गया: सावन के समय में भगवान भलेनाथ की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है. इस पूरे महीने भक्त महादेव की भक्ति में लगे रहते हैं. वहीं, पटना-गया मेन रोड पर रामशिला पहाड़ के पास रामशिला मंदिर स्थित है. इस मंदिर में स्फटिक शिवलिंग की पूजा की जाती है. सावन माह में इस मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है.
देश का तीसरा स्फटिक शिवलिंग है यहां अवस्थित
गया में भगवान विष्णु के पद के साथ ही भगवान शिव का निरंकार शिवलिंग भी मौजूद है. देश का तीसरा स्फटिक शिवलिंग गया में ही स्थित है. पहला स्फटिक शिवलिंग रामेश्वरम में और दूसरा जम्मू के रघुनाथ मंदिर में और तीसरा यहां रामशिला पहाड़ के पास स्थित है. मान्यता के अनुसार भगवान राम और लक्षमण, माता सीता के साथ जब राजा दशरथ का पिंडदान करने गया पहुंचे थे, उससे पहले इसी शिवलिंग की पूजा करके शिव का ध्यान किया था.
काफी पुराना है रामशिला मंदिर
मंदिर के बारे में जानकारी देते हुए यहां के पुजारी लक्ष्मण बाबा ने बताया कि ये प्राचीन मंदिर है. लगभग 18वीं शताब्दी पूर्व इस मंदिर का निर्माण करवाया गया था. इस मंदिर का निर्माण टिकारी के महाराज गोपाल शरण ने करवाया था. इस मंदिर में शिव परिवार विराजमान है. साथ ही उन्होंने बताया कि भारत में सिर्फ दो जगहों पर ही मूंगा पत्थर से बने भगवान गणेश की प्रतिमा है. जो भक्तों को काफी आकर्षित करती है. इस मंदिर में राम दरबार भी है. वहीं, मंदिर के सामने रामसरोवर हैं. यहां पिंडदान भी किया जाता है.
भगवान राम ने यहां की थी आराधना
बताया जाता है कि रामशिला पहाड़ पर स्थित पतालकेश्वर शिवलिंग की पूजा करने के बाद भगवान राम ने इसी शिवलिंग की पूजा कर शिव की आराधना की थी. यह शिवलिंग शीतलता का प्रतीक है. सावन में यहां काफी भीड़ लगती है.