गया: बिहार सरकार के कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने रविवार को उद्यान निदेशालय द्वारा क्रियान्वित सहजन क्षेत्र विस्तार योजना की जानकारी ली. उन्होंने बताया कि मगध प्रमंडल के किसानों के बीच 240 हेक्टेयर में सहजन लगाने के लिए बीज का वितरण किया गया है.
मंत्री डॉ कुमार ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि सहजन एक बहुवर्षीय सब्जी देने वाला पौधा है. इस पौधें के सभी भागों का उपयोग भोजन और औषधी के रुप में किया जाता है. सहजन के फूल, फल एवं पत्तियों का व्यवहार भोजन के रुप में किया जाता है. जबकि इसके छाल, पत्ती, बीज, गोंद एवं जड़ का प्रयोग आयुर्वेदिक दवा बनाने में किया जाता है. सरकार सहजन के पौधे से होने वाले लाभ को देखते हुये इसकी व्यवसायिक खेती को प्रोत्साहित कर रही है.
कई जिलों में किया बीज वितरित
कृषि मंत्री ने बताया कि इसके लिये सहजन की पत्तियों को ड्रायर में सुखाकर उसका पाउडर बनाकर अच्छी कीमत पर बेचने की व्यवस्था भी की गई है. प्रमण्डल के सभी जिलों में योजना अन्तर्गत बीज का वितरण हो गया है. गया, नवादा और औरंगाबाद में 60-60 हेक्टेयर के लिए जबकि जहानाबाद और अरवल में 30-30 हेक्टेयर के बीज वितरित किए गए हैं. इस प्रकार प्रमण्डल में 240 हेक्टेयर में सहजन लगाने के लिये बीज वितरित किया गया है.
74000 रुपये निर्धारित की गई है खेती की लागत
इ. योजना के अन्तर्गत सहजन के एक हेक्टेयर खेती की लागत 74,000 रुपये निर्धारित की गई है. राज्य सरकार इसका 50 प्रतिशत अर्थात 37,000 रुपये प्रति हेक्टेयर अनुदान के रुप में दे रही है. अनुदान दो किस्तों में दिया जाता है. पहले साल 75 प्रतिशत राशि यानी कि 27,750 रुपये प्रति हेक्टेयर दिया जाता है. दूसरे वर्ष लगाये गये पौधों में से 90 प्रतिशत पौधे जीवित रहने पर 25 प्रतिशत बची हुई राशि 9,250 रुपये प्रति हेक्टेयर दिया जाता है.
समूह में सहजन की होगी खेती
मंत्री डॉ कुमार ने कहा कि किसानों के द्वारा उत्पादित सहजन के फलों एवं पत्तियों को बेहतर मार्केट के लिए काम किया जा रहा है. इसके लिए योजना में पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेन्ट की व्यवस्था करते हुये अनुदान पर सोलर कोल्ड रुम, सोलर ड्रायर, प्राईमरी पैक हाउस को सम्मिलित किया गया है. इसके लिये किसानों को समूह में सहजन के कम से कम 30 हेक्टेयर के कलस्टर में खेती करनी होगी.