ETV Bharat / state

गया में है देश का तीसरा स्फटिक शिवलिंग वाला मंदिर, त्रेतायुग में भगवान राम ने यहां की थी पूजा-अर्चना

पटना-गया मुख्य सड़क पर रामशिला पहाड़ के नजदीक रामशिला मंदिर में स्फटिक शिवलिंग की पूजा की जाती है. यह स्फटिक शिवलिंग वाला मंदिर देश में तीसरा है. पहला स्फटिक शिवलिंग रामेश्वरम में और दूसरा जम्मू के रघुनाथ मंदिर में स्थापित है. इस मंदिर का निर्माण टिकारी के महाराज गोपाल शरण ने करवाया था.

author img

By

Published : Jul 23, 2019, 1:42 PM IST

गया में है देश का तीसरा स्फटिक शिवलिंग वाला मंदिर

गया: सावन के समय में भगवान भलेनाथ की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है. इस पूरे महीने भक्त महादेव की भक्ति में लगे रहते हैं. वहीं, पटना-गया मेन रोड पर रामशिला पहाड़ के पास रामशिला मंदिर स्थित है. इस मंदिर में स्फटिक शिवलिंग की पूजा की जाती है. सावन माह में इस मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है.

etv bharat
स्फटिक शिवलिंग

देश का तीसरा स्फटिक शिवलिंग है यहां अवस्थित

गया में भगवान विष्णु के पद के साथ ही भगवान शिव का निरंकार शिवलिंग भी मौजूद है. देश का तीसरा स्फटिक शिवलिंग गया में ही स्थित है. पहला स्फटिक शिवलिंग रामेश्वरम में और दूसरा जम्मू के रघुनाथ मंदिर में और तीसरा यहां रामशिला पहाड़ के पास स्थित है. मान्यता के अनुसार भगवान राम और लक्षमण, माता सीता के साथ जब राजा दशरथ का पिंडदान करने गया पहुंचे थे, उससे पहले इसी शिवलिंग की पूजा करके शिव का ध्यान किया था.

जानकारी देते मंदिर के पुजारी

काफी पुराना है रामशिला मंदिर

मंदिर के बारे में जानकारी देते हुए यहां के पुजारी लक्ष्मण बाबा ने बताया कि ये प्राचीन मंदिर है. लगभग 18वीं शताब्दी पूर्व इस मंदिर का निर्माण करवाया गया था. इस मंदिर का निर्माण टिकारी के महाराज गोपाल शरण ने करवाया था. इस मंदिर में शिव परिवार विराजमान है. साथ ही उन्होंने बताया कि भारत में सिर्फ दो जगहों पर ही मूंगा पत्थर से बने भगवान गणेश की प्रतिमा है. जो भक्तों को काफी आकर्षित करती है. इस मंदिर में राम दरबार भी है. वहीं, मंदिर के सामने रामसरोवर हैं. यहां पिंडदान भी किया जाता है.

भगवान राम ने यहां की थी आराधना

बताया जाता है कि रामशिला पहाड़ पर स्थित पतालकेश्वर शिवलिंग की पूजा करने के बाद भगवान राम ने इसी शिवलिंग की पूजा कर शिव की आराधना की थी. यह शिवलिंग शीतलता का प्रतीक है. सावन में यहां काफी भीड़ लगती है.

गया: सावन के समय में भगवान भलेनाथ की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है. इस पूरे महीने भक्त महादेव की भक्ति में लगे रहते हैं. वहीं, पटना-गया मेन रोड पर रामशिला पहाड़ के पास रामशिला मंदिर स्थित है. इस मंदिर में स्फटिक शिवलिंग की पूजा की जाती है. सावन माह में इस मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है.

etv bharat
स्फटिक शिवलिंग

देश का तीसरा स्फटिक शिवलिंग है यहां अवस्थित

गया में भगवान विष्णु के पद के साथ ही भगवान शिव का निरंकार शिवलिंग भी मौजूद है. देश का तीसरा स्फटिक शिवलिंग गया में ही स्थित है. पहला स्फटिक शिवलिंग रामेश्वरम में और दूसरा जम्मू के रघुनाथ मंदिर में और तीसरा यहां रामशिला पहाड़ के पास स्थित है. मान्यता के अनुसार भगवान राम और लक्षमण, माता सीता के साथ जब राजा दशरथ का पिंडदान करने गया पहुंचे थे, उससे पहले इसी शिवलिंग की पूजा करके शिव का ध्यान किया था.

जानकारी देते मंदिर के पुजारी

काफी पुराना है रामशिला मंदिर

मंदिर के बारे में जानकारी देते हुए यहां के पुजारी लक्ष्मण बाबा ने बताया कि ये प्राचीन मंदिर है. लगभग 18वीं शताब्दी पूर्व इस मंदिर का निर्माण करवाया गया था. इस मंदिर का निर्माण टिकारी के महाराज गोपाल शरण ने करवाया था. इस मंदिर में शिव परिवार विराजमान है. साथ ही उन्होंने बताया कि भारत में सिर्फ दो जगहों पर ही मूंगा पत्थर से बने भगवान गणेश की प्रतिमा है. जो भक्तों को काफी आकर्षित करती है. इस मंदिर में राम दरबार भी है. वहीं, मंदिर के सामने रामसरोवर हैं. यहां पिंडदान भी किया जाता है.

भगवान राम ने यहां की थी आराधना

बताया जाता है कि रामशिला पहाड़ पर स्थित पतालकेश्वर शिवलिंग की पूजा करने के बाद भगवान राम ने इसी शिवलिंग की पूजा कर शिव की आराधना की थी. यह शिवलिंग शीतलता का प्रतीक है. सावन में यहां काफी भीड़ लगती है.

Intro:गया जिला में विशेष महता वाले शिवलिंग मौजूद है।गया नगर सतयुग काल से है, गया के शिवालय व देवालय गौरवशाली इतिहास को दर्शाता हैं। पटना गया मुख्य मार्ग में रामशिला पहाड़ के तलहटी में स्थित रामशिला शिव मंदिर हैं। रामशिला शिव मंदिर में स्फटिक पत्थर का शिवलिंग हैं त्रेतायुग में भगवान राम इस मंदिर में स्फटिक शिवलिंग का पूजा किये थे। सावन माह में इस मंदिर में अपार भीड़ लगी रहती है।


Body:सनातन धर्म का इतिहास गया के गली गली में है, गया में भगवान विष्णु के पद के साथ ही भगवान शिव निरंकार शिवलिंग भी मौजूद है। भारत देश का तीसरा स्फटिक शिवलिंग गया में स्थित है पहला स्थित शिवलिंग रामेश्वरम दूसरा जम्मू के रघुनाथ मंदिर में और तीसरा रामशिला पहाड़ की तलहटी में है। मान्यता के अनुसार भगवान राम, लक्षमण और माता सीता जब राजा दशरथ का पिंडदान करने गया पहुँची थी उससे पहले इसी शिवलिंग के पूजा करके शिव का ध्यान किया था।

शिवलिंग शीतलता का प्रतीक है स्फटिक शिवलिंग के पास कपूर के आरती दिखाने पर माता पार्वती सहित शिव परिवार औऱ शिव का तीसरा नेत्र के साथ ही बासुकीनाथ का आकृति नजर आता है। मान्यता हैं इस शिवलिंग के पूजा करने से काल सर्प का दोष खत्म हो जाता है। इस मंदिर में सालो श्रदालु दुग्धाभिषेक, जलाभिषेक व रुद्राभिषेक करते रहते हैं।

मंदिर के पुजारी लक्ष्मण बाबा बताते हैं ये प्राचीन मंदिर हैं लगभग 18 वी शताब्दी बनाई गई प्रतीत होती है। इस मंदिर का निर्माण टिकारी महाराज गोपाल शरण लेकर आया था। इस मंदिर में शिव परिवार विराजमान है। खुद भगवान शिव स्फ़टिक पत्थर के शिवलिंग में मौजूद हैं। भारत मे सिर्फ दो जगह मूंगा पत्थर के गणेश जी की प्रतिमा हैं जो भक्तों को आकर्षित करती हैं। मंदिर राम दरबार भी हैं जिसे ठुकरबाड़ी कहते हैं। मंदिर में स्थापित शिवलिंग का पूजा त्रेतायुग में भगवान राम,लक्षमण और माता सीता ने किया था।

रामशिला पहाड़ पर स्थित पतालकेश्वर शिवलिंग के पूजा कर राम जी इस शिवलिंग के पूजा कर शिव का आराधना किया था। मन्दिड के सामने सरोवर में राम जी ने स्नान किया था आज इसे रामसरोवर के नाम से जानते हैं। यहां पिंडदान के लिए वेदी भी हैं। यहां पिंडदान भी किया जाता है।

यह शिवलिंग शीतलता का प्रतीक है सावन में यहां काफी भीड़ लगती है इस शिवलिंग पर दूध चढ़ाने से मन को चंद्रमा के समान शीतलता मिलती है । भक्तों के इस शिवलिंग के प्रति आस्था हैं इस दरबार से कोई खाली नही जाता है।








Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.