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बुडको की मनमानी: 3 साल की योजना 5 सालों में भी जमीन पर नहीं उतरी

सरकारी कामों में लेटलतीफी का खामियाजा आम लोगों को ही उठाना पड़ता है. इसका उदाहरण गया में देखने को मिल रहा है. जिस पेयजल के लिए नई पाइप लाइन बिछाने का काम मार्च 2020 तक पूरा कर दिया जाना था वो अक्टूबर 2022 में भी जारी है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

pipeline laying plan in gaya
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Published : Oct 29, 2022, 6:01 PM IST

Updated : Oct 29, 2022, 11:11 PM IST

गया : बिहार के गया में बुडको द्वारा शहरी क्षेत्र में पेयजल के लिए नई पाइप लाइन बिछाने का काम किया जा रहा (pipeline laying plan in gaya) है. किंतु शहर की लाखों की आबादी के लिए बुडको की लालफीताशाही गले की फांस बन गई है. बुडको द्वारा पाइप लाइन बिछाने की योजना का काम मार्च 2020 तक पूरा कर दिया जाना था, किंतु अक्टूबर 2022 में भी काम चल रहा है. देर का ही नतीजा है कि गया का जीबी रोड का, जो कि 3 करोड़ की लागत से सौंंदर्यीकरण और चौड़ीकरण किया गया था, उसे काट दिया गया है. स्व निधि फंड से इसका निर्माण कराया गया था.

ये भी पढ़ें - आजादी के 70 साल भी नहीं बदली गया के इस गांव की तस्वीर, आज भी बांस के बर्तन बनाकर गुजर बसर कर रहे लोग

देखें रिपोर्ट.

21 अप्रैल 2022 को पूर्व डिप्टी सीएम ने किया था उद्घाटन : महज पांच माह पहले गया शहर के मुख्य मार्ग जीबी रोड के चौड़ीकरण और सौंदर्यीकरण की योजना का काम पूरा हुआ था. इसका उद्घाटन 21 मार्च 2022 को तत्कालीन डिप्टी सीएम तारकेश्वर प्रसाद के द्वारा किया गया था. किंतु अब यह सड़क बर्बाद हो गई है. चूंकि अब बुडको ने इस सड़क पर अपना बुलडोजर चलाना शुरू कर दिया है, पाइप लाइन बिछाने की योजना पर काम किया जा रहा है.


3 करोड़ 7 लाख की लागत से बनी थी नई सड़क : जीबी रोड की नई सड़क 3.7 करोड़ की लागत से बनी थी. बड़े तामझाम के साथ इसका उद्घाटन किया गया था. किंतु आज इसकी दुर्दशा देखकर शहरवासी काफी रोष में हैं. खासकर पर्व के समय बुडको ने काम शुरू किया है. वर्ष 2018 से शुरू किया गया काम रुक-रुक कर किया जा रहा है, जिसके कारण यह नौबत आई कि तीन करोड़ की लागत से बनी नई सड़क को भी काटना पड़ा.

''बुडको ने मनमानी की हद कर दी है. बार-बार मनमाने अनुसार काम लगाया जाता है, जिससे लोगों को परेशानियां झेलनी पड़ रही है. एक सिरे से काम कभी नहीं किया गया. नतीजतन आज तीन करोड़ की सड़क आंखों के सामने बर्बाद हो रही है. वहीं पर्व के समय इस तरह का कारनामा किए जाने से शहरवासियों को काफी तकलीफ हो रही है. सड़क तोड़े जाने से हादसे होने लगे हैं. सड़कों पर पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा है. शहर में जाम की स्थिति बन गई है.''- भानु प्रताप सिंह, स्थानीय

''यदि कुछ करना ही था तो कम से कम छठ पर्व के बाद किया जाता, तो दुकानदारों- आम लोगों को भी सहूलियत होती. किंतु ऐसे वक्त में यह किया गया है, जब हर कोई व्यस्त रहता है और शहर में पर्व का बाजार को लेकर भीड़ भाड़ होती है. दो पैसे की आमदनी इस समय किसी को हो पाती है. यह एक तरह से मनमानी है कि जब मन हुआ तो काम लगा दिया. सवाल उठाया कि आखिर समय पर लक्ष्य के अनुसार बुडको ने पाइप लाइन बिछाने का काम पूरा क्यों नहीं किया.''- संजीव कुमार, व्यवसायी

गले की फांस की तरह साबित हो रही : यह योजना गया शहर के लोगों के लिए गले की फांस बन गई है. इसके क्रियान्वयन में लगा बुडको कंपनी शहरवासियों को 5 वें साल भी पानी तो नहीं पिला पाया, किंतु पेयजल आपूर्ति की पुरानी पाइप, नाली और रोड तोड़कर परेशानियों को और जरूर बढ़ा दिया है. गया शहर के कई मोहल्लों में यही स्थिति बन गई है. मोहल्ले और मुख्य रोड की सड़कों को जीर्ण-शीर्ण हालत में लाकर खड़ा कर दिया है.


आखिरी डेडलाइन 31 मार्च 2022 भी पीछे छूटी : गया शहर में 311 करोड़ रुपए की राशि से पेयजल आपूर्ति के लिए नई पाइप लाइन बिछाने का काम बुडको के द्वारा शुरू किया गया था. 26 मार्च 2018 को इस योजना के क्रियान्वयन की शुरुआत की गई थी. इसे 2020 में ही पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था. 31 मार्च 2022 की आखिरी डेडलाइन भी निर्माण कार्य में लगी कंपनी क्रॉस कर गई. अंतिम डेड लाइन फिर से पार होकर 2022 के अक्टूबर माह में बुडको द्वारा काम शुरू किया गया है. फिर भी नए पाइप लाइन का काम शहर के सभी हिस्सों में पूरा नहीं किया जा सका है.

''योजना पर काम एस्टीमेट के अनुसार किया जा रहा है. इससे पहले पितृपक्ष मेले को लेकर बुडको द्वारा किए जा रहे काम को रोक दिया गया था. अब फिर से इसे शुरू किया गया है. हालांकि नगर निगम के आयुक्त ने 300 करोड़ की सड़क तोड़े जाने पर कुछ नहीं कहा.''- अभिलाषा शर्मा, नगर निगम आयुक्त, गया

गया : बिहार के गया में बुडको द्वारा शहरी क्षेत्र में पेयजल के लिए नई पाइप लाइन बिछाने का काम किया जा रहा (pipeline laying plan in gaya) है. किंतु शहर की लाखों की आबादी के लिए बुडको की लालफीताशाही गले की फांस बन गई है. बुडको द्वारा पाइप लाइन बिछाने की योजना का काम मार्च 2020 तक पूरा कर दिया जाना था, किंतु अक्टूबर 2022 में भी काम चल रहा है. देर का ही नतीजा है कि गया का जीबी रोड का, जो कि 3 करोड़ की लागत से सौंंदर्यीकरण और चौड़ीकरण किया गया था, उसे काट दिया गया है. स्व निधि फंड से इसका निर्माण कराया गया था.

ये भी पढ़ें - आजादी के 70 साल भी नहीं बदली गया के इस गांव की तस्वीर, आज भी बांस के बर्तन बनाकर गुजर बसर कर रहे लोग

देखें रिपोर्ट.

21 अप्रैल 2022 को पूर्व डिप्टी सीएम ने किया था उद्घाटन : महज पांच माह पहले गया शहर के मुख्य मार्ग जीबी रोड के चौड़ीकरण और सौंदर्यीकरण की योजना का काम पूरा हुआ था. इसका उद्घाटन 21 मार्च 2022 को तत्कालीन डिप्टी सीएम तारकेश्वर प्रसाद के द्वारा किया गया था. किंतु अब यह सड़क बर्बाद हो गई है. चूंकि अब बुडको ने इस सड़क पर अपना बुलडोजर चलाना शुरू कर दिया है, पाइप लाइन बिछाने की योजना पर काम किया जा रहा है.


3 करोड़ 7 लाख की लागत से बनी थी नई सड़क : जीबी रोड की नई सड़क 3.7 करोड़ की लागत से बनी थी. बड़े तामझाम के साथ इसका उद्घाटन किया गया था. किंतु आज इसकी दुर्दशा देखकर शहरवासी काफी रोष में हैं. खासकर पर्व के समय बुडको ने काम शुरू किया है. वर्ष 2018 से शुरू किया गया काम रुक-रुक कर किया जा रहा है, जिसके कारण यह नौबत आई कि तीन करोड़ की लागत से बनी नई सड़क को भी काटना पड़ा.

''बुडको ने मनमानी की हद कर दी है. बार-बार मनमाने अनुसार काम लगाया जाता है, जिससे लोगों को परेशानियां झेलनी पड़ रही है. एक सिरे से काम कभी नहीं किया गया. नतीजतन आज तीन करोड़ की सड़क आंखों के सामने बर्बाद हो रही है. वहीं पर्व के समय इस तरह का कारनामा किए जाने से शहरवासियों को काफी तकलीफ हो रही है. सड़क तोड़े जाने से हादसे होने लगे हैं. सड़कों पर पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा है. शहर में जाम की स्थिति बन गई है.''- भानु प्रताप सिंह, स्थानीय

''यदि कुछ करना ही था तो कम से कम छठ पर्व के बाद किया जाता, तो दुकानदारों- आम लोगों को भी सहूलियत होती. किंतु ऐसे वक्त में यह किया गया है, जब हर कोई व्यस्त रहता है और शहर में पर्व का बाजार को लेकर भीड़ भाड़ होती है. दो पैसे की आमदनी इस समय किसी को हो पाती है. यह एक तरह से मनमानी है कि जब मन हुआ तो काम लगा दिया. सवाल उठाया कि आखिर समय पर लक्ष्य के अनुसार बुडको ने पाइप लाइन बिछाने का काम पूरा क्यों नहीं किया.''- संजीव कुमार, व्यवसायी

गले की फांस की तरह साबित हो रही : यह योजना गया शहर के लोगों के लिए गले की फांस बन गई है. इसके क्रियान्वयन में लगा बुडको कंपनी शहरवासियों को 5 वें साल भी पानी तो नहीं पिला पाया, किंतु पेयजल आपूर्ति की पुरानी पाइप, नाली और रोड तोड़कर परेशानियों को और जरूर बढ़ा दिया है. गया शहर के कई मोहल्लों में यही स्थिति बन गई है. मोहल्ले और मुख्य रोड की सड़कों को जीर्ण-शीर्ण हालत में लाकर खड़ा कर दिया है.


आखिरी डेडलाइन 31 मार्च 2022 भी पीछे छूटी : गया शहर में 311 करोड़ रुपए की राशि से पेयजल आपूर्ति के लिए नई पाइप लाइन बिछाने का काम बुडको के द्वारा शुरू किया गया था. 26 मार्च 2018 को इस योजना के क्रियान्वयन की शुरुआत की गई थी. इसे 2020 में ही पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था. 31 मार्च 2022 की आखिरी डेडलाइन भी निर्माण कार्य में लगी कंपनी क्रॉस कर गई. अंतिम डेड लाइन फिर से पार होकर 2022 के अक्टूबर माह में बुडको द्वारा काम शुरू किया गया है. फिर भी नए पाइप लाइन का काम शहर के सभी हिस्सों में पूरा नहीं किया जा सका है.

''योजना पर काम एस्टीमेट के अनुसार किया जा रहा है. इससे पहले पितृपक्ष मेले को लेकर बुडको द्वारा किए जा रहे काम को रोक दिया गया था. अब फिर से इसे शुरू किया गया है. हालांकि नगर निगम के आयुक्त ने 300 करोड़ की सड़क तोड़े जाने पर कुछ नहीं कहा.''- अभिलाषा शर्मा, नगर निगम आयुक्त, गया

Last Updated : Oct 29, 2022, 11:11 PM IST
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