गया: बोधगया के कालचक्र मैदान में बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा ने अपने पांच दिवसीय प्रवचन के अंतिम दिन प्रवचन दिया. जहां सभी श्रद्धालुओं ने उन्हें ध्यान मग्न होकर सुना.
बता दें कि आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा का प्रवचन सुनने के लिए करीब 35 हजार बौद्ध श्रद्धालु कालचक्र मैदान में पहुंचे हैं. वहीं, प्रवचन के विशेष शैक्षणिक सत्र में भूटान, नेपाल, तिब्बत, अमेरिका, जापान, रूस, इंडोनेशिया, जर्मनी और थाईलैंड सहित 47 देशों के बौद्ध श्रद्धालु शामिल हुए.
'कोई यहां बिजनेस करने नहीं आया है'
प्रवचन के दौरान धर्मगुरु दलाई लामा ने कहा कि बोधगया के पवित्र पावन भूमि पर सभी उपासक हजारों की संख्या में पहुंचे हैं. जहां वे प्रवचन सुनने और शांति के लिए आए हैं. वे कोई बिजनेस करने नहीं आए हैं. भगवान बुद्ध से जिन लोगों ने ज्ञान प्राप्त किया, वो सभी अपने-अपने इष्ट देव को याद कर साधना करने आए हैं.
'पर्यावरण को बचाना जरूरी'
दलाई लामा ने कहा कि तिब्बतियों में तंत्र विद्या काफी फैली हुई है. वे अपने कर्मों के लिए अलग-अलग अनुष्ठान करते हैं. वहीं, चीन से सबसे अधिक बौद्ध भिक्षु आए हैं. उन्होंने कहा कि दुनिया में अशांति फैली हुई है. अमेरिका, ब्राजील और ऑस्ट्रेलिया में आग से बहुत सारे जीव मर गए. इसके अलावा ताप बढ़ने से मनुष्यों की मौत हो रही है. ऐसे में पर्यावरण को बचाना बहुत जरूरी है.