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Smriti Van Gaya: पूर्वजों के सम्मान में रोप सकेंगे यहां पौधे, नेम प्लेट और पूरा एड्रेस रखा जाएगा सुरक्षित - World Environment Day

गया में पिंडदान के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. ऐसे में वन विभाग ने विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर बड़ी पहल की गई है. स्मृति वन में अब कोई भी अपने पितरों की याद में एक पेड़ लगा सकता है. इस पेड़ में एक शिलापट्ट लगा होगा जिसमें पूर्वज का नाम से लेकर पता और अन्य जानकारी होगी. पढ़ें पूरी खबर

Smriti Van Gaya
Smriti Van Gaya
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Published : Jun 5, 2023, 5:20 PM IST

पूर्वजों की याद में लगाए गए पौधे

गया: बिहार के गया में स्थित ब्रह्मा वन में स्मृति वन है. यह करीब 3 एकड़ के दायरे में फैला हुआ है. स्मृति वन में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पूर्वजों की याद में पौधे लगाए गए. फॉरेस्ट प्लस टू योजना के तहत इस तरह की पहल वन विभाग के द्वारा शुरू की गई है.

पढ़ें- World Environment Day: पर्यावरण दिवस पर नीतीश कुमार ने किया पौधारोपण, CM आवास में लगाए आम के पौधे

पूर्वजों की याद में लगाए गए पौधे: ब्रह्म वन स्थित स्मृति वन में सोमवार को पूर्वजों की याद में सैकड़ों पौधे लगाए गए. विधिवत पूजन के साथ यह आरंभ हुआ. यहां इसे लगाने वाले और जिस पूर्वज की याद में यह लगाई जा रही है, उनका पूरा एड्रेस वहां पर नेम प्लेट लगाकर लिखा जाएगा. इस तरह अपने पूर्वजों को याद भी लोग रख सकेंगे.

लगाए जा रहे ये पौधे: पूर्वजों की याद में यहांं वट, पीपल, अशोक, नीम आदि के पौधे लगाए जा रहे हैं. वहीं दिल्ली से आए वन विभाग के रिटायर वरीय अधिकारी ने बताया कि यहां हम पूर्वजों की याद में पौधे लगाने आए हैं. वहीं यहां जीवित लोग और शादी करने वाले भी पौधे लगा सकते हैं, ऐसी योजना हमारी है. पूर्वजों की याद में पौधे लगाना बड़ा सुकून का काम है.

देशभर के लोग कर सकते हैं संपर्क: गया के स्मृति वन में देशभर के लोग संपर्क कर अपने पूर्वजों के नाम पर पौधा लगाने का काम कर सकते हैं. इसके लिए व्हाट्सएप नंबर भी जारी किया जाएगा. वहीं इस संबंध में डीएफओ मगध प्रमंडल राजीव रंजन ने बताया कि हमें वृक्षों में पूर्वजों को देखना चाहिए. इससे पर्यावरण संरक्षण को काफी बढ़ावा मिलेगा.

"हम एक व्हाट्सएप नंबर जारी करेंगे जिसमें लोग अपने पितरों के पूरे डिटेल दे सकते हैं. सरकार की ओर से शुल्क निर्धारित होगी. डिटेल के आधार पर हम एक शिलापट्टा बनवाकर पेड़ लगाएंगे. स्मृति वन के रूप में यह महत्वपूर्ण शुरुआत है. गया पिंडदान के लिए जाना जाता है, अब पितरों के नाम पर पौधे पर भी लगाए जा सकेंगे और पितरों की छाया मिलती रहेगी."- राजीव रंजन, डीएफओ, गया

फॉरेस्ट प्लस टू योजना के तहत बड़ी पहल: फॉरेस्ट प्लस टू योजना के तहत इस तरह की बड़ी पहल की जा रही है. इस तरह की योजनाओं से पर्यावरण संरक्षण को लेकर लोगों में जागरूकता आएगी और पर्यावरण को संतुलित करने में मदद मिलेगी. फिलहाल में अभी लोग व्यापक तौर पर पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूक नहीं है, ऐसे में इस तरह की जमीनी पहल बड़ा कदम साबित हो सकती है.

"5 जून विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन गया में बहुत अच्छा काम शुरू हुआ है. स्मृति वन में हम अपने पूर्वजों और स्वजनों के जन्मदिन आदि के मौके पर पौधा लगा सकते हैं. गया के वन विभाग की भूमिका सराहनीय है."- संजीव पांडे, रिटायर पदाधिकारी, वन विभाग

ब्रह्मयोनि पहाड़ से जुड़ा है स्मृति वन: स्मृति वन ब्रह्मयोनि पहाड़ की श्रृंखला से जुड़ा हुआ है. ब्रहमयोनि पहाड़ का जुड़ाव भगवान ब्रह्मा से है और इसे लेकर कई प्रकार की कथाएं प्रचलित हैं. ऐसे में पितरों के मोक्ष की कामना के लिए देशभर से आने वाली तीर्थ यात्रियों को भी स्मृति वन में एक पौधा लगाने को लेकर वन विभाग द्वारा जागरूक किया जा रहा है.

"वन विभाग ने बहुत अच्छा काम किया है. तय हुआ है कि लोगों से आग्रह किया जाएगा कि आने वाले यात्री यहां आकर एक पेड़ जरूर लगाएं." मणिलाल बारिक, स्मृति वन में पेड़ लगाने वाले शख्स

पूर्वजों की याद में लगाए गए पौधे

गया: बिहार के गया में स्थित ब्रह्मा वन में स्मृति वन है. यह करीब 3 एकड़ के दायरे में फैला हुआ है. स्मृति वन में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पूर्वजों की याद में पौधे लगाए गए. फॉरेस्ट प्लस टू योजना के तहत इस तरह की पहल वन विभाग के द्वारा शुरू की गई है.

पढ़ें- World Environment Day: पर्यावरण दिवस पर नीतीश कुमार ने किया पौधारोपण, CM आवास में लगाए आम के पौधे

पूर्वजों की याद में लगाए गए पौधे: ब्रह्म वन स्थित स्मृति वन में सोमवार को पूर्वजों की याद में सैकड़ों पौधे लगाए गए. विधिवत पूजन के साथ यह आरंभ हुआ. यहां इसे लगाने वाले और जिस पूर्वज की याद में यह लगाई जा रही है, उनका पूरा एड्रेस वहां पर नेम प्लेट लगाकर लिखा जाएगा. इस तरह अपने पूर्वजों को याद भी लोग रख सकेंगे.

लगाए जा रहे ये पौधे: पूर्वजों की याद में यहांं वट, पीपल, अशोक, नीम आदि के पौधे लगाए जा रहे हैं. वहीं दिल्ली से आए वन विभाग के रिटायर वरीय अधिकारी ने बताया कि यहां हम पूर्वजों की याद में पौधे लगाने आए हैं. वहीं यहां जीवित लोग और शादी करने वाले भी पौधे लगा सकते हैं, ऐसी योजना हमारी है. पूर्वजों की याद में पौधे लगाना बड़ा सुकून का काम है.

देशभर के लोग कर सकते हैं संपर्क: गया के स्मृति वन में देशभर के लोग संपर्क कर अपने पूर्वजों के नाम पर पौधा लगाने का काम कर सकते हैं. इसके लिए व्हाट्सएप नंबर भी जारी किया जाएगा. वहीं इस संबंध में डीएफओ मगध प्रमंडल राजीव रंजन ने बताया कि हमें वृक्षों में पूर्वजों को देखना चाहिए. इससे पर्यावरण संरक्षण को काफी बढ़ावा मिलेगा.

"हम एक व्हाट्सएप नंबर जारी करेंगे जिसमें लोग अपने पितरों के पूरे डिटेल दे सकते हैं. सरकार की ओर से शुल्क निर्धारित होगी. डिटेल के आधार पर हम एक शिलापट्टा बनवाकर पेड़ लगाएंगे. स्मृति वन के रूप में यह महत्वपूर्ण शुरुआत है. गया पिंडदान के लिए जाना जाता है, अब पितरों के नाम पर पौधे पर भी लगाए जा सकेंगे और पितरों की छाया मिलती रहेगी."- राजीव रंजन, डीएफओ, गया

फॉरेस्ट प्लस टू योजना के तहत बड़ी पहल: फॉरेस्ट प्लस टू योजना के तहत इस तरह की बड़ी पहल की जा रही है. इस तरह की योजनाओं से पर्यावरण संरक्षण को लेकर लोगों में जागरूकता आएगी और पर्यावरण को संतुलित करने में मदद मिलेगी. फिलहाल में अभी लोग व्यापक तौर पर पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूक नहीं है, ऐसे में इस तरह की जमीनी पहल बड़ा कदम साबित हो सकती है.

"5 जून विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन गया में बहुत अच्छा काम शुरू हुआ है. स्मृति वन में हम अपने पूर्वजों और स्वजनों के जन्मदिन आदि के मौके पर पौधा लगा सकते हैं. गया के वन विभाग की भूमिका सराहनीय है."- संजीव पांडे, रिटायर पदाधिकारी, वन विभाग

ब्रह्मयोनि पहाड़ से जुड़ा है स्मृति वन: स्मृति वन ब्रह्मयोनि पहाड़ की श्रृंखला से जुड़ा हुआ है. ब्रहमयोनि पहाड़ का जुड़ाव भगवान ब्रह्मा से है और इसे लेकर कई प्रकार की कथाएं प्रचलित हैं. ऐसे में पितरों के मोक्ष की कामना के लिए देशभर से आने वाली तीर्थ यात्रियों को भी स्मृति वन में एक पौधा लगाने को लेकर वन विभाग द्वारा जागरूक किया जा रहा है.

"वन विभाग ने बहुत अच्छा काम किया है. तय हुआ है कि लोगों से आग्रह किया जाएगा कि आने वाले यात्री यहां आकर एक पेड़ जरूर लगाएं." मणिलाल बारिक, स्मृति वन में पेड़ लगाने वाले शख्स

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