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गयाः गुरु ने शिष्यों से नहीं ली गुरुदक्षिणा, राशन और कपड़ा किया दान - ration and cloth distribute

धार्मिक नगरी गया में मंत्रालय रामाचार्य वैदिक पाठशाला की तरफ से विद्यार्थियों और गरीब ब्राह्मणों को एक महीने का राशन और वस्त्र दिया गया.

वस्त्र वितरित करते आचार्य
वस्त्र वितरित करते आचार्य
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Published : Jan 6, 2021, 7:47 AM IST

गयाः गुरु-शिष्य परंपरा के तहत गुरुदक्षिणा देने की परंपरा है. लेकिन कोरोना काल में आर्थिक मंदी को देखते हुए बिहार की धार्मिक नगरी गया में एक गुरु ने शिष्यों से गुरुदक्षिणा लेने की बजाए, उन्हें अपनी जमापूंजी से एक माह के राशन के साथ वस्त्र भी भेंट किया. ताकि कोरोना संकट में इन्हें खाने-पीने की दिक्कत न हो.

राशन और वस्त्र किये गये वितरित

दरअसल, विष्णुपद मंदिर स्थित मंत्रालय रामाचार्य वैदिक पाठशाला के तत्वावधान में बाईपास रोड हनुमान मंदिर में वैदिक पाठशाला के ब्राह्मण विद्यार्थियों और उनके माता-पिता के बीच अन्नदान एवं वस्त्रदान वितरित किए. इस दौरान वैदिक पाठशाला के राजा आचार्य ने बताया कि इस वर्ष कोरोना वायरस के चलते ब्राह्मण समुदाय आर्थिक तंगी से पीड़ित रहे. गया क्षेत्र में इनकी आमदनी तीर्थयात्रियों के आगमन पर ही निर्भर रहती है. इस वर्ष तीर्थयात्री नहीं आये जिसकी वजह से इन्हें आर्थिक परेशानी हो रही है. इसीलिए मंत्रालय रामाचार्य वैदिक पाठशाला ने यह प्रयास किया है कि ब्राह्मणों एवं विद्यार्थियों को थोड़ी मदद की जाए.

अ
बच्चों के बीच राशन वितरण

निशुल्क दी जाती है वैदिक शिक्षा
बता दें मंत्रालय रामाचार्य वैदिक पाठशाला विभिन्न धर्मों और जातियों के लोगों को निशुल्क वैदिक शिक्षा देती है. इस पाठशाला से दर्जनों विदेशी वैदिक शिक्षा ले चुके हैं. आज भी बड़ी संख्या में सभी उम्र के लोग वैदिक व कर्मकांड की शिक्षा लेते हैं.

गयाः गुरु-शिष्य परंपरा के तहत गुरुदक्षिणा देने की परंपरा है. लेकिन कोरोना काल में आर्थिक मंदी को देखते हुए बिहार की धार्मिक नगरी गया में एक गुरु ने शिष्यों से गुरुदक्षिणा लेने की बजाए, उन्हें अपनी जमापूंजी से एक माह के राशन के साथ वस्त्र भी भेंट किया. ताकि कोरोना संकट में इन्हें खाने-पीने की दिक्कत न हो.

राशन और वस्त्र किये गये वितरित

दरअसल, विष्णुपद मंदिर स्थित मंत्रालय रामाचार्य वैदिक पाठशाला के तत्वावधान में बाईपास रोड हनुमान मंदिर में वैदिक पाठशाला के ब्राह्मण विद्यार्थियों और उनके माता-पिता के बीच अन्नदान एवं वस्त्रदान वितरित किए. इस दौरान वैदिक पाठशाला के राजा आचार्य ने बताया कि इस वर्ष कोरोना वायरस के चलते ब्राह्मण समुदाय आर्थिक तंगी से पीड़ित रहे. गया क्षेत्र में इनकी आमदनी तीर्थयात्रियों के आगमन पर ही निर्भर रहती है. इस वर्ष तीर्थयात्री नहीं आये जिसकी वजह से इन्हें आर्थिक परेशानी हो रही है. इसीलिए मंत्रालय रामाचार्य वैदिक पाठशाला ने यह प्रयास किया है कि ब्राह्मणों एवं विद्यार्थियों को थोड़ी मदद की जाए.

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बच्चों के बीच राशन वितरण

निशुल्क दी जाती है वैदिक शिक्षा
बता दें मंत्रालय रामाचार्य वैदिक पाठशाला विभिन्न धर्मों और जातियों के लोगों को निशुल्क वैदिक शिक्षा देती है. इस पाठशाला से दर्जनों विदेशी वैदिक शिक्षा ले चुके हैं. आज भी बड़ी संख्या में सभी उम्र के लोग वैदिक व कर्मकांड की शिक्षा लेते हैं.

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