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बॉलीवुड गायिका पलक मुच्छल बिहार की सादगी की हुई कायल, भोजपुरी में सुनाया गाना

पलक मुच्छल बताती हैं कि यूं तो वे कई बार बिहार आ चुकी हैं. लेकिन, ज्यादा घूम नहीं पाई हैं. हर बार वे कार्यक्रम के लिए आती हैं और समय की कमी के कारण लौटना पड़ता है. लेकिन, इस बार वे मंदिरों में जरूर घूमेंगी.

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Published : Jan 31, 2020, 9:52 PM IST

Updated : Feb 1, 2020, 9:05 AM IST

गया: विश्व प्रसिद्ध बौद्ध महोत्सव में हिस्सा लेने के लिए बॉलीवुड की मशहूर सिंगर पलक मुच्छल बोधगया पहुंची हैं. वे इस महोत्सव में अपनी गायिकी के जरिए लोगों का मन मोहा. पलक मुच्छल से ईटीवी भारत संवाददाता ने खास बातचीत की. जिसमें उन्होंने बताया कि वे बिहार की सादगी की कायल हैं.

सिंगर पलक मुच्छल ने कहा कि उन्हें बिहार आना अच्छा लगता है. यहां के लोग और प्रकृति में जो सादगी है वह उन्हें काफी भाती है. पलक बताती हैं कि यूं तो वे कई बार बिहार आ चुकी हैं. लेकिन, ज्यादा घूम नहीं पाई हैं. हर बार वे कार्यक्रम के लिए आती हैं और समय की कमी के कारण लौटना पड़ता है. लेकिन, इस बार वे मंदिरों में जरूर घूमेंगी.

ईटीवी भारत से पलक मुच्छल की खास बात

'मेरे साथ मेरे परिवार वाले भी थे उत्सुक'
पलक मुच्छल ने बताया कि 'मैंने बोधगया के बारे बहुत सुना था. जब यहां आने का तय हुआ तो मैं और मेरी फैमिली सभी काफी उत्सुक थे. बोधगया का महत्व हर भारतीय जानता है. यहां के धर्मिक महत्व से हम भी वाकिफ थे. उन्होंने बताया कि उनके भाई पालश मुच्छल ने दादाजी का विष्णुपद पिंडदान भी किया है'.

ये भी पढ़ें: मिलिए बिहार की इस 'मशरूम लेडी' से, स्पॉन से सलाना हो रही लाखों की इनकम

बिहार से निकले हैं कई धुरंधर- पलक
बिहार के लोगों के बारे में चर्चा के दौरान पलक ने कहा कि बिहार में काफी टैलेंट है. यहां कला के क्षेत्र से काफी अचीवर्स निकले हैं. अब तो इस क्षेत्र में काफी प्रगति हुई है. बता दें कि पलक सामाजिक क्षेत्र बहुत कार्य करती हैं. उनका विशेष कार्य ह्रदय रोग ग्रसित मरीजों के लिए होता हैं. ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान पलक ने भोजपुरी में एक बहुत ही सुंदर गीत भी दर्शकों को सुनाया.

गया: विश्व प्रसिद्ध बौद्ध महोत्सव में हिस्सा लेने के लिए बॉलीवुड की मशहूर सिंगर पलक मुच्छल बोधगया पहुंची हैं. वे इस महोत्सव में अपनी गायिकी के जरिए लोगों का मन मोहा. पलक मुच्छल से ईटीवी भारत संवाददाता ने खास बातचीत की. जिसमें उन्होंने बताया कि वे बिहार की सादगी की कायल हैं.

सिंगर पलक मुच्छल ने कहा कि उन्हें बिहार आना अच्छा लगता है. यहां के लोग और प्रकृति में जो सादगी है वह उन्हें काफी भाती है. पलक बताती हैं कि यूं तो वे कई बार बिहार आ चुकी हैं. लेकिन, ज्यादा घूम नहीं पाई हैं. हर बार वे कार्यक्रम के लिए आती हैं और समय की कमी के कारण लौटना पड़ता है. लेकिन, इस बार वे मंदिरों में जरूर घूमेंगी.

ईटीवी भारत से पलक मुच्छल की खास बात

'मेरे साथ मेरे परिवार वाले भी थे उत्सुक'
पलक मुच्छल ने बताया कि 'मैंने बोधगया के बारे बहुत सुना था. जब यहां आने का तय हुआ तो मैं और मेरी फैमिली सभी काफी उत्सुक थे. बोधगया का महत्व हर भारतीय जानता है. यहां के धर्मिक महत्व से हम भी वाकिफ थे. उन्होंने बताया कि उनके भाई पालश मुच्छल ने दादाजी का विष्णुपद पिंडदान भी किया है'.

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बिहार से निकले हैं कई धुरंधर- पलक
बिहार के लोगों के बारे में चर्चा के दौरान पलक ने कहा कि बिहार में काफी टैलेंट है. यहां कला के क्षेत्र से काफी अचीवर्स निकले हैं. अब तो इस क्षेत्र में काफी प्रगति हुई है. बता दें कि पलक सामाजिक क्षेत्र बहुत कार्य करती हैं. उनका विशेष कार्य ह्रदय रोग ग्रसित मरीजों के लिए होता हैं. ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान पलक ने भोजपुरी में एक बहुत ही सुंदर गीत भी दर्शकों को सुनाया.

Intro:बॉलीवुड सिंगर पलक मुच्छल आज रात बौद्ध महोत्सव में अपना गाने का प्रस्तुति देगी, पलक मुच्छल से ईटीवी भारत से बातचीत में कहा बिहार के लोगो की सादगी देखकर मुझे बहुत अच्छा लगा।


Body:पार्श्व गायिका पलक मुच्छल अपने भाई पलास मुच्छल के साथ बौद्ध महोत्सव के आखिरी दिन अपना प्रस्तुति देने आयी हैं। दो दिन से गया में आयी पलक मुच्छल ने गया के कई जगहों पर घूमी हैं घूमने के दौरान उनको बिहार के लोगो के सबसे अच्छी सादगी लगी वही पलास अपने दादाजी का पिंडदान करने विष्णुपद मंदिर गये थे वहां के स्वच्छता को देख वो कायल होंगे।

दोनो फेम सिंगर से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की , खास बातचीत की शुरुआत गया के धार्मिक स्थल के एहसास हुआ , पलक ने बताया बहुत सुना था बोधगया के बारे में , मैं और मेरी फैमिली बोधगया आने के लिए उत्सुकत थे। इस जगह का महत्व हर भारतीय जानता है। यहां के धर्मिक महत्व से हम वाकिफ थे। मेरे भाई पालस ने दादाजी का विष्णुपद पिंडदान भी किया है। बौद्ध महोत्सव में आना हमारे लिए एक मौका जैसा है।

आगे पलक ने बिहार के लोगो के बारे में चर्चा की वो बिहार के लोगो के सादगी से प्रभावित दिखी उन्होंने कहा मैं बिहार आती रहती हूं यहां कला के क्षेत्र से काफी अचीवर्स निकले हैं। इस क्षेत्र में काफी प्रगति हुआ हैं। बिहार के मिट्टी की खुशबू ,यहां का अपनापन और यहां के सादगी मेरे लिए काफी मायने रखता है।

पलक सामाजिक क्षेत्र बहुत कार्य करती हैं उनका विशेष कार्य ह्रदय रोग ग्रसित मरीजो के लिए होता हैं। समाजिक कार्य को लेकर कहती हैं मेरे थोड़े से मदद से किसी के चेहरे पर खुशी दिखता हैं इसके लिए मैं ये कार्य करता हूँ यही मुझे और काम करने का बढ़ावा देता हैं।


Conclusion:पलक मुच्छल के पलास मुच्छल भी साथ बौद्ध महोत्सव में प्रस्तुति देने आए उन्होंने गया के विष्णुपद मंदिर और देवघाट की सफाई की तारीफ की ।
Last Updated : Feb 1, 2020, 9:05 AM IST
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