गया: बिहार में इस महीने चार बम ब्लास्ट (Bomb Blast) और आतंकी गतिविधि होने पर गया पुलिस प्रशासन अलर्ट है. महाबोधि मंदिर (Mahabodhi Temple) की सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण करने सिटी एसपी राकेश कुमार पहुंचे थे. उन्होंने सीसीटीवी और स्कैनर का भी बारीकी से निरीक्षण किया. हालांकि, अभी कोरोना संक्रमण (Corona Infection) को लेकर मंदिर में आम श्रद्धालुओं पर रोक है और मंदिर के पुजारी ही सुबह में पूजा अर्चना करते हैं.
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महाबोधि में पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था
दरअसल, महाबोधि मंदिर भी आतंकियों के निशाने पर रहा है. महाबोधि मंदिर के अंदर और बाहर करीब 300 बीएमपी के जवानों की तैनाती हमेशा रहती है. सिटी एसपी राकेश कुमार के मुताबिक मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ है. सुरक्षा के मद्देनजर ही निरीक्षण किया गया था. समय-समय पर वरीय अधिकारियों के द्वारा निरीक्षण किया जाता है.
''मंदिर में सुरक्षा-व्यवस्था की जांच करने आया था. सुरक्षा में बीएमपी की पांच कंपनियां पहले से तैनात हैं. समय-समय पर सुरक्षा की बारीकी से जांच की जाती है. इसके लिए मंदिर सुरक्षा हेतु इंस्पेक्टर रैंक के पदाधिकारी को लगाया गया है. खुद डीएसपी और थानाध्यक्ष भी प्रतिदिन सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेते हैं. बीटीएमसी के द्वारा मंदिर परिसर के द्वार पर एक बैग स्केनर लगाया गया है. मंदिर की सुरक्षा में 24 घंटे जवान तैनात हैं.''- राकेश कुमार, सिटी एसपी
सुरक्षा में बीएमपी की 5 कंपनियां तैनात
बहरहाल, मंदिर बंद होने के कारण श्रद्धालुओं का आवागमन बंद है. फिर भी गया पुलिस मंदिर की सुरक्षा में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है. यही वजह है कि बीएमपी की कुल पांच कंपनियों को महाबोधि मंदिर की सुरक्षा में लगाया गया है. जवानों के अलावा तीसरी आंख से भी नजर रखने के लिए मंदिर परिसर के अंदर और बाहर दर्जनों सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं.
पहले भी बम प्लांट कर चुके हैं आतंकी
बता दें कि शांति और ज्ञान की भूमि महाबोधि मंदिर परिसर में सीरियल बम ब्लास्ट साल 2013 में हुआ था. इसमें बौद्ध भिक्षु जख्मी हुए थे. बम ब्लास्ट के तार रोहिंग्या से जुड़ा हुआ बताया गया था. उस समय सीरियल बम ब्लास्ट की जांच एनआईए को दी गई थी. जांचोपरांत एनआईए ने पश्चिम बंगाल के अलग-अलग स्थानों से कई आतंकियों को दबोचा था. उसके बाद एक बार फिर 2018 में आतंकियों के निशाने पर बोधगया था. उस वक्त कोई घटना तो नहीं हुई थी, लेकिन मंदिर परिसर से बम बरामद हुए थे.
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आतंकियों के लिए गया सेफ जोन
आतंकियों के लिए गया सेफ जोन हैं. अहमदाबाद बम ब्लास्ट का मुख्य आरोपी तौसीफ गया में कई सालों से रह रहा था. उसकी गिरफ्तारी गया शहर के राजेंद्र आश्रम से हुई थी. वहीं, 2019 में प्रतिबंधित आतंकी संगठन का भारत प्रमुख गया के मानपुर क्षेत्र से पकड़ाया था, इसके दो सहयोगी भागने में सफल हो गए थे. ये सभी गया में कपड़ा फेरी का काम करते थे. इसके अलावा इन सभी की निशानदेही पर कई आतंकी गया से पकड़े गए थे.