गया: कृषि मंत्री प्रेम कुमार सोमवार को मानपुर शहर के गौरक्षणी गौशाला के प्रांगण में आयोजित 131वें गोपाष्टमी कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने गायों की पूजा अर्चना की. इस मौके पर चैंबर ऑफ कॉमर्स के कौशलेंद्र प्रताप, अनुप केडिया, समाजसेवी मुन्ना डालमिया, बृज नंदन पाठक, पूर्व विधान पार्षद अनुज सिंह, सदर एसडीओ सत्येंद्र प्रसाद गुप्ता, पटवा समाज के प्रकाश पटवा सहित कई साहित्यकार, राजनीतिक और शहर के गणमान्य लोग उपस्थित रहे. आयोजकों ने कृषि मंत्री को फूल माला और अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया.
'गौशालाओं को 20-20 लाख की दी जाएगी राशि'
कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि राज्य में लगभग 85 गौशालाएं हैं. इनमें से कई की स्थिति काफी बदतर है. गौशालाओं की आधारभूत संरचना के लिए राज्य सरकार के सभी 85 गौशालाओं को 20-20 लाख की राशि दी जाएगी. इसमें देसी गायों की खरीद पर 5 लाख की राशि खर्च की जाएगी. वहीं, कैटल चारा की खरीद पर 1 लाख रुपये खर्च किये जाएंगे ताकि गौमाता को खाने के लिए चारे की व्यवस्था हो सके. इसके अलावा गौशाला की आधारभूत संरचना पर 14 लाख रूपे की राशि खर्च की जाएगी. इससे चारदीवारी का निर्माण, शेड, गौमाता के रखने के स्थल को बेहतर बनाया जा सके.
राजस्थान भेजी जाएगी रिसर्च टीम
प्रेम कुमार ने यह भी कहा कि पटना में साढ़े 5 करोड़ की लागत से अत्याधुनिक और वैज्ञानिक गौशाला का निर्माण कराया जाएगा. जहां गौमाता को व्यापक रूप से रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि प्राय: यह देखा जाता है कि जो गाय दूध नहीं देती, उसे सड़कों पर छोड़ दिया जाता है. इसकी जवाबदेही नगर निगम की होती है. ऐसी गायों को नगर निगम के तरफ से गौशाला में रखा जाता है. उन्होंने कहा कि जो गाय दूध नहीं दे पाती है. राजस्थान में उसपर रिसर्च किया गया है जो सफल साबित हुआ है. इसके लिए भी एक टीम राजस्थान भेजी जाएगी.
'गोबर और गोमूत्र से होगा जैविक खाद का निर्माण'
कृषि मंत्री ने कहा कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस योजना को अमलीजामा पहनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि मानपुर गौरक्षणी गौशाला में इस समय 240 गायें हैं. जिनमें से 60 गायें ऐसी हैं, जिन्हें तस्करी के लिए ले जाया जा रहा था. पुलिस प्रशासन के तरफ से जब्त कर यहां लाया गया है. पशु तस्करी पर रोक लगाई जा सके. इसके लिए पुलिस प्रशासन को निर्देश दिया गया है.
वहीं, उन्होंने कहा कि गौमाता के गोबर और गोमूत्र से जैविक खाद के निर्माण पर जोर दिया जा रहा है. आने वाले समय में जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके लिए जैविक खाद की जरूरत पड़ेगी. गौशालाओं में जो गोबर और गोमूत्र होता है. उसका इस्तेमाल जैविक खाद के निर्माण के लिए किया जाएगा. इससे गौशालाओं की आय भी बढ़ेगी और उनके आधारभूत संरचना का व्यापकविकास होगा.