गया: विश्व प्रसिद्ध गया का पितृपक्ष मेला शुरू होने में अभी एक दिन बाकी है. उससे पहले ही गया में देश के कोने-कोने से तीर्थयात्री पहुंचने लगे (Pilgrims started coming to Gaya Pitru paksha fair)हैं. वे अपने पूर्वजों की शांति के लिए पिंडदान व श्राद्ध कर्म कर रहे हैं. गया के विष्णुपद स्थित देवघाट के पास बड़ी संख्या में तीर्थयात्री पहुंचे हैं और पिंडदान कर रहे हैं(Pilgrims started doing Pind Daan in Gaya).गया में बंगाल से पहुंचे तीर्थयात्रियों ने बताया कि अपने माता-पिता का श्राद्ध करने के लिए वे पहली बार गया पहुंचे हैं.
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भादो में बंगाल के यात्री अधिक आते हैं : श्राद्ध पिंडदान करवा रहे विजय पंडा ने बताया कि भादो महीने में बंगाल के यात्री अधिक आते हैं और पितृपक्ष मेला तक रहते भी हैं. भीड़- भाड़ ज्यादा होने से बचने के लिए ये पहले ही बंगाल से गया पहुंच जाते हैं और पिंडदान श्राद्ध का कर्म शुरू कर देते हैं. बंगाल से फिलहाल जो यात्री पहुंचे हैं, वह 12 दिन तक रहकर गया में अपने पितरों का पिंडदान करेंगे.
पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए आए हैं : बंगाल से पहुंचे तीर्थ यात्रियों ने बताया कि गया पहुंचकर उन्हें बहुत खुशी हो रही है. वह अपने पूर्वजों का पिंडदान करने आए हैं, ताकि उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हो सके. इस बार गया काफी कुछ बदला हुआ है. हम लोगों में से अधिकांश पहली बार गया आए हैं, लेकिन सुना था कि फल्गु नदी में पानी नहीं रहता है, लेकिन यहां तो पूरा पानी ही पानी है. पिंडदानियों ने बताया कि गया आकर वे धन्य हो गए. जानकारी हो कि 9 सितंबर से पितृपक्ष मेला गया में शुरू होने जा रहा है. इसके पहले से ही बड़ी संख्या में पिंडदान करने वालों के आने का सिलसिला जारी है.
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"बंगाल से तीर्थयात्री भादो महीने में आते हैं और अनंत पूजा तक रहते हैं. इस बार अधिक संख्या में आए हैं. मेले में इस बार भीड़ अधिक होगी क्योंकि कोरोना की वजह से दो साल से मेला बंद था." -विजय पंडा, श्राद्ध कराने वाले.