गयाः बिहार के पटना में किसान मजदूर समागम (Kisan Mazdoor Samagam in Patna) की तैयारी जारी है. 25 फरवरी सहजानंद सरस्वती जयंती के मौके पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. जिसको लेकर किसानों को एक करने के लिए भाजपा जुटी हुई है. इस दौरान भाजपा के राज्यसभा सांसद विवेक ठाकुर गया पहुंचे. जहां उन्होंने सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बिहार का समाधान नहीं हो सकता. नीतीश कुमार बिहार तो दूर है, पहले अपनी पार्टी का समाधान करें. उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार किसान-मजदूर विरोधी है.
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"2024 चुनाव की चिंता किसान करेंगे. इस तरह 2024 और 2025 के चुनाव में भाजपा के एजेंडे में मुख्य तौर पर किसान को रखा गया है. नीतीश कुमार से कोई समाधान नहीं हो सकता है. नीतीश कुमार बिहार के बदले अपनी पार्टी का समाधान करे तो बेहतर होगा. समाधान होता तो जीतन राम मांझी अलग यात्रा नहीं निकालते." -विवेक ठाकुर, राज्यसभा सांसद
25 फरवरी को पटना किसान सम्मेलनः विवेक ठाकुर गया पहुंचकर जिले के लोगों को आमंत्रित किया. कहा कि आगामी 25 फरवरी को पटना के बापू सभागार में विशाल किसान-मजदूर समागम और स्वामी सहजानंद स्वामी जयंती समारोह आयोजित है. मुख्य अतिथि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह होंगे. बिहार के बंटवारे के बाद सब कुछ झारखंड में चला गया. बिहार में किसान और कृषि ही बचा. किंतु किसान और कृषि को केंद्र बिंदु मानने का काम सरकार ने कभी नहीं की. देश के प्रगतिशील राज्य को देखें तो वहां किसान-कृषि को मुख्य माना गया है.
विकास के केंद्र बिंदु में कृषि और किसानः बिहार में कृषि और किसानों को उपेक्षित रखा गया है. हरियाणा जैसा छोटा राज्य उद्योग के मामले में पीछे है, लेकिन किसानी की संपदा में बिहार से बहुत आगे हैं. हरियाणा में किसान गर्व से कहते हैं, कि मैं किसान हूं, लेकिन बिहार के किसान भारी मन से यह बात कहते हैं. विवेक ठाकुर ने कहा कि किसान के हित में सोचने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एकमात्र देश के ऐसे नेता हैं, जिन्होंने किसानों के लिए चिंता की. पुराने जमाने में किसान खुशहाल थे. अब उसी स्थिति में लाने के लिए व्यवस्था को परिवर्तित करना होगा. बिहार के विकास के केंद्र बिंदु में कृषि और किसान होंगे.
समाधान यात्रा महज खानापूर्तिः समाधान यात्रा मुख्यमंत्री के अलावा अन्य किसी के समझ से बाहर की बात है. समाधान यात्रा कैसे नाम तय किया गया, यह अपने आप में सवाल है. बक्सर के चौसा में हुई घटना इसका उदाहरण है. किसान शांतिपूर्ण तरीके से बैठे थे. किंतु वहां महिलाओं पर भी बर्बरता की गई. नीतीश की समाधान यात्रा प्रशासन के लोग तय करते हैं, जिसमें 25 लोगों को चुना जाता है. यही लोग मुख्यमंत्री से मिलते हैं. समाधान यात्रा में लोगों का कोई समाधान नहीं निकला है, यह महज खानापूर्ति हो रही है. समाधान यात्रा विफल हुआ है तो जीतन राम मांझी भी अपनी एक यात्रा निकाल रहे हैं.
भाजपा में आने के लिए कतार लंबीः जिस स्थिति में राज्य है, वैसे में बिहार प्रगति नहीं कर सकता है, बिहार दिशा विहीन राज्य हो चुका है. बिहार में वर्तमान सरकार की अक्षमता के कारण बिहार प्रगति नहीं कर सकता है. यह दिशाविहीन राज्य हो चुका है. भाजपा के राज्यसभा सांसद विवेक ठाकुर ने सुधाकर सिंह की उस बात का समर्थन किया, जिसमें उन्होंने कहा है कि बिहार की व्यवस्था किसान के अनुरूप नहीं है. जदयू -राजद के कई बड़े नेताओं के भाजपा में आने की संभावना के बाबत कहा कि भाजपा में आने के लिए कतार लंबी है. भाजपा उसे ग्रीन कार्ड देगी, जिसे जनता चाहेगी. जनता कहेगी तो ही इंट्री मिलेगी.