गया: बोधगया धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि दिन मंगलवार से महासंगम पितृपक्ष शुरू हो गया है. लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार के पितृपक्ष में मोक्ष नगरी गया और बोधगया के विभिन्न तीर्थ स्थल में सन्नाटा दिख रहा है. जिससे यहां के पंडा समाज अपनी नाराजगी जताई है.
दरअसल कोरोना की वजह से बिहार सरकार ने इस साल पितृपक्ष मेला स्थगित कर दिया है. सरकार की ओर से यहां के पंडा समाज को भी निर्देश दिए गए हैं. कि वे श्रद्धालुओं को आने से मना कर दें. मेला स्थगित होने से पंडा समाज के साथ ही इस मेला से जुड़े व्यवसायियों के सामने आर्थिक तंगी की स्थिति उत्पन्न हो गई है.
कोरोना के मद्देनजर किया गया फैसला
बता दें कि इस साल सितंबर महीने में विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला का आयोजन होने वाला था. लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए इसे स्थगित कर दिया गया है. हर साल देश-विदेश के तीर्थयात्री पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए गयाजी में पहुंचते हैं और तर्पण कर्मकांड करते हैं. गया शहर के विभिन्न पिंड वेदियों पर पितरों के लिए पिंडदान किया जाता है. लेकिन इस साल कोरोना संक्रमण को लेकर पितृपक्ष मेला का आयोजन स्थगित कर दिया गया.
पंडा समाज पर अर्थिक लॉकडाउन
धर्ममरण मंदिर के मुख्य पुजारी मुद्रिका पाण्डे ने बताया कि इस वर्ष महासंगम पितृपक्ष मेला न होने के कारण हमलोगों को काफी संकट उत्पन्न होने लगी है. यह मेला होने से करीब छह महीने का हमलोगों को अपने परिवार के लिए भोजन की व्यवस्था हो जाती थी. लेकिन इस बार पितृपक्ष मेला स्थगित होने से हम पर बुरा असर पड़ेगा. कई महीनों से मंदिर बंद है जिसके कारण कोई आय नहीं हुई है. अब मेला स्थगित होने से आर्थिक लॉकडाउन हो गया है. सिर्फ पंडा समाज ही नहीं बल्कि ब्राह्मण समाज, हजारों दुकानदार और हजारों फुटकर दुकानदार सीधे तौर पर प्रभावित है.