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Pitru Paksha 2022: गया पितृपक्ष मेले में आने लगे तीर्थयात्री, कर रहे हैं पिंडदान - Pitru Paksha 2022

गया के पितृपक्ष मेला में दूरदराज से तीर्थयात्री आने लगे हैं. अपने पितरों के मोक्ष की कामना के लिए पिंडदान भी करने लगे हैं. पश्चिम बंगाल से गया पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या ज्यादा है.

गया पितृपक्ष मेले में आने लगे तीर्थयात्री, कर रहे हैं पिंडदान
गया पितृपक्ष मेले में आने लगे तीर्थयात्री, कर रहे हैं पिंडदान
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Published : Sep 8, 2022, 2:09 PM IST

गया: विश्व प्रसिद्ध गया का पितृपक्ष मेला शुरू होने में अभी एक दिन बाकी है. उससे पहले ही गया में देश के कोने-कोने से तीर्थयात्री पहुंचने लगे (Pilgrims started coming to Gaya Pitru paksha fair)हैं. वे अपने पूर्वजों की शांति के लिए पिंडदान व श्राद्ध कर्म कर रहे हैं. गया के विष्णुपद स्थित देवघाट के पास बड़ी संख्या में तीर्थयात्री पहुंचे हैं और पिंडदान कर रहे हैं(Pilgrims started doing Pind Daan in Gaya).गया में बंगाल से पहुंचे तीर्थयात्रियों ने बताया कि अपने माता-पिता का श्राद्ध करने के लिए वे पहली बार गया पहुंचे हैं.

ये भी पढ़ें :- पितृपक्ष के पहले दिन फल्गु नदी के तट पिंडदान जारी, जानें विधि-विधान और महत्व

भादो में बंगाल के यात्री अधिक आते हैं : श्राद्ध पिंडदान करवा रहे विजय पंडा ने बताया कि भादो महीने में बंगाल के यात्री अधिक आते हैं और पितृपक्ष मेला तक रहते भी हैं. भीड़- भाड़ ज्यादा होने से बचने के लिए ये पहले ही बंगाल से गया पहुंच जाते हैं और पिंडदान श्राद्ध का कर्म शुरू कर देते हैं. बंगाल से फिलहाल जो यात्री पहुंचे हैं, वह 12 दिन तक रहकर गया में अपने पितरों का पिंडदान करेंगे.

पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए आए हैं : बंगाल से पहुंचे तीर्थ यात्रियों ने बताया कि गया पहुंचकर उन्हें बहुत खुशी हो रही है. वह अपने पूर्वजों का पिंडदान करने आए हैं, ताकि उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हो सके. इस बार गया काफी कुछ बदला हुआ है. हम लोगों में से अधिकांश पहली बार गया आए हैं, लेकिन सुना था कि फल्गु नदी में पानी नहीं रहता है, लेकिन यहां तो पूरा पानी ही पानी है. पिंडदानियों ने बताया कि गया आकर वे धन्य हो गए. जानकारी हो कि 9 सितंबर से पितृपक्ष मेला गया में शुरू होने जा रहा है. इसके पहले से ही बड़ी संख्या में पिंडदान करने वालों के आने का सिलसिला जारी है.

ये भी पढ़ें :-पितृपक्ष मेला 2022: 5 लाख एडवांस बुकिंग, 8 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के जुटने की संभावना

"बंगाल से तीर्थयात्री भादो महीने में आते हैं और अनंत पूजा तक रहते हैं. इस बार अधिक संख्या में आए हैं. मेले में इस बार भीड़ अधिक होगी क्योंकि कोरोना की वजह से दो साल से मेला बंद था." -विजय पंडा, श्राद्ध कराने वाले.

गया: विश्व प्रसिद्ध गया का पितृपक्ष मेला शुरू होने में अभी एक दिन बाकी है. उससे पहले ही गया में देश के कोने-कोने से तीर्थयात्री पहुंचने लगे (Pilgrims started coming to Gaya Pitru paksha fair)हैं. वे अपने पूर्वजों की शांति के लिए पिंडदान व श्राद्ध कर्म कर रहे हैं. गया के विष्णुपद स्थित देवघाट के पास बड़ी संख्या में तीर्थयात्री पहुंचे हैं और पिंडदान कर रहे हैं(Pilgrims started doing Pind Daan in Gaya).गया में बंगाल से पहुंचे तीर्थयात्रियों ने बताया कि अपने माता-पिता का श्राद्ध करने के लिए वे पहली बार गया पहुंचे हैं.

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भादो में बंगाल के यात्री अधिक आते हैं : श्राद्ध पिंडदान करवा रहे विजय पंडा ने बताया कि भादो महीने में बंगाल के यात्री अधिक आते हैं और पितृपक्ष मेला तक रहते भी हैं. भीड़- भाड़ ज्यादा होने से बचने के लिए ये पहले ही बंगाल से गया पहुंच जाते हैं और पिंडदान श्राद्ध का कर्म शुरू कर देते हैं. बंगाल से फिलहाल जो यात्री पहुंचे हैं, वह 12 दिन तक रहकर गया में अपने पितरों का पिंडदान करेंगे.

पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए आए हैं : बंगाल से पहुंचे तीर्थ यात्रियों ने बताया कि गया पहुंचकर उन्हें बहुत खुशी हो रही है. वह अपने पूर्वजों का पिंडदान करने आए हैं, ताकि उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हो सके. इस बार गया काफी कुछ बदला हुआ है. हम लोगों में से अधिकांश पहली बार गया आए हैं, लेकिन सुना था कि फल्गु नदी में पानी नहीं रहता है, लेकिन यहां तो पूरा पानी ही पानी है. पिंडदानियों ने बताया कि गया आकर वे धन्य हो गए. जानकारी हो कि 9 सितंबर से पितृपक्ष मेला गया में शुरू होने जा रहा है. इसके पहले से ही बड़ी संख्या में पिंडदान करने वालों के आने का सिलसिला जारी है.

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"बंगाल से तीर्थयात्री भादो महीने में आते हैं और अनंत पूजा तक रहते हैं. इस बार अधिक संख्या में आए हैं. मेले में इस बार भीड़ अधिक होगी क्योंकि कोरोना की वजह से दो साल से मेला बंद था." -विजय पंडा, श्राद्ध कराने वाले.

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