपा नेता
मंच पर बैठे भाजपा नेता

प्रेम कुमार का नामांकन रद्द करने की मांग
दरअसल गया नगर निगम के डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव गया नगर विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर भाजपा के खिलाफ मैदान में उतरे हैं. चुनावी मैदान में उतरते ही मोहन श्रीवास्तव ने नगर विधानसभा के भाजपा प्रत्याशी प्रेम कुमार पर जोरदार हमला बोला है. साथी ही प्रेम कुमार का नामांकन रद्द करवाने के लिए जिला निर्वाचन पदाधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा है.

2014 में हुआ था प्रेम कुमार पर केस
कांग्रेस प्रत्याशी मोहन श्रीवास्तव के इन आरोपों को भाजपा ने प्रेस वार्ता कर खारिज कर दिया है. भाजपा नेता मुकेश कुमार ने कहा जिसके कर्मों से गया जी बदनाम हुआ था वैसा व्यक्ति चुनावी मैदान में आया है. यह व्यक्ति छोटे केस को बढ़ा चढ़ाकर बोल रहा है. जन आंदोलन के वक़्त गया जंक्शन पर केस हुआ था.

ये केस 2014 में हुआ था उस वक़्त से लेकर आज तक एक भी नोटिस नहीं आया. जबकि 2015 का विधानसभा चुनाव लड़े, दो सालों तक विपक्षी दल के नेता रहे. तीन साल से नेता हैं. इन पांच सालों हमारे पास कोई वारंट का जानकारी नहीं आई है.

बयान देते वकील

ये भी पढ़ेंः पूर्णिया: स्कार्पियो से 40 लाख रुपये कैश जब्त, एक शख्स गिरफ्तार

'न्यायालय से वारंट की नोटिस नहीं आई'
भाजपा नेता मुकेश कुमार ने कहा कि जिस मुकदमा का जिक्र किया गया है वो मुकदमा में बेल मिल जाती है. उनका आरोप है कि नामांकन रद्द कर दिया जाए , हमारे प्रत्याशी ने 6 मुकदमा का जिक्र नामांकन के हलफनामा में किया है. जिसमे इस मुकदमा का जिक्र है, इसमें वारंट का जानकारी नहीं दी गई है क्योंकि न्यायालय से निजी और सरकारी आवास पर कभी वारंट की नोटिस नहीं आई.

प्रेम कुमार पर 1991 से जारी है वारंट
बता दें कि गया शहर के नगर विधानसभा से 30 वर्षों से विधायक रहे कृषि मंत्री प्रेम कुमार पर जीआरपी में कांड संख्या 92/ 2004 दर्ज है. 1991 से उन पर वारंट जारी है. 6 मामले लंबित हैं. जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा जारी वारंट के बाद यह अंडरग्राउंड भी हो गए थे.

गयाः बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर प्रत्याशियों का नामांकन और स्कूटनी हो गई है. अब प्रत्याशी चुनावी मैदान में आकर एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप कर रहे हैं. कांग्रेस प्रत्याशी मोहन श्रीवास्तव ने आरोप लगाया है कि भाजपा प्रत्याशी प्रेम कुमार के खिलाफ कोर्ट से वारंट जारी है. उनका नामांकन रद्द होना चाहिए.

वहीं, भाजपा ने कांग्रेस प्रत्याशी के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि प्रेम कुमार के खिलाफ कोई गंभीर मुकदमा दर्ज नहीं है. यह झूठा आरोप है जिसकी पुष्टि जल्द हो जाएगी.

मंच पर बैठे भाजपा नेता
मंच पर बैठे भाजपा नेता

प्रेम कुमार का नामांकन रद्द करने की मांग
दरअसल गया नगर निगम के डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव गया नगर विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर भाजपा के खिलाफ मैदान में उतरे हैं. चुनावी मैदान में उतरते ही मोहन श्रीवास्तव ने नगर विधानसभा के भाजपा प्रत्याशी प्रेम कुमार पर जोरदार हमला बोला है. साथी ही प्रेम कुमार का नामांकन रद्द करवाने के लिए जिला निर्वाचन पदाधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा है.

2014 में हुआ था प्रेम कुमार पर केस
कांग्रेस प्रत्याशी मोहन श्रीवास्तव के इन आरोपों को भाजपा ने प्रेस वार्ता कर खारिज कर दिया है. भाजपा नेता मुकेश कुमार ने कहा जिसके कर्मों से गया जी बदनाम हुआ था वैसा व्यक्ति चुनावी मैदान में आया है. यह व्यक्ति छोटे केस को बढ़ा चढ़ाकर बोल रहा है. जन आंदोलन के वक़्त गया जंक्शन पर केस हुआ था.

ये केस 2014 में हुआ था उस वक़्त से लेकर आज तक एक भी नोटिस नहीं आया. जबकि 2015 का विधानसभा चुनाव लड़े, दो सालों तक विपक्षी दल के नेता रहे. तीन साल से नेता हैं. इन पांच सालों हमारे पास कोई वारंट का जानकारी नहीं आई है.

बयान देते वकील

ये भी पढ़ेंः पूर्णिया: स्कार्पियो से 40 लाख रुपये कैश जब्त, एक शख्स गिरफ्तार

'न्यायालय से वारंट की नोटिस नहीं आई'
भाजपा नेता मुकेश कुमार ने कहा कि जिस मुकदमा का जिक्र किया गया है वो मुकदमा में बेल मिल जाती है. उनका आरोप है कि नामांकन रद्द कर दिया जाए , हमारे प्रत्याशी ने 6 मुकदमा का जिक्र नामांकन के हलफनामा में किया है. जिसमे इस मुकदमा का जिक्र है, इसमें वारंट का जानकारी नहीं दी गई है क्योंकि न्यायालय से निजी और सरकारी आवास पर कभी वारंट की नोटिस नहीं आई.

प्रेम कुमार पर 1991 से जारी है वारंट
बता दें कि गया शहर के नगर विधानसभा से 30 वर्षों से विधायक रहे कृषि मंत्री प्रेम कुमार पर जीआरपी में कांड संख्या 92/ 2004 दर्ज है. 1991 से उन पर वारंट जारी है. 6 मामले लंबित हैं. जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा जारी वारंट के बाद यह अंडरग्राउंड भी हो गए थे.

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